क्या पत्ता गोभी खाने से दिमाग में घुस सकता है कीड़ा? डॉक्टर से जानें क्या है ये अनोखी बला, लक्षण और बचाव के टिप्स

Can Eating Cabbage Lead To Tapeworm In Brain:आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि पत्ता गोभी खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे खाने से दिमाग में कीड़ा घुस जाता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? तो क्या पत्ता गोभी खानी बंद कर देनी चाहिए? आपकी इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हमने दिमाग के डॉक्टर से बात की। यहां जानें आखिर दिमाग में कीड़ा होने की बीमारी है क्या..

Can Cabbage Lead To Tapeworm In Brain

Can Eating Cabbage Lead To Tapeworm In Brain: आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि पत्ता गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें ऐसा कीड़ा होता है जो हमारे दिमाग में घुस जाता है। इससे व्यक्ति पागल हो सकता है। आजकल लोगों में दिमाग में कीड़ा होने की समस्या काफी तेजी से बढ़ भी रही है। लोग इसके पीछे का कारण पत्ता गोभी के सेवन को बताते हैं। लेकिन डॉक्टर के पास ऐसे भी कई मरीज आते हैं, जो पत्ता गोभी नहीं खाते हैं या बहुत कम खाते हैं, लेकिन फिर उनके दिमाग में फिर भी कीड़ा घुस गया है। ऐसे में लोग इस बात को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर ये दिमाग में कीड़ा घुसने की बीमारी है क्या, यह वाकई पत्ता गोभी खाने से होती है, या इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने हेल्थ इन्फ्लूएंसर और दिल्ली एम्स की पूर्व डॉक्टर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत से बात की। इस लेख में हम आपको इस अनोखी बला के बारे में विस्तार से बता रहे हैं...

क्या है दिमाग में कीड़ा घुसने की बीमारी - What Is Tapeworm Disease In Brain In Hindi

डॉ. प्रियंका सहरावत की मानें तो दिमाग में कीड़ा होने की बीमारी वास्तव में दिमाग या हमारे नर्वस सिस्टम से जुड़ा एक संक्रमण होता है। इस बीमारी को मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है। यह बीमारी तब होती है, जब हमारे शरीर में टीनिया सोलियम नामक परजीवी या उनके अंडे प्रवेश कर जाते हैं। ये ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करने के बाद हमारे मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं।

न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस संक्रमण हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम में होता है। जब दिमाग में परजीवी के अंडे प्रवेश कर जाते हैं, तो इसकी वजह से ब्लड फ्लो प्रभावित होने लगता है। यह धीरे-धीरे नस में बड़ा होने लगता है। इससे दिमाग की नसों में सूजन हो जाती है और क्लोट बन जाता है। जिससे व्यक्ति को चक्कर आना, मिर्गी के दौरने पड़ना, क्रोनिक सिरदर्द और मस्तिष्क में दबाव बढ़ना आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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