Health Alert: पुरीनी बीमारी बर्ड फ्लू H5N1 वायरस की लहर दे रही दस्तक, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी - कोरोना से 100 गुना घातक ये बीमारी

Bird Flu H5N1 Virus 100 Times More Deadly Than Corona: पुरानी बीमारी के नए स्ट्रेन H5N1 को लेकर नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि यह बीमारी कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। शोधकर्ताओं ने इसको लेकर चिंता जताई है। जानें क्या है ये बीमारी।

Bird Flu H5N1 Virus 100 Times More Deadly Than Corona

Bird Flu H5N1 Virus 100 Times More Deadly Than Corona: कोरोना के बाद अब एक पुरानी बीमारी लोगों ने चिताएं बढ़ा दी हैं। आपको बता दें कि जानवरों में होने वाली पुरानी बीमारी बर्ड फ्लू को लेकर वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है। यह आशंका जताई जा रही है कि जानवरों से इंसानों में फैलने वाली इस बीमारी के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है। बताया जा रहा है कि यह बीमारी कोरोना वायरस रे भी 100 गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है, खासकर इस महामारी का नया स्ट्रेन H5N1। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस स्ट्रेन में महामारी पैदा करने की क्षमता है और यह खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है।शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि अगर यह पुरानी बीमारी का रूप ले लेती है, तो यह काफी गंभीर हो सकता है। यह महामारी कोरोना से भी अधिक तबाही मचा सकती है।

कैसे तबाही मचा सकती है ये महामारी

बर्ड फ्लू का स्ट्रेन H5N1 कोरोना से भी खतरनाक बताया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इससे पीड़ित आधे से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2003 के बाद जिन लोगों में H5N1 बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई उनमें से 100 मामलों में से 52 की मौत हो चुकी है। आंकड़ों की मानें तो अब तक सिर्फ इसके सिर्फ 887 मामले ही मामले आए हैं, लेकिन चिंता की बात यह है कि इनमें से कुल 462 की मौत हो चुकी है। इस बीमारी की मृत्यु दर 50 प्रतिशत से भी अधिक है, जबकि कोरोना की मृत्यु दर शुरुआत में 20 प्रतिशत और बाद में 0.1 थी।

H5N1 बर्ड फ्लू क्या है?

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा - एवियन (पक्षी) इन्फ्लूएंजा (फ्लू या बर्ड फ्लू टाइट ए वायरस के संक्रमण होने वाली बीमारी को संदर्भित करता है। यह एक ऐसा वायरस है, जो आमतौर पर दुनिया भर में जंगली जलीय पक्षियों में देखने को मिलता है। हालांकि, बर्ड फ्लू के वायरस आमतौर इंसानों को प्रभावित नहीं करते। मनुष्यों में इसके मामले कम देखे गए हैं। हालांकि, अब इसके मामले मनुष्यों में बढ़ रहे हैं। यह वायरल मुख्य तौर पर घरेलू पोल्ट्री और अन्य पक्षी और पशु प्रजातियों को संक्रमित करते हैं। इस वायरस का पता पहली बार 1996 में चीन के पक्षियों में लगाया गया था।
इस बीमारी की मॉनिटरिंग अमेरिका कर रहा है। इस बीमारी के हाल के मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसलिए H5N1 संक्रमणों की खोज से मामले की तात्कालिकता पर जोर दिया जा रहा है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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