भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे हैं एंग्जायटी और डिप्रेशन के मामले, नई रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Anxiety Cases Are Increasing Rapidly In Rural Areas: हाल में ही जारी हुए ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति - 2024 की रिपोर्ट में देश में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों के बढ़ते मामलों को लेकर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। अब एंग्जायटी जैसी स्थितियां सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रही हैं।

Anxiety Cases Are Increasing Rapidly In Rural Areas

Anxiety Cases Are Increasing Rapidly In Rural Areas

Anxiety Cases Are Increasing Rapidly In Rural Areas: दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां काफी आम हो गई हैं। लोगों के साथ तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं रोज की जीवनशैली का हिस्सा बन गई हैं। अब देश में इस तरह की मानसिक स्थितियों को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें भारत में लोगों मे एंग्जायटी के बढ़ते मामलों को लेकर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अब डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी स्थितियां सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं रह गई हैं। अब यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को तेजी से अपना शिकार बना रही हैं। हाल के वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य रोगों की व्यापकता देश में लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट में बढ़ते मानसिक रोगों को लेकर क्या कुछ कहा गया है, इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट

गुरुवार को ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति - 2024 की रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें यह बात सामने आई है कि लगभग 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें एंग्जायटी जैसी स्थितियों से जूझना पड़ता है। रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में भारत में मानसिक रोगों की व्यापकता लगातार बढ़ी है। इसकी वजह से लोगों में एंग्जायटी से पीड़ित लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। यह आंकड़े सर्वे के दौरान सामने आए, जिसमें 21 राज्यों में कुल 5,389 घरों को शामिल किया गया है।
इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष से पता चला कि ग्रामीण भारत में चिंता का स्तर बढ़ गया है। ऐसे में यह अब शहरी लोगों की समस्या ही नहीं रह गई है। बल्कि यह हर क्षेत्र के लोगों को प्रभावित कर रही है।

लोगों को होती है चिंता और घबराहट

अध्ययन की मानें तो लिंग के आधार पर 45 प्रतिशत ने यह माना कि उन्हें ज्यादातर समय एंग्जायटी और घबराहट जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। यह उनकी मानसिक स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित करता है। साथ ही, अध्ययन के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं, एंग्जायटी और चिंता जैसी स्थितियां युवा लोगों की तुलना में वृद्ध लोगों को अधिक प्रभावित कर रही हैं।

बुजुर्गों में अधिक बढ़ रही है एंग्जायटी

ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य देखभाल की स्थिति की रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि एंग्जायटी जैसी मानसिक स्थिति हैं, 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में अधिक देखने को मिली हैं। 18-24 वर्ष की आयु वाले लोगों में 40 प्रतिशत लोगों ने एंग्जायटी महसूस करने की बात कही, लेकिन 60 से अधिक उम्र वाले लोगों में यह अनुपात बढ़कर 53 प्रतिशत तक देखने को मिला।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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