Blood Sugar: क्या डायबिटीज के मरीजों को तरबूज खाना चाहिए ? एक्सपर्ट से जानिए क्या है सच्चाई
Diabetes and Watermelon: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने खान-पान और जीवनशैली का खासा ध्यान रखना होता है। तरबूज में कई विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इसे बहुत फायदेमंद बनाते हैं। लेकिन इसमें नेचुरल शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स (Watermelon Contains Sugar And Carbohydrates) भी होते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों का आहार संतुलित होना चाहिए।
Watermelon in Diabetes: क्या शुगर वाले लोग तरबूज खा सकते हैं?
तरबूज में विटामिन ए, विटामिन बी1 और बी6, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, लाइकोपीन, लाइकोपीन होता है। लेकिन कई लोग तरबूज खाने से परहेज करते हैं। क्योंकि इसमें काफी मात्रा में नेचुरल शुगर होती है। आज हम आपको बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को तरबूज (Can I Eat Watermelon If I Have Diabetes?) खाना चाहिए या नहीं? आइये जानते हैं कि क्या है सच्चाई-
ग्लाइसेमिक इंडेक्स - Glycemic Index of Watermelon
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कहा जाता है। इसलिए उन्हें अपनी डाइट का खास ख्याल रखना होता है। मधुमेह रोगियों को फल और सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये ब्लड शुगर (Blood Sugar) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। लेकिन फलों में प्राकृतिक शुगर और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं। इसलिए मधुमेह रोगियों का आहार संतुलित होना चाहिए। प्रत्येक भोजन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स बताता है कि खाना कितनी जल्दी ब्लड शुगर को प्रभावित करता है।
किसी भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स जितना कम होगा, उतनी ही धीरे-धीरे वह रक्त शर्करा में अवशोषित होगा। इस ग्लाइसेमिक इंडेक्स का माप 0 से 100 तक होता है। यह संख्या जितनी अधिक होती है, उतनी ही तेजी से चीनी ब्लड में अवशोषित हो जाती है। 70 या उससे अधिक के ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) वाले खाद्य पदार्थों को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ कहा जाता है।
तरबूज हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स की सूची में है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index of Watermelon) लगभग 72 है। डायबिटीज फाउंडेशन का कहना है, 'तरबूज में पानी प्रचुर मात्रा में है। 120 ग्राम तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 5 होता है। इसलिए ताजा तरबूज खाने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन तरबूज का रस पीना मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है। क्योंकि जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो सकता है।'
कई शोधकर्ताओं का कहना है कि किसी भी खाने के ग्लाइसेमिक लोड पर भी विचार किया जाना चाहिए। ग्लाइसेमिक लोड को ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कार्बोहाइड्रेट सामग्री की जांच करके मापा जाता है। ग्लाइसेमिक लोड से इस बात का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुछ खाने के बाद ब्लड शुगर कितना बढ़ जाएगा। विशेषज्ञ ऐसा कहते हैं। 10 से कम ग्लाइसेमिक लोड वाले खाद्य पदार्थ को कम माना जाता है, 10-19 के ग्लाइसेमिक लोड वाले को मध्यम माना जाता है और 19 से अधिक ग्लाइसेमिक लोड वाले को हाई माना जाता है।
तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 के करीब है। लेकिन 100 ग्राम तरबूज का ग्लाइसेमिक लोड 2 होता है। इससे पता चलता है कि अगर तरबूज को उचित मात्रा में खाया जाए तो यह मधुमेह रोगियों को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसी तरह, मधुमेह वाले लोग स्वस्थ वसा, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खा सकते हैं, जैसे कि मेवे या खाद्य बीज।
टाइप 2 मधुमेह के रोगी तरबूज कैसे खा सकते हैं? - Can a diabetic patient eat watermelon?
यदि टाइप 2 मधुमेह वाला व्यक्ति नाश्ते या भोजन में तरबूज (Watermelon for diabetes) या कोई अन्य फल शामिल करता है, तो उसे अपने आहार को स्वस्थ वसा और प्रोटीन के साथ संतुलित करने की आवश्यकता होती है। क्योंकि स्वस्थ वसा और प्रोटीन ब्लड में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देते हैं। दूसरे फलों की तरह तरबूज को भी नाश्ते या लंच में लिया जा सकता है। केवल एक ही बात का ध्यान रखना है। टाइप 2 मधुमेह वाले व्यक्ति को हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों के साथ तरबूज खाने से बचना (fruits for diabetics to avoid) चाहिए। उन्हें तरबूज के साथ मेवे, बीज, स्वस्थ वसा वाले भोजन और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
मधुमेह वाले लोगों को हमेशा संतुलित और स्वस्थ आहार खाना चाहिए। जिसमें फल और सब्जियां शामिल होंगी। फलों में नेचुरल शुगर होता है, लेकिन फिर भी डायबिटीज के मरीज विशेषज्ञ से सलाह लेकर फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। कम चीनी और हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना बेहतर होता है। फलों का जूस, स्मूदी, पैकेज्ड जूस पीने से बचें। तरबूज के अलावा आप संतरा, आलूबुखारा, अंगूर, सेब, आड़ू, कीवी, नाशपाती खा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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