World Meditation Day: बच्चे को कम उम्र से कराना शुरू करें मेडिटेशन, बेहतर होगा मानसिक विकास, कंप्यूटर से भी तेज दौड़ेगा दिमाग
Baccho Ke Liye Meditation: आमतौर पर व्यस्क लोग ही मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं अगर पेरेंट्स छोटी उम्र से ही बच्चों को मेडिटेशन का अभ्यास कराएं, तो यह उनके संपूर्ण स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। यह भविष्य में उन्हें मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से भी बचाएगा।
Meditation Benefits For Children In Hindi
Baccho Ke Liye Meditation: आपने अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स को यह सलाह देते सुना होगा कि नियमित 10-15 मिनट मेडिटेशन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। यह समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। मेडिटेशन या ध्यान एक ऐसा अभ्यास है, जिसमें मानसिक और शारीरिक टेक्निक के संयोजन की मदद से मन को केंद्रित और आंतरिक रूप से साफ किया जाता है। यह आपके दिमाग को रिलैक्स करता है, तनाव और चिंता आदि से मक्ति दिलाता है। हमारे मानसिक स्वास्थ्य सुधार करता है, सोचने-समझने की क्षमता, फोकस, याददाश्त और संपूर्ण ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।लेकिन आमतौर पर हम देखते हैं कि बड़ी उम्र के या व्यस्क लोग ही मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, बच्चों को कम उम्र से ही मेडिटेशन जैसी क्रियाएं सिखाना और नियमित इनका अभ्यास करना बहुत लाभकारी हो सकता है।
अगर पेरेंट्स बचपन से ही बच्चों को ध्यान का अभ्यास करना सिखाएं, तो भविष्य में उनका बच्चा अधिक मेंटली स्ट्रांग बनेगा। उसका दिमाग तेज होगा और याददाश्त बेहतर होती है। यह उसके संपूर्ण मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के बेहतर विकास में मदद कर सकता है। बच्चों के लिए मेडिटेशन का अभ्यास कैसे लाभकारी हो सकती है और छोटी उम्र से ही उन्हें ध्यान सिखाने के क्या फायदे हैं, इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने योग और अध्यात्म गुरू हिमालयन सिद्ध अक्षर (ग्रैंड मास्टर अक्षर) से बात की, जो अक्षर योगा केंद्र के फाउंडर हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...
बच्चों के लिए मेडिटेशन करने के क्या फायदे हैं - Meditation Benefits For Children In Hindi
हिमालयन सिद्ध अक्षर बताते हैं कि बच्चों का दिमाग नरम मिट्टी की तरह होता है, जो उनके सामने आने वाले अनुभवों और प्रथाओं से आकार लेने के लिए तैयार होता है। अपने शुरुआती उम्र के दौरान, उनका दिमाग असाधारण गति से जानकारी, भावनाओं और आदतों को अवशोषित करता है, जिससे उनके भविष्य के विकास की नींव तैयार होती है। इसके अलावा, वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि ध्यान दिमाग की संरचना और कार्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, यहां तक कि बच्चों में भी। यह बच्चों को दिमागी रूप से मजबूत बनाने और बेहतर शारीरिक विकास में कई तरह से मददगार साबित हो सकता है।
सोच और व्यवहार में करे सुधार
ध्यान का अभ्यास मस्तिष्क के ध्यान और आत्म-नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हिस्सों को मजबूत करता है। जब बच्चे ध्यान करना सीखते हैं, तो वे प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal Cortex) में मजबूत संबंध विकसित करते हैं। यह दिमाग का वह क्षेत्र है, जो जटिल सोच और व्यवहार विनियमन का प्रबंधन करता है। ये तंत्रिका परिवर्तन बच्चों को स्कूल की गतिविधियों के दौरान ध्यान केंद्रित रखने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने में मदद करते हैं।
भावनात्मक रूप से बनाए मजबूत
