अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों को सकती है ये स्वास्थ्य समस्याएं, नई स्टडी में हुआ खुलासा

एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाएं काफी हद तक प्रभावित हो सकती हैं। अंतरिक्ष में बेहद प्रतिकूल वातावरण है जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली पर खतरा रहता है जो पृथ्वी पर लौटने के बाद भी बना रहता है।

Astronauts' immune systems at risk

एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाएं काफी हद तक प्रभावित हो सकती हैं। अंतरिक्ष में बेहद प्रतिकूल वातावरण है जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि अंतरिक्ष मिशन पर जाने वाले यात्रियों की प्रतिरक्षा प्रणाली पर खतरा रहता है जो पृथ्वी पर लौटने के बाद भी बना रहता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी उन्हें संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है और शरीर में गुप्त वायरस के पुनः सक्रिय होने का कारण बन सकती है।

स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के माइक्रोबायोलॉजी, ट्यूमर और सेल (NS:SAIL) बायोलॉजी विभाग में प्रमुख शोधकर्ता लिसा वेस्टरबर्ग ने कहा, "यदि अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित अंतरिक्ष अभियानों से गुजरने में सक्षम होना है, तो हमें यह समझने की जरूरत है कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रभावित होती है और इसमें होने वाले हानिकारक परिवर्तनों का मुकाबला करने के तरीके खोजने की कोशिश करें।''

वेस्टरबर्ग ने कहा, "अब हम यह जांच करने में सक्षम हो गए हैं कि भारहीन स्थितियों के संपर्क में आने पर टी-कोशिकाओं का क्या होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर डालती है।'' अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अंतरिक्ष के वातावरण की तरह ही एक विधि का उपयोग कर अंतरिक्ष में भारहीनता का अनुकरण करने का प्रयास किया है। इसमें एक कस्टम-निर्मित वॉटरबेड शामिल है जो शरीर को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि यह भारहीन स्थिति में है।

End Of Feed