Marburg Virus: इस वायरस से मरीज की 8 से 9 दिनों के अंदर हो सकती है मौत, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Marburg Virus Symptoms: दुनिया में मारबर्ग वायरस के कहर से लोगों में खौफ बढ़ता जा रहा है. मारबर्ग वायरस से इक्वेटोरियल गिनी में नौ लोगों की मौत हो गई है। इस बीमारी के लक्षण काफी साधारण हैं। आइये जानते हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके -

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Marburg virus prevention: मारबर्ग वायरस कहां फैल रहा है ?

Symptoms and treatment of Marburg virus: कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में तरह-तरह के जानलेवा वायरसों का प्रकोप बढ़ता देखा गया है। इसमें H3N2 वायरस कई देशों में कोरोना के साथ-साथ हाथ पांव भी पसार चुका है। इससे बड़ी संख्या में नागरिक फिर से बीमार हो रहे हैं। भारत में भी अब कोरोना के साथ-साथ बड़ी संख्या में एच3एन2 वायरस के मरीज भी मिल रहे हैं। ऐसे में दुनिया अब एक नए वायरस मारबर्ग के संकट से जूझ रही है। अफ्रीकी देशों में फैल रहे इस जानलेवा वायरस के चलते ओमान के बाद अब सऊदी अरब ने यात्रियों के लिए यात्रा अलर्ट जारी किया है। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नागरिकों को अफ्रीका में इक्वेटोरियल गिनी और तंजानिया की यात्रा न करने की सलाह दी है।

ओमान मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई है। जिसमें उन्होंने अपने नागरिकों को सलाह दी थी कि जब तक जरूरी न हो, अफ्रीकी देशों की यात्रा न करें। वहां रहने वाले या दोनों देशों का दौरा करने वाले नागरिकों से भी सावधानी बरतने और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया जाता है।

मारबर्ग वायरस क्या है? | What is Marburg virus disease ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले कहा था कि इक्वेटोरियल गिनी और तंजानिया में मारबर्ग वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है, जो इबोला के समान एक अत्यधिक संक्रामक और घातक वायरस है। इक्वेटोरियल गिनी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिन पहले जानकारी दी थी कि यह बीमारी इबोला से मिलती-जुलती है। यह भी कहा गया कि इससे 5 लोगों की मौत हो गई। यह रोग थूक, रक्त और स्पर्श द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके लिए कोई टीका या एंटीवायरल उपचार नहीं है। शुरूआती अवस्था में रोगी को सिर्फ सिर दर्द, शरीर में दर्द और थकान महसूस होती है।

मारबर्ग वायरस इबोला वायरस की तरह ही घातक है और इसका एक प्रकार है। इस वायरस से संक्रमित रोगी को बुखार और आंतरिक रक्तस्राव होता है। जिससे शरीर के अन्य अंगों पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में भी फैला है। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना भी आपको जोखिम में डालता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस वायरस से मृत्यु दर 24 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक है, जबकि औसत मृत्यु दर 50 प्रतिशत के करीब हो सकती है। यानी इस वायरस से संक्रमित आधे से ज्यादा मरीजों की मौत हो जाती है। वायरस तेज बुखार, अक्सर रक्तस्राव और अंग विफलता का कारण बनता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण | Symptoms of Marburg Virus Disease

  • बुखार
  • तेज सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दस्त
  • पेट में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • शरीर में दर्द

इस वायरस के संक्रमण के बाद मरीजों में इबोला वायरस जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। इस समय रोगी के थूक, पेशाब, नाक, आंख जैसे विभिन्न अंगों से खून आता है। शरीर में खून की कमी से कई बार मौत का खतरा बढ़ जाता है। मारबर्ग वायरस के लक्षण संक्रमण के दो दिन से तीन सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। इनमें से अधिकतर लक्षण एक सप्ताह के भीतर दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो 8 से 9 दिनों के अंदर मरीज की मौत हो सकती है।

क्या मारबर्ग वायरस के खिलाफ कोई टीका या उपचार है? | Treatment against Marburg Virus Disease

मारबर्ग वायरस के खिलाफ वर्तमान में कोई टीका या एंटीवायरल उपचार नहीं है, लेकिन संक्रमित रोगियों का लक्षण और सहायक रूप से इलाज किया जाता है। इसका मतलब है कि तरल पदार्थ, ऑक्सीजन और ब्लड को आवश्यकतानुसार चढ़ाया जाता है।

कौन से देश सबसे ज्यादा खतरे में हैं? | Deadly Marburg Virus After Outbreak In Africa

वर्तमान में मारबर्ग वायरस के मामले दो देशों इक्वेटोरियल गिनी और तंजानिया में पाए जा रहे हैं। इसी के चलते इस वायरस पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने एक संभावित महामारी की चेतावनी देते हुए कहा है कि यह पड़ोसी देश गैबॉन और कैमरून में फैल सकता है। हाल के वर्षों में इक्वेटोरियल गिनी, घाना, कांगो, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, युगांडा, जिम्बाब्वे में मारबर्ग वायरस के प्रकोप की सूचना मिली है। लेकिन भारत में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है, इसलिए भारत को अभी इस वायरस से कोई खतरा नहीं है।

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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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