टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में क्या अंतर होता है? कौन सी स्थिति है सेहत के लिए ज्यादा खतरनाक

Difference Between Type 1 And Type 2 Diabetes: डायबिटीज के दो प्रकार सबसे आम हैं, टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। अक्सर लोग दोनों को ही लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। वे अक्सर पूछते हैं कि दोनों में क्या अंतर होता है और सेहत के लिए कौन सी स्थिति अधिक घातक साबित हो सकती है? यहां जानें सबकुछ.

Difference Between Type 1 And Type 2 Diabetes

Difference Between Type 1 And Type 2 Diabetes: डायबिटीज या शुगर खराब जीवनशैली के कारण होने वाली एक गंभीर स्थिति है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय से खराब खानपान और गतिहीन जीवनशैली को फॉलो कर रहा होते हैं, तो इसकी वजह से उनके शरीर का वजन और चर्बी बढ़ने लगती है। धीरे-धीरे इसकी वजह से शरीर में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन होने लगती है, जो भोजन से प्राप्त एनर्जी को कोशिकाओं तक पहुंचाता है, जिससे कि जरूरत पड़ने यह हमारे शरीर में प्रयोग हो सके। लेकिन जब शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं रहते हैं, तो यह एनर्जी यूज नहीं हो पाती है और फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती है। जब स्थिति अधिक बदतर हो जाती है, तो रक्त में इसकी मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, जिसे हाई शुगर कहा जाता है। इस तरह यह समय आने से डायबिटीज में परिवर्तित हो जाता है। अब डायबिटीज के दो प्रकार सबसे आम है, टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। अक्सर लोग दोनों को ही लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं। वे अक्सर पूछते हैं कि दोनों में क्या अंतर होता है और सेहत के लिए कौन सी स्थिति अधिक घातक साबित हो सकती है? इस लेख में जानें सबकुछ।

टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज में अंतर - Difference Between Type 1 And Type 2 Diabetes

टाइप 1 डायबिटीज

यह एक स्थिति है, जिसमें हमारे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो जाता है। इंसुलिन का उत्पादन अग्नाशय में मौजूद बीटा सेल्स द्वारा किया जाता है। लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसका उत्पादन पूरी तरह बंद हो जाता है। जब ऐसा होता है, तो व्यक्ति को जो कुछ भी खाता वह पचने के बाद सीधे ब्लड स्ट्रीम में तो जाता है, लेकिन शरीर में एनर्जी के रूप में प्रयोग नहीं पाता। इससे रक्त में शुगर का लेवल बहुत हाई हो जाता है। हालांकि, यह समस्या बहुत कम लोगों को प्रभावित करती है। आमतौर पर इसके पीछे का कारण पारिवारिक इतिहास, अनुवांशिक या किसी वायरल संक्रमण को माना जाता है।

टाइप 2 डायबिटीज

यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हमारे अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का उत्पादन तो होता है, लेकिन या तो बहुत कम होता है या न के बराबर होता है। इस स्थिति में जरूरत के अनुसार इंसुलिन नहीं बनता। या फिर अगर उत्पादन होता भी है, तो यह हार्मोन शरीर में अपना काम ठीक से नहीं करता है। यह समस्या मोटापे से ग्रस्त लोगों में अधिक देखने को मिलती है। जो लोग शारीरिक रूप से बहुत कम एक्टिव रहते हैं या गतिहीन जीवनशैली जीते हैं, वे इसका शिकार अधिक होते हैं।
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