वैक्सीन लगवाना सेफ या नहीं? सेफ्टी से जुड़े मिथकों को दूर करने में मदद कर सकता है चैटजीपीटी, स्टडी में सामने आई बात
Vaccine Safety: यह अध्ययन वर्तमान वैज्ञानिक साक्ष्यों के अनुरूप तथ्यों को सही पाने और कोविड वैक्सीन सुरक्षा के बारे में सटीक जानकारी साझा करने की चैटजीपीटी की क्षमता का परीक्षण करने के लिए निर्धारित किया गया है।
Vaccine Safety: वैक्सीन लगवाना सेफ या नहीं?
तस्वीर साभार : IANS
Vaccine Safety: ओपनएआई का चैटजीपीटी जैब (वैक्सीनेशन) सेफ्टी के बारे में सोशल मीडिया पर मिथकों को दूर करके वैक्सीन (Vaccine) की खपत बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसका पता एक स्टडी (Study) से चला है। स्पेन में सैंटियागो डी कॉम्पोस्टेला के इंस्टीट्यूटो डी इन्वेस्टिगेशन सैनिटेरिया (आईडीआईएस)- हॉस्पिटल क्लिनिको यूनिवर्सिटारियो के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट से टॉप 50 सबसे ज्यादा बार पूछे जाने वाले कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) से संबंधित सवाल पूछे। उनमें मिथकों और फर्जी कहानियों पर आधारित सवाल शामिल थे, जैसे कि वैक्सीन लॉन्ग कोविड (Covid) का कारण बनता है।
ह्यूमन वैक्सीन्स एंड इम्यूनोथेरेप्यूटिक्स जर्नल में प्रकाशित परिणाम बताते हैं कि चैटजीपीटी ने सटीकता के लिए औसतन 10 में से 9 अंक प्राप्त किए। बाकी समय यह सही था, लेकिन दी गई जानकारी में कुछ कमियां रह गईं। इन निष्कर्षों के आधार पर, शोधकर्ताओं ने कहा कि एआई टूल जनता के लिए नॉन-टेक्निकल इंफॉर्मेशन का एक विश्वसनीय स्रोत है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास स्पेशलिस्ट साइंटिफिक नॉलेज नहीं है।
वैक्सीन और वैक्सीनेशन से संबंधित फर्जी सवालों का पता लगा सकता है चैटजीपीटी
हालांकि, निष्कर्ष टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ चिंताओं को उजागर करते हैं जैसे चैटजीपीटी कुछ स्थितियों में अपने उत्तर बदलता है। सैंटियागो डे कॉम्पोस्टेला विश्वविद्यालय में मेडिसिन संकाय के प्रोफेसर और मुख्य लेखक एंटोनियो सालास ने कहा कि कुल मिलाकर, चैटजीपीटी उपलब्ध साइंटिफिक एविडेंस के अनुरूप एक नैरेटिव का निर्माण करता है, जो सोशल मीडिया पर प्रसारित मिथकों को खारिज करता है, जिससे यह संभावित रूप से वैक्सीन की खपत में वृद्धि की सुविधा प्रदान करता है। चैटजीपीटी वैक्सीन और वैक्सीनेशन से संबंधित फर्जी सवालों का पता लगा सकता है। यह एआई जिस भाषा का उपयोग करता है, वह बहुत ज्यादा टेक्निकल नहीं है और इसलिए जनता के लिए आसानी से समझ में आती है।सालास ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं कि चैटजीपीटी का वर्तमान वर्जन किसी एक्सपर्ट या साइंटिफिक एविडेंस की जगह नहीं ले सकता है। लेकिन, परिणाम बताते हैं कि यह जनता के लिए जानकारी का एक विश्वसनीय स्रोत हो सकता है। 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्वास्थ्य के लिए टॉप 10 खतरों में वैक्सीन हेजिटेशन को सूचीबद्ध किया। हाल ही में कोविड-19 महामारी के दौरान, सोशल मीडिया के माध्यम से फैली गलत सूचना ने टीकाकरण के प्रति जनता के अविश्वास को बढ़ावा दिया।
यह अध्ययन वर्तमान वैज्ञानिक साक्ष्यों के अनुरूप तथ्यों को सही पाने और कोविड वैक्सीन सुरक्षा के बारे में सटीक जानकारी साझा करने की चैटजीपीटी की क्षमता का परीक्षण करने के लिए निर्धारित किया गया है। चैटजीपीटी ने उन प्रश्नों के सही उत्तर प्रदान किए, जो वास्तविक वैक्सीन मिथकों से उत्पन्न हुए थे, और जिन्हें क्लीनिकल सिफारिश दिशानिर्देशों में गलत या सही मतभेद माना गया था। हालांकि, अनुसंधान टीम वैक्सीन संबंधी जानकारी प्रदान करने में चैटजीपीटी की कमियों पर प्रकाश डालती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
TNN हेल्थ डेस्क author
हेल्थ की फ़िक्र हर किसी को होती है। दुनियाभर में कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में हम सभी नहीं जानते हैं, तो कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिनसे हम अपने रोजम...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
लिवर का काल हैं ये फूड्स, अंदर से सड़ा देंगे पूरा Liver, डॉक्टर भी नहीं तलाश पाएंगे मर्ज का इलाज
रोजाना 10,000 कदम चलने से सेहत को होगा जबरदस्त लाभ, छू भी नहीं पाएंगी ये गंभीर बीमारियांं
सुबह ब्रेकफास्ट करने का क्या है सही समय? स्किप करने से हो सकते हैं ये नुकसान, यहां जानें
बारिश में क्यों बढ़ जाता है नाखूनों में फंगल इंफेक्शन? ऐसे रखें ख्याल वरना जाना पड़ सकता है अस्पताल
मोटापा कम करने के लिए इन 3 तरीकों से खाएं अलसी के बीज, कुछ ही दिन में साथ छोड़ भागेगा बढ़ा हुआ पेट
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited