Menopause: मेनोपॉज के इन 9 लक्षणों को ठीक से समझें यहां

Symptoms of menopause: मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति एक प्राकृतिक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है, जो महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र में शुरू होती है। इस दौरान हर महीने मेंस्ट्रुअल साइकिल की प्रक्रिया पूरी तरीके से बंद हो जाती है। अगर किसी महिला को एक साल तक पीरियड्स नहीं आएगा, तो उसे मेनोपॉज माना जाता है।

Menopause

रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज के लक्षण जानें

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र के आसपास मेनोपॉज शुरू हो जाता है
  • मेनोपॉज के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
  • मेनोपॉज में पीरियड्स बंद हो जाते हैं
Symptoms of menopause: लड़कियां जब 12 से 13 वर्ष की उम्र में पहुंचती है तो मासिक धर्म की शुरुआत हो जाती है, जिसके साथ ही बहुत सारे बदलाव भी दिखने लगते हैं। शरीर के अंगों से लेकर मानसिक रूप से भी लड़कियां प्रभावित होती हैं। प्रेग्नेंट होने व बच्चा पैदा करने के लिए मासिक धर्म से जुड़ी हुई प्रक्रियाएं ही जिम्मेदार हैं। 45 से 50 की उम्र के बाद महिलाओं में यह मासिक धर्म की प्रक्रिया रुक जाती है, जिसे मेनोपॉज नाम से जाना जाता है। इसके बाद महिलाएं मां बनने की क्षमता खो देती हैं। जिस प्रकार पीरियड्स की शुरुआत के साथ शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं। ठीक वैसे ही इसके समाप्त होने पर भी बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं।
मेनोपॉज के लक्षणों को जानें व समझें-
  1. इसके लक्षण मेनोपॉज के पहले भी देखने को मिल सकते हैं। कुछ महिलाओं के लिए यह अवस्था कष्टदाई होती है वहीं कुछ के लिए नहीं होती।
  2. कमजोरी और थकान होने के साथ-साथ हड्डियों व जोड़ों में जकड़न और दर्द महसूस हो सकता है।
  3. मेनोपॉज के दौरान शरीर में अचानक से बहुत अधिक गर्मी का एहसास होने लगता है। यह शुरुआती लक्षणों में से एक है।
  4. मेनोपॉज का एक लक्षण यह है कि नियमित मासिक धर्म के चक्र में परिवर्तन होने लगता है। मेनोपॉज के बाद सेक्स हार्मोन में कमी हो जाती है व इससे जुड़े कई लक्षण नजर आने लगते हैं। ‌
  5. मेनोपॉज के दौरान स्तनों में कोमलता आ जाती है। सूजन व ब्रेस्ट पेन की शिकायत भी बनी रहती है। सेक्स हार्मोन के स्तर में कमी होने के कारण योनि शुष्क हो जाती है व सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द का कारण बन जाती है।
  6. मेनोपॉज से पहले कुछ महिलाओं में स्पॉटिंग कैंसर या रक्त स्राव की शिकायत बनी रहती है। ‌
  7. सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से यूरिनरी लोकेज की समस्या पैदा हो सकती है।
  8. मेनोपॉज के दौरान रात में कभी-कभी बहुत ज्यादा पसीना होने लगता है व घबराहट और जी मिचलाने की समस्या हो सकती है, जिससे नींद नहीं आने में भी दिक्कत महसूस होती है।
  9. मेनोपॉज का असर महिलाओं के मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है, जिसके कारण वजन बढ़ने की भी संभावना बनी रहती है।
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मेनोपॉज के दौरान हॉट फ्लैशेस की परेशानी हो सकती है। ऐसे में सोयाबीन, टोफू जैसे खाद्य पदार्थों में फाइटोएस्ट्रोजन नामक हार्मोन पाए जाते हैं, जो कि हॉट फ्लैश से निपटने में मदद करते हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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