Bournvita and Diabetes: क्या हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स से आपके बच्चे को हो सकता है डायबिटीज, एक्सपर्ट से जानिए
Health Powder Drinks: कैडबरी बॉर्नविटा भारत के हर दूसरे घर में इस्तेमाल और पिया जाता है। बच्चे ही नहीं बड़े भी इसे पीते हैं। लेकिन अब हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स पर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह है कि क्या कैडबरी बॉर्नविटा या अन्य हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स आपकी सेहत के लिए अच्छी है? आइये एक्सपर्ट से जानते हैं -
Bournvita and Diabetes: क्या बॉर्नविटा पीने से सच में शुगर होता है ?
Is Cadbury Bournvita Unhealthy ? : भारत में ज्यादातर लोग हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स पीकर बड़े हुए हैं। कैडबरी बॉर्नविटा भारत के हर दूसरे घर में इस्तेमाल और पिया जाता है। बच्चे ही नहीं बड़े भी इसे पीते हैं। लेकिन अब कैडबरी बॉर्नविटा को लेकर मन में सवाल उठने लगा है कि क्या कैडबरी बॉर्नविटा आपकी सेहत के लिए सही है? ये सवाल वहीं से शुरू हुआ जब एक इन्फ्लुएंसर (Revant Himatsingka) ने वीडियो बनाकर दावा किया कि बॉर्नविटा हेल्दी ड्रिंक नहीं है, ये काफी अनहेल्दी है। वीडियो बनाने वाले के मुताबिक, भले ही यह उत्पाद इम्यून सिस्टम और आपकी हड्डियों को मजबूत करने का दावा करता है, लेकिन इसे पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। वीडियो बनाने वाले ने तो यहां तक कह दिया कि बॉर्नविटा की टैगलाइन तैयारी की जीत नहीं है... बल्कि तैयारी डायबिटीज की होनी चाहिए।
हालांकि कैडबरी द्वारा कानूनी नोटिस दिए जाने के बाद उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन उन्होंने जो सवाल उठाया वह प्रासंगिक है - क्या अतिरिक्त शक्कर की शुरुआती लत बच्चों को एक वयस्क के रूप में मधुमेह का शिकार बना सकती है? बात केवल बॉर्नविटा की ही नहीं है, बल्कि बाजार में विभिन्न ब्रांडों के कई हेल्थ पाउडर उपलब्ध हैं, जिन्हें फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के रूप में बेचा जाता है, जो बच्चे की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देते हैं।
हिमतसिंग्का ने रील के लिए कैप्शन में लिखा,“क्या सरकार को कंपनियों को अपने पैकेज पर खुलकर झूठ बोलने देना चाहिए? माता-पिता अपने बच्चों को कम उम्र में ही चीनी की लत लगा रहे हैं और बच्चे जीवन भर चीनी के लिए तरसते रहते हैं।” जिसे ट्विटर और लिंक्डइन जैसे प्लेटफार्मों पर पोस्ट किया गया था। हटाए गए पोस्ट को इंस्टाग्राम पर 12 मिलियन से अधिक बार देखा गया था और अभिनेता-राजनेता परेश रावल और पूर्व क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आज़ाद द्वारा भी साझा किया गया था।
कैडबरी ने पेश की सफाई - Cadbury presented clarification
कैडबरी ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि Bournvita में विटामिन डी, आयरन, जिंक, कॉपर और सेलेनियम होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह बोर्नविटा का सालों से फॉर्मूला रहा है। हमने सालों तक पैकेट के पीछे यही कहा। इम्यून सिस्टम के हेल्दी कामकाज के लिए यह ड्रंक सहायक है।बॉर्नविटा ने यह भी कहा कि 200 मिली ग्राम बॉर्नविटा को ठंडे दूध में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। प्रति सर्विंग में 7.5 ग्राम चीनी होती है यानी डेढ़ चम्मच... बच्चों के लिए इससे अधिक रोजाना चीनी की सिफारिश की जाती है। हालांकि लोगों के मन में अभी भी यह शंका है कि बॉर्नविटा पीने से बच्चे वास्तव में डायबिटिक हो सकते हैं? आइये एक्सपर्ट से जानते हैं -
टेस्ट बड हो सकता है ख़राब - Test Bud can be bad
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बैंगलोर के मणिपाल अस्पताल के अनुसार, बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. सुरुचि गोयल अग्रवाल ने बताया कि यह एक मिथक है कि बच्चों को किसी भी पूरक आहार (Dietary supplements) की आवश्यकता होती है। आहार की खुराक केवल टेस्ट बड को आकर्षित करके स्वाद को बदल देती है। जो कोई भी इस टेस्ट को पसंद करता है, वह नेचुरल स्टेट में वापस जाना पसंद नहीं करता। डॉक्टर के अनुसार अगर आपके बच्चे का आहार संतुलित है तो बच्चे को किसी भी तरह के सप्लीमेंट डाइट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
टाइप 2 मधुमेह का बढ़ सकता है खतरा - May increase the risk of type 2 diabetes
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की एंडोक्रिनोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ. ऋचा चतुर्वेदी के मुताबिक, बॉर्नविटा जैसे हेल्दी ड्रिंक के एक स्कूप का मतलब है 7 से 8 ग्राम चीनी जो डेढ़ चम्मच चीनी के बराबर होती है। आज की पीढ़ी के लिए यह बहुत अधिक है, क्योंकि आजकल बच्चों की लाइफस्टाइल एकदम अलग है, गतिहीन यानि कम खेलकूद के कारण आज के बच्चे पिछली पीढ़ियों की तुलना में कम शारीरिक गतिविधि करते हैं आज के बच्चे हाई कैलोरी वाले फूड्स और स्नैक्स खाते हैं।
ऐसे में अगर आप बच्चे को बॉर्नविटा जैसा हेल्थ सप्लीमेंट खिला रही हैं तो ऊपर से सिर्फ एक्स्ट्रा शुगर है। उनके मुताबिक, टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, इसलिए इससे पीड़ित बच्चे ज्यादा प्रभावित नहीं हो सकते हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि अधिक स्वाद और चीनी की जल्दी लत लगने से युवावस्था के आसपास टाइप 2 मधुमेह हो सकता है।
डायबिटीज के परिवारिक इतिहास वालों को नहीं देना चाहिए हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स - Why youur child donsn't need health Powders?
डॉ. सुरुचि गोयल अग्रवाल के अनुसार आज के दौर में जिस तरह से किशोर मधुमेह से पीड़ित हैं, उसे देखते हुए माता-पिता अपने बच्चों को कोई भी हल्दी पाउडर नहीं खिलाना चाहिए। क्योंकि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फलों से मानव शरीर को पर्याप्त मात्रा में शुगर मिल जाती है; जो ब्लड शुगर के स्तर को उतनी तेजी से नहीं बढ़ाते जितनी तेजी से एक्स्ट्रा शुगर बढ़ाते हैं। दूध में गुप्त चीनी होती है और इसमें एडिटिव्स की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आपका बच्चा प्रतिदिन फल खाता है, तो उसे अतिरिक्त चीनी की आवश्यकता नहीं है।
आगे वह कहती हैं कि भले ही किसी भी पैकेट पर चीनी या कोई एडिटिव्स या लेबल पर कोई अतिरिक्त रंग न लिखा हो, लेकिन आपको पैकेज में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा जरूर देखनी चाहिए। डॉक्टरों का यह भी सुझाव है कि विशेष रूप से उन बच्चों की माताओं को जिन पिताओं को पहले से ही टाइप 2 मधुमेह का पारिवारिक इतिहास है, उन्हें बच्चे को किसी भी प्रकार का हेल्थ पाउडर ड्रिंक्स नहीं देना चाहिए।
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