बचपन में इन समस्याओं वाले लोगों को अधिक होता है स्ट्रोक का खतरा, 50 की उम्र से पहले तीन गुणा अधिक जोखिम, नई स्टडी में समाने आई बात
Who Is At Higher Risk Of Stroke In Hindi: आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों को मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या बीपी आदि की समस्या होती है, उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है। लेकिन अब एक नए अध्ययन में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि बचपन से जुड़ी स्थितियां भी स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।
Who Is At Higher Risk Of Stroke In Hindi
Who Is At Higher Risk Of Stroke In Hindi: स्ट्रोक हमारे ब्रेन से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है। यह तब पैदा होती है, जब हमारे दिमाग के किसी हिस्से में ब्लड फ्लो रूक जाता है। यह स्थिति आमतौर पर देखने को मिलती है, जब ब्रेन के किसी हिस्से में ब्लड क्लॉट बन जाते हैं, जिनकी वजह से रक्त का संचार प्रभावित होता है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण हमारे रक्त वाहिकाओं का ब्लॉक होना है, जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। यह सिर में चोट लगने के कारण देखने को मिल सकता है या फिर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होने की वजह से भी नसों में संकुचन या ब्लॉकेज की समस्या देखने को मिल सकती है। इसकी वजह से दिमाग की नसों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है और वह डैमेज हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं, इस स्थिति में ब्रेन काम करना बंद कर देता है और ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति पैदा हो सकती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं, बचपन की कुछ समस्याएं भी भविष्य में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं। एक हालिया स्टडी में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों को बचने या टीनएज में एकाग्रता और सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, उन्हें भविष्य में स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। अध्ययन में स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार कई अन्य कारकों का भी खुलासा हुआ है, इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
कम उम्र 3 गुना तक अधिक स्ट्रोक का खतरा
अध्ययन में यह पाया गया है कि इस तरह के बच्चों को 50 की उम्र तक स्ट्रोक का खतरा 3 गुणा अधिक हो सकता है। हिब्रू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और अन्य टीम ने 16 से 20 वर्ष की आयु के 17.4 लाख से अधिक युवा इजराइलियों के डेटा का उपयोग किया, जिन्हें सैन्य सेवा शुरू करने से पहले मूल्यांकन के हिस्से के रूप में लिया गया था।
अध्ययन में अधिक वजन, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी स्थिति और शिक्षा, सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि, एकाग्रता, तर्क आदि जैसे स्थितियों को शामिल किया गया । जिन लोगों IQ स्कोर 118 तक था उनमें स्ट्रोक के मामले अधिक पाए गए, इन व्यक्तियों को 50 वर्ष की आयु से पहले स्ट्रोक का अनुभव होने का जोखिम 2.5 गुना अधिक हो सकता है। वहीं, जिन लोगों का IQ अधिक था उनमें इस तरह की समस्याएं कम देखी गईं।
स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मददगार हो सकते हैं निष्कर्ष
अध्ययन के निष्कर्ष भविष्य में स्ट्रोक के खतरे को कम करने और उपचार की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इनकी मदद से स्ट्रोक के कारण और जोखिम कारकों को बेहतर ढंग से समझने और उनके प्रबंधन में भी मदद मिल सकती है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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