DELHI-NCR में बाढ़ के बाद EYE FLU का प्रकोप, स्कूल भी भेज रहे अलर्ट-जानें 5 बड़े लक्षण और बचाव के उपाय
Cause Of Conjunctivitis: बाढ़ और दूषित पानी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया पनप सकते हैं। जिनमें से कुछ आंखों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। बाढ़ में सिर्फ पेट का संक्रमण ही नहीं बल्कि मच्छरों से होने वाली बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। आइये डॉक्टर से जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके-
Eye Flu: बच्चों और बुजुर्गों में तेजी से फैल रहा 'आई फ्लू'
Symptoms and Treatment of Conjunctivitis: अभी कुछ दिन पहले ही राजधानी दिल्ली-NCR में बारिश और बाढ़ का कहर देखने को मिला था, हालांकि जल स्तर कम हो गया है; लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बरकरार है। अधिकतर हिस्सों में बाढ़ का अपनी कम हो गया लेकिन अब उसके साइड इफेक्ट्स (Delhi Flood Side Effects) भी सामने आने लगे हैं। बारिश और बाढ़ के कारण जहां मच्छर के कारण मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है, वहीं बाढ़ की वजह से कई तरह से इंफेक्शन बढ़ने लगे हैं। दिल्ली एनसीआर में बच्चों में एक खास तरह का इंफेक्शन देखने को मिल रहा है, जिसे कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) कहते हैं। यह समस्या आंखों से संबंधित है। बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चे में इस समस्या को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। आइये डॉक्टर से जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके-
वर्तमान समय में आंखों की बीमारियों का प्रकोप काफी हद तक बढ़ गया है। दिन-ब-दिन कई लोगों में आंखों की समस्या देखने को मिल रही है। वहीं, आंखों की बीमारी से जुड़ी एक नई बीमारी सामने आई है, जो है कंजंक्टिवाइटिस, जिसे पिंक आईज के नाम से भी जाना जाता है। यह कंजंक्टिवा (कंजंक्टिवा), यानी पतला टिश्यू जो आंख के सफेद हिस्से और पलक के अंदर को ढकता है, उसमें सूजन का खतरा होता है।
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कंजंक्टिवाइटिस के संबंध में डॉक्टर ऑन डोर (DOD) की संस्थापक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीलम मीणा ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि कंजंक्टिवाइटिस एक आंखों की बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है। लेकिन, यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों में महसूस की जा सकती है। यह व्यापक रूप से फैलती है। लेकिन, आंखों की उचित देखभाल और डॉक्टर से परामर्श लेने से दूरगामी समस्याओं से बचा जा सकता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से पर्यावरण में बदलाव के कारण होता है और यह रोग बैक्टीरिया या वायरस जैसे सूक्ष्म जीवों द्वारा फैलता है।
कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण - Symptoms of Conjunctivitis
कंजक्टिवाइटिस के तीन मुख्य प्रकार होते हैं- एलर्जी कंजक्टिवाइटिस, केमिकल कंजक्टिवाइटिस, इंफेक्शियस कंजक्टिवाइटिस (जिसमें वायरल कंजक्टिवाइटिस, बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस शामिल है) आप जिस तरह के कंजक्टिवाइटिस के प्रकार से पीड़ित होते हैं लक्षण भी उसके हिसाब से ही दिखाई देते हैं। जानिए लक्षणः
एलर्जी कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
- आंख में हल्का लाल पन
- आंख से पानी आना
- आंख में खुजली
वायरल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
- आंख में लालपन
- आंख में दर्द
- आंख में कुछ चला जाना और आंख में किरकिरा पन महसूस होना
- लाइट से परेशानी होना
बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
- आंख में लालपन
- आंख में दर्द
- आंख से पीला-पीला पानी आना
- आंखों में कीचड़ जमा हो जाना
- पलकों का लाल हो जाना और सूजी हुई पलकें दिखाई देना
- रोशनी से दिक्कत महसूस होना
केमिकल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
- आंखों से पानी आना
- आंखों से कीचड़ आना
कंजंक्टिवाइटिस से बचने के उपाय - Preventing Pink Eye (Conjunctivitis)
डॉक्टर नीलम ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis Causes) के कारण एक या दोनों आंखें लाल हो सकती हैं, खुजली हो सकती है, किरकिरा पन हो सकता है, आंखों से पानी और गिड निकलने की समस्या (Conjunctivitis Symptoms) हो सकती है, पलको मे सूजन आ सकती है और कई बार रोशनी की समस्या हो सकती है। अगर आपको ऐसी समस्या हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कंजंक्टिवाइटिस से बचने ( Conjunctivitis Prevention) के लिए अपनी आंखों का ख्याल रखें, आंखों की साफ-सफाई का ध्यान रखें और आंखों को बार-बार छूने से बचें। साथ ही अपने हाथ बार-बार धोते रहें और साफ तौलिये का ही प्रयोग करें, उन्हें किसी के साथ साझा न करें। कुछ दिनों के लिए आंखों में मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम कर दें।
कुल मिलाकर, दिल्ली में बाढ़ के बाद पिंक आई के मामलों की संख्या में वृद्धि होना सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। समय से उठाए गए प्रभावी कदमों से इसका फैलाव रोका जा सकता है और प्रभावित इलाकों के लोगों में आंखों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सकती है।
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