'अब भी आ रहे कोविड-19 के मामले, नए वेरिएंट की आशंका के चलते अलर्ट पर हैं वैज्ञानिक'
Covid-19 New Variant: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने आईएएनएस को बताया, कोविड अभी भी मानव जाति के लिए नया है, यह वायरस कम समय अवधि में निरंतर विकास दिखा रहा है।
कोविड-19 के नए वेरिएंट की आशंका।
तस्वीर साभार : IANS
Covid-19 New Variant: कुछ महीनों से कोविड (Covid) की सक्रियता कम होने के बावजूद फ्लू (Flu) के मामलों में हालिया उछाल चिंता का एक नया कारण उभरा है। दो-तीन साल में रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन (Respiratory Viral Infection) के रूप में सबसे अधिक कोविड सामने आया है। चूंकि अधिकांश प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। मास्क (Mask) पहनने और हाथ धोने की आदत खत्म हो गई है। इस वर्ष मौमस में बदलाव से पहले ही फ्लू तेजी से फैल रहा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने आईएएनएस को बताया, कोविड अभी भी मानव जाति के लिए नया है, यह वायरस कम समय अवधि में निरंतर विकास दिखा रहा है। इसके कई वेरिएंट और रिकॉम्बिनेंट्स सामने आ रहे हैं। ओमिक्रॉन के बाद एक नए वेरिएंट के आने की आशंका से वैज्ञानिक अलर्ट पर हैं।
कोविड-19 के नए वेरिएंट की आशंका के चलते अलर्ट पर हैं वैज्ञानिक- हेल्थ एक्सपर्ट
जयदेवन ने कहा कि इन्फ्लूएंजा और आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस) अन्य बग हैं जो श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। इसके लिए भी कोविड-19 की तरह सावधानियों की जरूरत है। कोविड -19 के विपरीत इन्फ्लूएंजा कई वायरस के समूह के कारण होता है, जो साल-दर-साल बदलता रहता है। जयदेवन ने कहा कि इन्फ्लुएंजा वायरस पक्षियों के साथ-साथ सूअरों में भी रह सकता है।
उन्होंने कहा: आरएसवी ठंड जैसे लक्षणों का कारण बनता है, और ज्यादातर बड़े बच्चों में हानिरहित होता है। यह छोटे बच्चों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। दुनिया भर में महामारी प्रतिबंधों में छूट के बाद कई देशों में आरएसवी में वृद्धि हुई है। कई वाइरस सामान्य सर्दी पैदा करने वाले हैं। राइनोवायरस और एडेनोवायरस इनमें मुख्य हैं। इससे संक्रमितों की मृत्यु दर कम है। केवल बुनियादी निवारक और सहायक उपायों की आवश्यकता है।
भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में बात करते हुए जयदेवन ने कहा कि चिंता का कारण बनने वाला एक और वायरस डेंगू वायरस है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाने के लिए एक वेक्टर या माध्यम का उपयोग करता है। यह एडीज मच्छर से पैदा होता है। जैसे ही मच्छर संक्रमित व्यक्ति का खून चूसता है, वायरस मच्छर की आंत में प्रवेश कर जाते हैं और फिर उसकी लार ग्रंथियों में चले जाते हैं। जब यह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
डेंगू की रोकथाम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू मच्छर और लार्वा नियंत्रण है। डेंगू का कारण एडीज मच्छर दिन के समय काटता है और मीठे पानी में अंडे देता है। इसलिए पानी का जमा नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस ए और ई विषाणुओं के कारण होने वाले जिगर के रोग हैं, जो मल मार्ग से लोगों में आसानी से फैलते हैं, जिससे पीलिया होता है। मल से दूषित पानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस की यात्रा का माध्यम है।
वायरस के प्रकोप के भारतीय परिप्रेक्ष्य के बारे में बात करते हुए मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. शरवरी दाभाडे दुआ ने कहा कि देश में इन्फ्लूएंजा, एंटरोवायरस, राइनोवायरस और स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। टोमेटो फ्लू, जो कॉक्ससैकीवायरस के कारण होता है, देश के दक्षिणी भाग में भी बढ़ रहा है और बच्चों में आम है, हालांकि वयस्क भी संक्रमित हो सकते हैं।
दुआ ने कहा कि ऊंट फ्लू या मिडिल ईस्टर्न रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जो पहली बार मध्य पूर्व में पाया गया था, कोरोनावायरस का एक और प्रकार है। यह ऊंटों को भी संक्रमित करता है और एरोसोल के माध्यम से मनुष्यों में संचारित हो सकता है। इसमें ऐसे लक्षण होते हैं, जो फ्लू के समान होते हैं, लेकिन मधुमेह, कैंसर, गुर्दे और हृदय रोग से पीड़ित होने वालों के लिए गंभीर हो सकते हैं। दुआ ने कहा कि फ्लू के लक्षणों के साथ मध्य पूर्व से वापस आने वाले लोगों की जांच की जानी चाहिए।
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