Best Pre Workout: एक्सरसाइज के बाद नहीं अकड़ेंगी मांसपेशियां, खाइए ये फल वर्कआउट के बाद भी बची रहेगी ताकत

Best Pre Workout Apple Or Banana: सेब और केला सबसे ज्यादा खाए जाने वाले प्री वर्कआउट स्नैक्स हैं। केले में मौजूद कार्ब्स और पोटैशियम शरीर में एनर्जी को तेजी से बढ़ाते हैं, जिससे भारी एक्सरसाइज करने में मदद मिलती है। वहीं सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है और फाइबर ज्यादा होता है, ये भी तेजी से एनर्जी देता है। लेकिन दोनों में बेहतर क्या है?

केला या सेब दोनों में कौन है बेहतर प्री वर्कआउट स्नैक

Banana Or Apple Better Pre Workout

Best Pre Workout Apple Or Banana: एक अच्छा प्री वर्कआउट स्नैक आपके एक्सरसाइज को और बेहतर बना सकता है। आमतौर पर बाजार में मिलने वाले फलों में केला और सेब सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले और खाए जाने वाले प्री वर्कआउट स्नैक हैं। इन दोनों फलों के पोषक तत्व भी शानदार हैं, ये वर्कआउट से पहले एक्सरसाइज करने के लिए ताकत देते हैं।दोनों में से आपके लिए क्या बेहतर है?

आइए बारी बारी से दोनों के फायदे समझते हैं और जानते हैं कि दोनों में बेहतर क्या है।

पोषक तत्व

केलों में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं और ये शरीर में अचानक से एनर्जी को बढ़ा देते हैं। एक सामान्य साइज के केले में लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं और करीब 3 ग्राम फाइबर होता है। ये ब्लड शुगर लेवल को अचानक से बढ़ने से रोकता है।इसमें मांसपेशियों की क्षमता बढ़ाने वाला पोटैशियम भी होता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव आने की आशंका कम हो जाती है। एक केले में करीब 422 मिलीग्राम पोटैशियम होता है।

वहीं सेब की बात करें तो इसमें कार्बोहाइड्रेट्स केले की तुलना में कुछ कम होते हैं। एक मीडियम साइज के सेब में करीब 25 ग्राम कार्ब्स होते हैं।इसमें फाइबर और पेक्टिन भी होता है, जिससे पाचन शक्ति ठीक रहती है। इसमें पानी की मात्रा भी केले से ज्यादा होती है जिससे शरीर में हाइड्रेशन लेवल बना रहता है। इससे भी मांसपेशियों में खिंचाव की आशंका कम हो जाती है.

कैसे देते हैं ये ताकत

ज्यादा भारी काम करने वाले लोगों के लिए केला एक बेहतर विकल्प है। इसका हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स एथिलिट्स के लिए अच्छा होता है। ये पचाने में आसान होता है और इसमें मौजूद शुगर तेजी से टूटकर शरीर को ज्यादा एनर्जी देती है। इसकी एनर्जी से भारी एक्सरसाइज करने के बाद भी शरीर में कमजोरी नहीं आती है।

सेबों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है यानी इसमें मौजूद चीनी धीरे धीरे रिलीज होती है। इसलिए लंबे देर तक किए जाने वाले काम या एक्सरसाइज में ये बतौर प्री वर्कआउट स्नैक एक बेहतर विकल्प हो सकता है।इसमें मौजूद फाइबर के वजह से भी इसकी चीनी को धीरे धीरे टूटती है और खून में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय के लिए बना रहता है।

दोनों के पोषक तत्व

केलों में अच्छी मात्र में विटामिन बी6 होता है, जो शरीर के मेटाबोलिज्म को भी ठीक रखता है और दिमाग के फंक्शन को भी बेहतर करता है।इससे एक्सरसाइज के दौरान फोकस्ड रहने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद पोटैशियम शरीर मने इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखता है, जिससे पसीना होने के बाद भी मांसपेशियों में खिंचाव का खतरा नहीं रहता है।

सेब एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी से भरा होता है। जिससे मांसपेशियों के रिपेयरिंग में मदद मिलती है और इम्यून सिस्टम भी बना रहता है।जैसे केले में पोटैशियम होता है वैसे ही मांसपेशियों के खयाल के लिए सेबों में पॉलिफेनॉल होता है।

दोनों में कौन है बेहतर

दोनों फलों के प्री वर्कआउट स्नैक्स के रूप में अपने फायदे हैं। आप किस तरह का काम या एक्सरसाइज करते हैं ये उसपर निर्भर करता है कि आपको क्या खाना चाहिए। झटके से खत्म होने वाले भारी एक्सरसाइज जैसे वेटलिफ्टिंग वगैरह में केला शानदार प्री वर्कआउट स्नैक साबित होता है।वहीं लंबे समय तक चलने वाले एक्सरसाइज जैसे साइकिलिंग या जॉगिंग से पहले अगर सेब खाया जाए तो ये बेहतर साबित होगा.

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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