Sleeping Cycle Time: डायबिटीज टाइप 2 का कारण बन सकता है देर रात तक मोबाइल पर चलाना

Sleeping Cycle Time: रात में देर तक जागना और सुबह देर तक सोते रहना कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। फैट बर्न कर उसे एनर्जी में बदलने की क्षमता कम हो जाती है और शख्स आसानी से मोटापे का शिकार हो जाते हैं। देर रात तक जागने वाले लोगों टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा होता है।

स्लीपिंग साइकिल का पालन नहीं करने पर क्रॉनिक डिजीज का बढ़ जाता है खतरा

मुख्य बातें
  • देर रात तक जागने वालों को टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा
  • शरीर में फैट बर्न कर उसे एनर्जी में बदलने की क्षमता हो जाती है कम
  • एक्टिव रहकर, बैलेंस डाइट लेकर और समय पर सो करें स्लीप साइकिल सही

Diabetes and Sleep Disorders: युवाओं में देर रात तक जागना और सुबह देर सोने का प्रचलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। किसी को देर रात पढ़ाई करनी होती है तो कोई सोशल मीडिया पर दोस्तों से चैट करते हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वालों का वर्किंग ऑवर ही देर रात तक चलता रहता है। यानी देर से सोने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। काम के लिए जागना तो अलग बात है, लेकिन अगर केवल सोशल मीडिया के चक्कर में सोने और जागने का साइकिल बिगाड़ रहे हैं तो सावधान हो जाएं। रात देर तक जागना और सुबह देर तक सोते रहना कई क्रॉनिक

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बीमारियों जैसे डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। एक्सपेरिमेंटल फिजियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार सुबह जागने वालों के शरीर में फैट आसानी से एनर्जी में बदल जाता है जबकि देर रात तक जागने वाले लोगों में फैट बर्न कर उसे एनर्जी में बदलने की क्षमता कम हो जाती है जिससे वे आसानी से मोटापे का शिकार हो जाते हैं। रिसर्च के अनुसार इसके कारण टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि देर रात तक जागना ही क्रॉनिक बीमारियों का एकमात्र कारण हो।

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