Sickle Cell Anemia: मोदी सरकार ने रखा सिकल सेल एनीमिया को 2047 तक मिटाने का लक्ष्य, जानें किनको होती है ये बीमारी, लक्षण और इलाज
सिकेल सेल एनीमिया एक प्रकार का रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सी शेप, अर्धचंद्राकार या सिकेल शेप में बदल जाती हैं। यह बीमारी मां बाप से बच्चों को मिलती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट 2023 में कहा कि 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन शुरू किया जाएगा।
Sickle Cell Anemia: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 (Budget 2023) में कहा कि 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए मिशन शुरू किया जाएगा। इसके लिए जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्षों में 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच और परामर्श की आवश्यकता होगी। ऐसे में सवाल ये है कि ये कैसी बीमारी है जिसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट भाषण में किया। दरअसल, सिकेल सेल एनीमिया एक प्रकार का रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सी शेप, अर्धचंद्राकार या सिकेल शेप में बदल जाती हैं। यह बीमारी मां बाप से बच्चों को मिलती है।
क्या है सिकेल सेल एनीमिया (What is Sickle Cell Anemia)
यह एक गंभीर बीमारी है जिसमें सिकेल शेप की लाल रक्त कोशिकाएं स्वस्थ अंडाकार शेप वाली कोशिकाओं की तुलना में सख्त और चिपचिपी हो सकती हैं। सिकेल सेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं में फंसने लगती हैं। तिल्ली में जाकर 180 दिन में टूटने वाली कोशिकाएं इस कारण 30 दिन में टूटने लगती हैं और पीड़ित के शरीर में खूब की कमी होने लगती है। यह एक ऑटोसोमल रिसेसिव डिजीज है और यह तभी होगी जब पीड़ित के मां और पिता दोनों में सिकेल सेल जीन होंगे।
सिकेल सेल एनीमिया के लक्षण Sickle Cell Anemia Symptoms
चार से पांच महीने की उम्र तक शिशु में यह बीमारी नजर नहीं आती है क्यों जन्म के बाद शुरुआती महीनों में शरीर में फीटल हीमोग्लोबिन मौजूद रहता है। जैसे ही फीटल हीमोग्लोबिन की जगह असामान्य हीमोग्लोबिन लेता है तब सिकेल सेल एनीमिया के लक्षण नजर आते हैं। आंखों का सफेद होना, त्वचा का पीला पड़ना, आंखों का धुंधला पड़ना , शिशु कमजोर होना इसके लक्षण हैं।
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर शिशु को तेज बुखार, चिड़चिड़ापन , पीली रंगत, तेज सांसें, पेट बढ़ने, हाथ और पैरों में सूजन, कमजोरी, बेसुध होने, आंखों में दिक्कत और दौरे पड़ने की स्थिति में शिशु को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। डाक्टर द्वारा निर्धारित इलाज और समय पर दवा लेना जरूरी है। वहीं इस बीमारी के लक्षण नजर आएं तो पर्याप्त पानी, पीने और पौष्टिक भोजन खाने की जरूरत है।
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें
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