Compulsive Buying Disorder: क्या आपको भी लग गया है शॉपिंग का शौक, संभलें ये भी एक डिसऑर्डर है

Compulsive Buying Disorder: बड़े पैमाने पर खरीदारी करना भी एक तरह की बीमारी है, जिसे कम्पल्सिव बाइंग डिसऑर्डर के तौर पर जाना जाता है। इसे लेकर अब तक की हुई रिसर्च में जो तथ्य सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। शॉपिंग करने के बाद भले ही आपको कुछ समय के लिए राहत महसूस हो। खरीदारी करने के बाद लगे की तनाव कम हुआ है। लंबे अंतराल के बाद इसके कई नकारात्मक प्रभाव सामने आते हैं, धन की समस्या, ऐंग्जाइटी, निगेटिव इमोशन्स का हावी होना और इससे पीड़ित इंसान का अपने परिवार और मित्रों से दूर हो जाना।

खरीदारी करना महज शौक नहीं है, ये एक दिमागी डिसऑर्डर भी है

मुख्य बातें
  • बड़े पैमाने पर खरीदारी करना भी एक तरह की बीमारी है
  • जिसे कम्पल्सिव बाइंग डिसऑर्डर के तौर पर जाना जाता है
  • बड़े पैमाने पर ऑनलाइन शॉपिंग एक बुरी लत

Compulsive Buying Disorder: खरीदारी करना महज महिलाओं का ही शगल नहीं है, ये एक तरह का बॉडी डिसऑर्डर भी है। कई लोगों से सुनने में आता है कि, उन्हें शॉपिंग करने के बाद लगता है कि, उनका तनाव कम हो गया है। अब समझने वाली बात तो ये है कि, क्या वाकई शॉपिंग, स्ट्रेस बस्टर है। हैरान करने वाली बात तो ये है कि बड़े पैमाने पर खरीदारी करना भी एक तरह की बीमारी है, जिसे कम्पल्सिव बाइंग डिसऑर्डर के तौर पर जाना जाता है। इसे लेकर अब तक की हुई रिसर्च में जो तथ्य सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। शॉपिंग करने के बाद भले ही आपको कुछ समय के लिए राहत महसूस हो। खरीदारी करने के बाद लगे की तनाव कम हुआ है। मगर सच तो ये है कि, लंबे अंतराल के बाद इसके कई नकारात्मक प्रभाव सामने आते हैं, धन की समस्या, ऐंग्जाइटी, निगेटिव इमोशन्स का हावी होना और इससे पीड़ित इंसान का अपने परिवार और मित्रों से दूर हो जाना।
ऐसे आता है इंसान इसकी जद में
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