Obesity: न करें नजरअंदाज! मोटापा बन सकता है इन आठ बीमारियों का कारण

Obesity Disease: मोटापे के लिए खाने-पीने की आदतों को हमेशा से जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन, अकेले खाने से मोटापा नहीं होता है। अगर कैलोरी कम करने या एक्सरसाइज करने के बाद भी आपका वजन कम नहीं हो रहा है तो इसका कारण कोई और कारण हो सकता है।

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Obesity and Cancer: मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?

Obesity and Diseases: कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो हमें ज्यादा परेशान नहीं करती हैं। लेकिन वह बीमारी दूसरी बीमारियों और व्याधियों को न्योता देती है। मोटापा भी एक ऐसी ही बीमारी है। मोटापे (Obesity impact on health) के कारण खड़े होने, बैठने और चलने में परेशानी होती है। हालांकि, मधुमेह और हृदय रोग जैसे रोग कोलेस्ट्रॉल के कारण होते हैं। मोटापे से आठ जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं।

ऑस्टियोआर्थराइटिस: मोटापे के कारण बढ़ा हुआ वजन घुटनों पर बहुत बुरा असर डालता है। बेशक, मोटापा शरीर के अन्य हिस्सों (Osteoarthritis) को भी प्रभावित करता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए, मोटापे के कारण वजन बढ़ने से घुटने के जोड़ में कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है। यही समस्या बढ़कर ऑस्टियोआर्थराइटिस का रूप ले लेती है।

स्ट्रोक और हृदय रोग: जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है, उनमें हाई कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह होता है, ये दोनों ही हृदय रोग (Stroke and Heart Disease) के जोखिम को बढ़ाते हैं।

मधुमेह टाइप-2: मधुमेह टाइप-2 (Diabetes Type 2) मोटापे से जुड़ी सबसे आम बीमारियों में से एक है। यह बीमारी हमारी जीवनशैली से जुड़ी है।

कैंसर का खतरा: मोटापा कैंसर के खतरे (Cancer causes) को बढ़ाता है. कुछ प्रकार के कैंसर मोटापे के कारण होते हैं। इसमें कोलन कैंसर, किडनी कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर आदि होने की संभावना रहती है।

गॉलब्लैडर के रोग: गॉलब्लैडर संबंधी रोग (Diseases of the Gallbladder) फिट लोगों की तुलना में मोटे लोगों में ज्यादा होते हैं। खासतौर पर उन लोगों में जिनका वजन बहुत जल्दी बढ़ जाता है या बहुत जल्दी वजन कम हो जाता है। इसलिए, वजन कम करते समय, पित्त पथरी से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आप प्रति सप्ताह एक पाउंड वजन कम करें।

नींद से संबंधित विकार: मोटापे के कारण आपको अधिक नींद या कम नींद की समस्या (sleep disorders) हो सकती है। अतिरिक्त वसा ऊपरी वायुमार्ग को संकुचित करती है, शरीर को ऑक्सीजन से वंचित करती है और रक्त के प्रवाह को धीमा कर देती है, जिससे अत्यधिक नींद आती है।

अस्थमा की बीमारी: अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, पेट और छाती में अत्यधिक चर्बी जमा होने से फेफड़े सिकुड़ जाते हैं और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इससे अस्थमा की समस्या (Asthma Disease) हो जाती है।

यूरिक एसिड की समस्या : खून में यूरिक एसिड (Uric acid problem) के बढ़ने की समस्या को गाउट कहते हैं। खून में यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में दर्द होने लगता है।

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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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