क्या सिगरेट से कम नुकसानदायक है E-cigarettes? जानें ई सिगरेट से जुड़े मिथ और सच

सिगरेट की तरह ई सिगरेट में निकोटिन की मात्रा होती है लेकिन इसे सिगरेट से कम नुकसानदायक माना जाता है। इसमें अलग-अलग फ्लेवर होने के कारण युवाओं में इसे काफी मशहूर माना जाता है। भारत में ई सिगरेट पर 2019 में बैन लगा दिया था। इसे पीने या बेचने वाले को 1 साल की सजा के साथ जुर्माना दोनों भरना पड़ता है।

क्या सिगरेट से कम नुकसानदायक है E-cigarettes? जानें ई सिगरेट से जुड़े मिथ और सच

E-cigarettes myth: ईलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जिसे आमतौर पर हम ई-सिगरेट के रूप में जानते हैं। कहा जाता है कि इसे पीने से नुकसान नहीं होता है। भारत ने 2019 में ई-सिगरेट के प्रोडक्शन, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, विज्ञापन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर बैन लगा दिया था। लेकिन उसके बावजूद अवैध रूप से इसका इंपोर्ट भारत में होता रहा है। ई-सिगरेट खासतौर पर कॉलेज और स्कूल के स्टूडेंट्स के बीच स्टाइल स्टेटमेंट की चीज है। आज हम आपको ई-सिगरेट से जुड़े मिथ के बारे में जानकारी देंगे साथ ही इसके नुकसान के बारे में बताएंगे।

क्या होता है ई-सिगरेट?

ई-सिगरेट या वेप पेन एक ईलेक्ट्रानिक गैजेट है जिसे गर्म किया जाता है। इसे बैटरी के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक स्वीच लगा होता है जिसे जलाने पर ये गर्म होने के बाद एक तरीके का भाप बनाता है जिसे लोग शरीर के अंदर निकोटिन की मात्रा को पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस ई सिगरेट में एक बल्ब लगा होता है जो कश लगाने पर जलता है और नॉर्मल सिगरेट में तंबाकू जलने जैसा फील देता है। ई-सिगरेट के अंदर पाए जाने वाले केमिकल के बारे में मौलाना आजाद मेडिकल हॉस्पिटल के साइकोलॉजी एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर रवि कौशिक ने बताया, "इसके अंदर तरल पदार्थ और केमिकल के अलावा ग्लिसरिन भी पाया जाता है जो इसे गर्म करने में मदद करता है। ई सिगरेट के जलने पर धुंआ नहीं निकलता इसलिए इसे कहीं भी पीया जा सकता है।"

E-Cigarette और नॉर्मल सिगरेट में अंतर

इसके बारे में डॉक्टर कौशिक बताते हैं, "कि नॉर्मल सिगरेट में निकोटिन के साथ-साथ तंबाकू होता है लेकिन ई सिगरेट में सिर्फ निकोटिन होता है। इसके अलावा ई सिगरेट में निकोटिन की मात्रा कम पाई जाती है।" नॉर्मल सिगरेट पीते वक्त धुंआ निकलता है जो कि सिगरेट पीने के साथ ही आसपास खड़े दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। "ई सिगरेट में कई तरह के फेलवेर भी आते हैं जिसे पीने के बाद अगर आप किसी के पास बैठेंगे तो उसे एहसास भी नहीं होगा की आपने सिगरेट पी हुई है। यही वजह है कि युवाओं में ई सिगरेट बेहद मशहूर माना जाता है।"

कितना नुकसानदायक है ई सिगरेट?

"ई सिगरेट नॉर्मल सिगरेट से तीन गुना कम नुकसानदायक है। जैसे अगर नॉर्मल सिगरेट 1 महीनें में जितना नुकसान पहुंचाता है ई सिगरेट पीने से वो नुकसान आपको 3 महीनें में होने की संभावना होती है। सिगरेट की तरह ई सिगरेट में भी निकोटिन की मात्रा पाई जाती है।

ई सिगरेट से बिमारियों को लेकर डॉक्टर कौशिक बताते हैं," ई सिगरेट आम सिगरेट से बेशक कम नुकसानदायक हो लेकिन इससे भी कई तरह की खतरनाक बिमारियां होती हैं। जैसे कैंसर, हाई बीपी, सांस लेने में परेशानी, लंग इंजरी, किडनी फेलियर, ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर बिमारियों इसे पीने से होती हैं। साथ ही ई सिगरेट के कारण अस्थमा जैसी बिमारियों का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। " ई सिगरेट में कार्सिनोजोनिक एलिमेंट्स भी पाए जाते है जो किसी भी इंसान के लिए लेना एक जहर पीने से कम नहीं होता है।

कैसे और क्यों बनना शुरू हुआ सिगरेट?

ई सिगरेट 2003 में एक चीन के फार्मसिस्ट ने बनाई थी। डॉक्टर कौशिक बताते हैं कि, "दरअसल ई सिगरेट की मार्केटिंग सिगरेट को छुड़ाने के लिए की गई थी। क्योंकि ई सिगरेट आम सिगरेट से कम नुकसानदाय होती है तो इसे जो लोग सिगरेट छोड़ना चाहते हैं उनके लिए बनाई गई ताकि वो आम सिगरेट की जगह इसका इस्तेमाल कर धीरे-धीरे सिगरेट छोड़ सकें।"

लेकिन ई सिगरेट सिगरेट न पीने वालों को ज्यादा प्रेरित करने लगा। क्योंकि माना जाता है कि ई सिगरेट कम नुकसान देता है और इसमें फ्लेवर होने की वजह से इसे कहीं भी और कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है तो लोगों ने पहले इसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। बच्चों में ये एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है। ई सिगरेट में निकोटिन होने की वजह से धीरे-धीरे इसकी लत लगती है जिसके बाद ये निकोटिन की ज्यादा मात्रा लेने के लिए प्रेरित करता है। बता दें कि भारत में ई सिगरेट पर 2019 में बैन लगा दिया गया था। जिसे इस्तेमाल करने पर 1 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

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सोनाली ठाकुर author

मैं सोनाली ठाकुर टाइम्स नाउ नवभारत में बतौर सीनियर रिपोर्टर कार्यरत हूं। मेरी महिलाओं से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ एंटरटेनमेंट और ऐतिहासिक मुद्दों पर भ...और देखें

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