Eye Twitching:आंख फड़कना अंधविश्वास नहीं सेहत की बात है, जानिए क्या है कारण
Eye Twitching : आंखों के फड़कने के पीछे साइंटिफिक रिजन होता है, हमारी पलकों के मसल्स में ऐंठन की वजह से भी कई बार आई ट्विचिंग होती है। आंखों के फड़कने का पीरियड बढ़कर हफ्ता या महिना हो जाए तो फिर सावधानी बरतने की जरूरत है। ये एक बड़ा संकेत है कि, आपके शरीर को कोई बड़ी बीमारी घेरने वाली है।
आंखों का लंबे समय तक फड़कना बढ़ा सकता है आपकी मुश्किलें ( प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- आंखों का लंबे समय तक फड़कना बढ़ा सकता है आपकी मुश्किलें
- आंखों के फड़कने से इन दो बीमारियों का रहता है खतरा
- आंखे आपको समय रहते देने लगती हैं ये संकेत
ये वजह है आई ट्विचिंग की
गौरतलब है कि, आंखों के फड़कने के पीछे साइंटिफिक रिजन होता है, हमारी पलकों के मसल्स में ऐंठन की वजह से भी कई बार आई ट्विचिंग होती है। इसमें गौर करने वाली बात ये है कि, अगर ऐसा एक दो दिन होता है तो ये एक शरीर का नॉर्मल प्रोसिजर है। मगर इसका पीरियड बढ़कर हफ्ता या महिना हो जाए तो फिर सावधानी बरतने की जरूरत है। ये एक बड़ा संकेत है कि, आपके शरीर को कोई बड़ी बीमारी घेरने वाली है।
आंखें फड़की तो ये बीमारियों कड़की
नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक आई ट्विचिंग की के कारण मानव शरीर में दो क्रिटिकल बीमारियां आने की संभावना रहती हैं। जिसमें पहली से बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म और दूसरी हेमीफेशियल स्पाज्म। अब आप सोच रहे होंगे कि, आखिर ये कौनसी बीमारियां है व इनके क्या दुष्प्रभाव होते हैं। तो जानिए पहली बीमारी बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म के बारे में। आइ स्पेशलिस्ट बताते हैं कि बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्म नेत्र रोग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी की वजह से लगातार आंखों के फड़कने से आपकी आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. जो आंखों की रोशनी के लिए भी घातक है। इसके लक्षण हैं ये, आंखें फड़कने लगती हैं, पलकें झपकने से दर्द महसूस होता है, आंखों में सूजन दिखने लगती है व स्पष्ट नहीं दिखाई देता। वहीं दूसरी बीमारी हेमीफेशियल स्पाज्म के कारण पलकों के मसल्स के साथ इसका सीधा असर आपके चेहरे पर दिखाता है। इससे चेहरे का कुछ पार्ट सिकुड़ने लगता है। जानें इसके लक्षण आंखों को खोलते-बंद करते समय दर्द होना, चेहरे के मूवमेंट में परेशानी होना व गालों में स्ट्रेस महसूस होना।
जानिए कैसे करें उपचार
नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आपको इस तरह सके लक्षण दिखाई देते हैं तो फौरन इलाज करना शुरू कर दें। हालांकि घर में उपाय से बेहतर तो ये होगा कि आप नेत्र रोग चिकित्सक के पास जाएं। नेत्र चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक आप दिमाग व आंखों को आराम देने की कोशिश करें। अपने रोजमर्रा के खान- पान को बदलते हुए ग्रीन वेजिटेबल्स सहित फल लें। वहीं अधिक मात्रा में पानी पीने का प्रयास करें। जिससे बॉडी अधिक डिटॉक्स होगी। चिकित्क की सलाह से आंखों में रोज वॉटर या आई ड्रॉप भी डाल सकते हैं। वहीं अगर आप लेपटॉप, कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो इसे कम करें। टीवी ज्यादा देर तक ना देखें। हो सके तो आंखों की एक्सरसाइज करें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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