कोविड 19 से जंग में भारत को बड़ी सफलता, कोरोना को जड़ से खत्म करेगी ये जड़ी बूटी, मिला रामबाण इलाज
भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक और मुकाम हासिल किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने यह काम कर दिखाया है।
Coronavirus
भारत ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में एक और मुकाम हासिल किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने यह काम कर दिखाया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अश्वगंधा से कोरोना वायरस को रोका जा सकता है। अश्वगंधा से प्राप्त हुआ एक खास तत्व सीधे उन प्रोटीन पर हमला करता है, जिनसे कोरोना वायरस का निर्माण होता है। विश्वविद्यालय की इस नई खोज को अंतरराष्ट्रीय जर्मन पेटेंट प्रदान किया गया है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुताबिक, अश्वगंधा से प्राप्त एक नए एंटीवायरल अणु, सोमिनोन, ने कोरोना वायरस के संबंध में उल्लेखनीय रूप से 96 प्रतिशत निषेध का प्रदर्शन किया है। सोमिनोन के अद्वितीय गुणों की पहचान करने और उनका दोहन करने के लिए यह अनुसंधान दल पिछले तीन वर्षों से अथक प्रयास कर रहा है। इस महत्वपूर्ण सफलता ने एक ऐसी प्रणाली के विकास को प्रेरित किया है, जो कोरोना वायरस के अस्तित्व के लिए आवश्यक तीन महत्वपूर्ण प्रोटीन को निशाना बनाती है।
कोविड पर सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स, तथा प्राणी विज्ञान विभाग, विज्ञान संस्थान, के शोधकतार्ओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। इसके तहत सार्स सीओवी-2 वायरस के विरुद्ध सोमिनोन फाइटोमोलेक्यूल की त्रि-लक्ष्य एंटीवायरल गतिविधि की पहचान की गई है, जिसके लिए बीएचयू को जर्मन पेटेंट प्रदान किया गया है। प्रो. परिमल दास के नेतृत्व वाली शोधकर्ताओं की टीम में प्रशांत रंजन, नेहा, चंद्रा देवी, डॉ. गरिमा जैन और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भाग्यलक्ष्मी महापात्र शामिल हैं।
विश्वविद्यालय का कहना है कि इस शोध को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट मिलना एंटीवायरल अनुसंधान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने की शोध टीम की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम है। यह पेटेंट कोविड-19 के लिए प्रभावी उपचार विकसित करने में अभिनव ²ष्टिकोण और शोध के संभावित प्रभाव को परिलक्षित करता है।
परियोजना के प्रमुख अन्वेषक प्रो. परिमल दास ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, हम सोमिनोन पर अपने शोध के लिए दूसरा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने पर रोमांचित हैं। यह कोरोना वायरस का मुकाबला करने के प्रयासों में एक मील का पत्थर है। हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष एंटीवायरल थेरेपी के विकास में योगदान देंगे और अंतत: कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करेंगे।
गौरतलब है कि बीएचयू का सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स तथा प्राणी विज्ञान विभाग, आणविक जीव विज्ञान और आनुवंशिकी के क्षेत्र में अपने अत्याधुनिक शोध के लिए प्रसिद्ध है। यह नवीनतम उपलब्धि वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रति उनके अटूट समर्पण और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए अभिनव समाधानों की उनकी अथक खोज की एक पहल है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें
कोलन कैंसर का खतरा बढ़ा रहे कुकिंग ऑयल! जानें खाने के लिए कौन से तेल हैं सबसे ज्यादा खतरनाक
एंटी एजिंग कहे जाते हैं ये 3 योगासन, रोजाना 20 मिनट करने से 40 के बाद भी बनी रहेगी 24 वाली फिटनेस
Brain Stroke: ठंड में क्यों बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा? शुरुआती लक्षणों से करें पहचान तो बच जाएगी जान
क्या है कीटो डाइट? जिसे फॉलो कर गोली की रफ्तार से होता है वेट लॉस, जानें इसके फायदे और नुकसान
वेट लॉस से कोलेस्ट्रॉल कम करने में रामबाण है सेब से बना ये खट्टा रस, गलत तरीके से पिया तो होगा नुकसान, ये है सही तरीका
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited