Covid-19 का इस बीमारी से सीधा कनेक्शन, शरीर पर दिखा 'गंभीर' साइड-इफेक्ट
Covid 19 Research: कनाडा के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 और मधुमेह के संबंध को लेकर एक शोध किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि अन्य वायरल इंफेक्शन की तरह ही कोरोना भी डायबिटीज के विकास में अपनी भूमिका निभा सकता है। रिसर्च के मुताबिक वायरस के संपर्क में नहीं आने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में टाइप 2 डायबिटीज के डायग्नोज होने की संभावना काफी अधिक थी।
Covid-19 संक्रमण से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा?
Covid-19 Direct Connection With Type 2
वैज्ञानिकों ने पाया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में मधुमेह होने की संभावना अधिक थी। जो लोग अधिक बीमार थे या अस्पताल में भर्ती थे, उनमें मधुमेह के डाग्नोसिस होने की संभावना उन लोगों की तुलना में दोगुनी थी, जो संक्रमित नहीं थे। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जिन लोगों को गहन देखभाल में भर्ती कराया गया था, उनमें मधुमेह विकसित होने की संभावना तीन गुना अधिक थी।
पेपर के वरिष्ठ लेखक और ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पॉपुलेशन एंड पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर डॉ. नावेद जेड. जंजुआ ने कहा, "लॉन्ग टर्म में प्राप्त होने वाले रिजल्ट को देखते हुए यह बेहद गंभीर और चिंता का विषय है।"
क्या कहता है रिसर्च ? - What does research say?
JAMA नेटवर्क ओपन में प्रकाशित इस अध्ययन में ब्रिटिश कोलंबिया के बड़े डेटा सेट का उपयोग 125,000 से अधिक व्यक्तियों के बीच डायबिटीज के डायग्नोज की तुलना करने के लिए किया गया, जिन्होंने साल 2020 और साल 2021 में 500,000 से अधिक व्यक्तियों के साथ पॉजिटिव टेस्ट किया, जिन्हें इसके बारे में पता ही नहीं था। COVID वैक्सीन दिसंबर 2020 में उपलब्ध हो गई थी लेकिन अधिकांश लोगों तक वैक्सीन की खुराक नहीं पहुंच पायी थी और स्टडी में शामिल अधिकांश प्रतिभागियों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया था।
एक दर्जन से अधिक अध्ययनों ने कोविड और मधुमेह के बीच के संबंध को देखा है और अधिकांश पुरूषों में कोविड संक्रमण (XBB1.16 Omicron serious side-effects on the body ?) के बाद डायग्नोज किया गया। इसके साथ ही उन्हें अन्य बीमारियों का भी रिस्क बढ़ गया था। हालांकि रिसर्च यह साबित नहीं हो पाया है कि कोविड इंफेक्शन ही डायबिटीज का कारण है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड से ठीक होने वाले रोगियों में मधुमेह के डायग्नोज होने की अधिक संभावना थी क्योंकि उन्हें अधिक नियमित देखभाल मिल रही थी।
शोधकर्ताओं में शामिल डॉक्टर पामेला डेविस ने कहा, हालांकि दो बीमारियों के बीच रिलेशन के लिए यह एक पॉसिबल बायोलॉजिकल एक्सप्लेनेशन हो सकता है। डेविस ने एक साक्षात्कार में कहा, "यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या यह वास्तविक वृद्धि है या यह कुछ ऐसा है जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ रहा है।"
डेविस ने कहा कि कोरोनो वायरस पैंक्रियाज की बीटा सेल्स को संक्रमित करता है जो इंसुलिन बनाते हैं और कोशिकाओं को मरने का कारण बनते हैं। ये कोशिकाएं ACE 2 रिसेप्टर्स से बनी होती हैं जिनका उपयोग वायरस प्रवेश मार्ग के रूप में करता है। उन्होंने आगे बताया कि, "यदि आप पेट्री डिश में पैंक्रियाज बीटा सेल्स को डालते हैं, तो वायरस इन कोशिकाओं को संक्रमित कर नष्ट कर देगा।"
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रेस भी डायबिटीज के विकास में एक भूमिका निभाता है और कोविड के साथ होने वाली इंफ्लेमेटरी रेस्पोंस बीटा सेल्स के नष्ट होने से जुड़ी होती है। गंभीर कोविड वाले लोग एंटीबॉडी भी पैदा कर सकते हैं जो रोगी के अपने शरीर पर हमला करते हैं।
हेपेटाइटिस C और मधुमेह - Hepatitis C and Diabetes
जंजुआ के अनुसार, अन्य वायरल इंफेक्शन को भी मधुमेह के विकास से जोड़कर देखा गया है, जिसका शोध कोरोना महामारी से पहले हेपेटाइटिस पर केंद्रित था। जंजुआ ने आगे कहा, "हमारे पास मजबूत सबूत हैं कि हेपेटाइटिस C के संक्रमण मधुमेह के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर परिणामों और लिवर से अलग कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते रिस्क से जुड़ा हुआ है।"
एक नए अध्ययन में पाया गया कि पॉजिटिव रिजल्ट वाले वयस्कों में पॉजिटिव टेस्ट आने के एक वर्ष के भीतर डायबिटीज होने की संभावना 17% अधिक थी। अनएक्सपोज्ड व्यक्तियों की तुलना में पुरुषों में मधुमेह विकसित होने की संभावना 22% अधिक थी। महिलाओं के लिए हाई रिस्क तब तक स्टैटिकल रूप से महत्वपूर्ण नहीं था जब तक उन्हें अस्पताल में भर्ती या सख्त निगरानी नहीं की गयी थी।
रिसर्च के मुताबिक किये गए कैलकुलेशन के अनुसार डायबिटीज के सभी नए मामलों में लगभग 3.4% मामलों को कोविड इंफेक्शन से जोड़कर देखा गया, अर्थात इसके लिए कोविड-19 को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। पुरुषों में डायबिटीज के 4.75% नए मामले कोविड के कारण बढ़े हैं।
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