Zoonotic Infection: 2050 में जूनोटिक संक्रमण से मौत के मामले 12 गुना बढ़ने की आशंका, रिसर्च में हुआ खुलासा

Zoonotic Infection: शोधकर्ताओं ने 60 वर्षों के ऐतिहासिक महामारी विज्ञान डेटा का विश्लेषण करते हुए तेजी से बढ़ते और बार बार होने वाले ‘स्पिलओवर’ संक्रमण के एक सामान्य पैटर्न का पता लगाया। इस विश्लेषण में कोविड​​-19 महामारी शामिल नहीं थी।

Zoonotic Infection: जूनोटिक संक्रमण।

Zoonotic Infection: जानवरों से इंसान में संक्रमण या जूनोटिक रोग के मामले ‘‘तेजी से’’ बढ़ रहे हैं और 2020 की तुलना में 2050 में 12 गुना अधिक लोगों के इस संक्रमण से मारे जाने की आशंका है। शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में वैश्विक स्वास्थ्य अध्ययन में इस बारे में चेताया है। वर्ष 2008 में स्थापित अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी जिंकगो बायोवर्क्स के शोधकर्ताओं ने कहा कि जानवरों से इंसानों में होने वाला संक्रमण, जिसे ‘स्पिलओवर’ संक्रमण भी कहा जाता है, अधिकांश आधुनिक महामारियों का कारण रहा है, जिसमें कोविड-19 भी शामिल है।

शोधकर्ताओं ने 60 वर्षों के ऐतिहासिक महामारी विज्ञान डेटा का विश्लेषण करते हुए तेजी से बढ़ते और बार बार होने वाले ‘स्पिलओवर’ संक्रमण के एक सामान्य पैटर्न का पता लगाया। इस विश्लेषण में कोविड-19 महामारी शामिल नहीं थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि जलवायु और भूमि उपयोग में बदलाव के साथ जनसंख्या घनत्व और कनेक्टिविटी में वृद्धि से इस तरह के संक्रमण की आवृत्ति बढ़ने का अनुमान है।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि समय के साथ जूनोटिक रोगों की वार्षिक आवृत्ति और गंभीरता पर सीमित ऐतिहासिक डेटा के मद्देनजर भविष्य के वैश्विक स्वास्थ्य के लिए इन निष्कर्षों के निहितार्थ को चिह्नित करना मुश्किल है। इस प्रकार, निहितार्थ को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने महामारी विज्ञान के अपने डेटाबेस का सहारा लिया, जो आधिकारिक स्रोतों की एक विस्तृत श्रृंखला के डेटा पर आधारित था, ताकि स्पिलओवर संक्रमण के रुझानों को देखा जा सके जो भविष्य के अपेक्षित पैटर्न पर प्रकाश डाल सकते हैं।

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