ध्यान के माध्यम से भावनात्मक विनियमन में काफी सुधार होता है। जो बच्चे नियमित रूप से ध्यान करते हैं उनमें अपनी भावनाओं को पहचानने और प्रबंधित करने की बेहतर क्षमता दिखाई देती है। परेशान या क्रोधित होने पर आवेगपूर्ण कार्य करने के बजाय, वे रुकना और सोच-समझकर प्रतिक्रिया देना सीखते हैं। यह कौशल साथियों के साथ संघर्ष के दौरान या शैक्षणिक चुनौतियों का सामना करते समय विशेष रूप से मूल्यवान साबित होता है।
याददाश्त में सुधार
अध्ययनों से पता चलता है कि ध्यान बच्चों की याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ाता है। नियमित अभ्यास से स्मृति निर्माण से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों में ग्रे मैटर बढ़ता है। जो बच्चे ध्यान करते हैं, वे अक्सर उन बच्चों की तुलना में परिणाम में बेहतर स्कोर करते हैं और जानकारी बनाए रखते हैं, जो ध्यान का अभ्यास नहीं करते हैं।
बेहतर नींद
ध्यान का अभ्यास करने से नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। जो बच्चे सोने से पहले ध्यान करते हैं वे अधिक आसानी से सो जाते हैं, बेहतर नींद की गुणवत्ता का अनुभव करते हैं। बेहतर आराम से दिन की गतिविधियों के दौरान ध्यान और व्यवहार में सुधार होता है।
स्कूल में भी व्यवहार रहता है अच्छा
जिन स्कूलों में बच्चों को मेडिटेशन सिखाया जाता है या इसका अभ्यास कराया जाता है, वह बताते हैं कि इससे बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं में कमी और कक्षा के माहौल में सुधार करने में मदद मिलती है। छात्र शिक्षकों और साथियों के साथ अधिक सहयोग दिखाते हैं, जिससे सीखने का माहौल अधिक सकारात्मक होता है। इसके अलावा यह छात्रों के बीच चिंता और तनाव संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
लंबे समय में मिलते हैं चमत्कारी फायदे
बच्चों को जल्दी मेडिटेशन का अभ्यास करने से स्थायी सकारात्मक आदतें बनती हैं। जो बच्चे अपनी शुरुआती उम्र के दौरान ध्यान तकनीक सीखते हैं, वे अक्सर टीनएज और वयस्क होने पर भी इन अभ्यासों को जारी रखते हैं। यह प्रारंभिक आधार उन्हें आजीवन तनाव प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद करता है।
ध्यान का प्रभाव अभ्यास सत्र से आगे तक फैलता है। जो बच्चे नियमित रूप से ध्यान करते हैं उनके परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ रिश्ते बेहतर होते हैं। वे दूसरों के प्रति अधिक सहानुभूति और समझ प्रदर्शित करते हैं, जिससे सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।
अध्ययन से बचपन के ध्यान के नए लाभों का पता चलता रहता है। वैज्ञानिकों ने युवा चिकित्सकों के बीच मस्तिष्क की संरचना और कार्य में सकारात्मक बदलाव देखे हैं। ये निष्कर्ष प्रारंभिक विकास चरणों के दौरान ध्यान शुरू करने के महत्व का समर्थन करते हैं।
बच्चों को कौन से मेडिटेशन अभ्यास करा सकते हैं
छोटे बच्चों को शुरुआती उम्र से ही कुछ सरल ध्यान अभ्यास कराना शुरू कर सकते हैं जैसे छोटी सांस लेने के व्यायाम। गाइडेड इमेजनरी और माइंडफुल मूवमेंट जैसी गतिविधियां युवा अभ्यासकर्ताओं के लिए उपयुक्त हैं। ये बुनियादी तकनीकें बच्चों को बिना परेशान किए ध्यान की अवधारणा को समझने में मदद करती हैं।
बच्चों की दैनिक दिनचर्या में ध्यान को शामिल करने के लिए धैर्य और निरंतरता की आवश्यकता होती है। छोटे सेशन से शुरुआत करने और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाने से स्थायी अभ्यास आदतें बनाने में मदद मिलती है। यह दृष्टिकोण बच्चों को उनकी रुचि और जुड़ाव बनाए रखते हुए ध्यान के लाभों का अनुभव करने की अनुमति देता है।
बच्चों को ध्यान सिखाने में कौन कर सकता है मदद
बच्चों को ध्यान से परिचित कराने में माता-पिता और शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित अभ्यास सत्र, स्पष्ट निर्देश और सकारात्मक सुदृढीकरण बच्चों को लगातार ध्यान की आदतें विकसित करने में मदद करते हैं। वयस्कों को ध्यान के लाभों को सरल शब्दों में समझाना चाहिए जिन्हें बच्चे समझ सकें।
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