पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर कर रहा ये इस खतरनाक कैंसर का वायरस, बन रहा इनफर्टिलिटी की वजह - अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

आपको जानकर हैरानी हो सकती है सर्वाइकल कैंसर का कारण बनने वाली वायरस पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है। हाल ही में हुई एक क्लीनिकल रिसर्च में पुरुषों में एचपीवी वायरस के प्रभाव को लेकर चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं। लंबे समय में यह वायरस पुरुषों को नापुंसक बना सकता है।

Health News Today In HIndi

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Health News Today In HIndi: हम सभी जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक हो सकता है। महिलाओं में इसके मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी वजह से लोगों की मृत्यु के मामले भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, यह कैंसर का यह प्रकार पुरुषों में भी काफी कॉमन है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस कैंसर का वायरस (HPV) पुरुषों में मृत्यु के अलावा कई अन्य परेशानियों का कारण भी बन सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पुरुषों में सर्वाइकल कैंसर के वायरस के प्रभावों को लेकर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है।
अध्ययन में यह पाया गया है कि पुरुषों में सर्वाइकल कैंसर की वजह से गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ यौन स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि यह पुरुषों में इनफर्टिलिटी या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी स्थितियों का भी कारण बन सकता है। अध्ययन में क्या कुछ सामने आया है, इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

पुरुषों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है सर्वाइकल कैंसर
हाल ही में अर्जेंटीनी की एक क्लीनिकल रिसर्च में यह पाया गया है कि सर्वाइकल कैंसर का कारण बनने वाला वायरस या ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) पुरुषों के शुक्राणुओं को नष्ट कर सकता है। यह पुरुषों को नपुंसक भी बना सकता है। आपको बता दें कि इस वायरस की वजह से पुरुषों की प्रजनन क्षमता लगातार खराब होने लगती है। एचपीवी एक यौन संचारित संक्रमण है, जो शरीर में कई तरह के रोगों के विकास में योगदान देता है। यह कई प्रकार के कैंसर का कारण भी बनता है।

गहन अध्ययन करने पर प्रभावों का चला पता

शोधकर्ताओं का कहना है कि जब प्रारंभिक तौर पर पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी की जांच की गई, तो उस दौरान वीर्य की गुणवत्ता में कोई खास अंतर सामने नहीं आया था। लेकिन जब गहराई से आगे जांच की गई, तो यह पता चला कि जो पुरुष वायरस से संक्रमित थे, उनके शरीर में इम्यून कोशिकाएं और श्वेत रक्त कोशिकाओं का स्तर काफी कम था। इसके अलावा, इस बात की भी पुष्टि हुऊ है कि वायरस संक्रमित के पुरुषों के शुक्राणु ऑक्सीडेटिव के कारण बार-बार डैमेज हो रहे थे।

कैसे किया गया अध्ययन

आपको बता दें कि अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 205 वयस्क पुरुषों की शुक्राणुओं की गुणवत्ता का अध्ययन किया। इन प्रतिभागियों में लगभग 39 पुरुष वायरस से संक्रमित थे, वहीं 20 ऐसे मरीज थे जिनमें वायरस का अधिक गंभीर वेरिएंट मिला। इसके अलावा, 7 लोग ऐसे भी थे जिनमें एचपीवी वायरस का हल्का स्वरूप मिला। वहीं 12 लोग ऐसे थे जिनमें किसी भी तरह के वायरस के वैरिएंट का पता नहीं चला। अर्जेंटीना और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कॉर्डोबा के शोधकर्ताओं द्वारा किए इस अध्ययन को फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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