Pregnancy: एंडोमेट्रियोसिस के कारण मां बनने में आती है परेशानी? एक्सपर्ट से जानिए क्या है ऑप्‍शन

Endometriosis causes and symptoms: एक महिला के जीवन में मां बनना एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण माना जाता है क्योंकि मां बनने के बाद एक महिला के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आता है। एंडोमेट्रियोसिस का इन्फेक्शन गर्भावस्था से ही शुरू हो जाता है।

Pregnancy

Endometriosis Treatment: जानें महिलाओं में क्यों होती है एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी, कैसे करें बचाव (Image: istockphoto)

Endometriosis And Fertility- Reasons For Women To Have Hope: लगभग सभी महिलाएं एक बच्चे को जन्म देकर मां बनना चाहती हैं। एक महिला के जीवन में मां बनना एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण माना जाता है क्योंकि मां बनने के बाद एक महिला के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आता है। यह संक्रमण गर्भावस्था से ही शुरू हो जाता है। लेकिन सभी महिलाएं स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं करती हैं। चिकित्सकीय जटिलताओं के कारण, मां बनने के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों में एंडोमेट्रियोसिस शामिल है।
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत जैसे टिश्यू गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। ये टिश्यू आमतौर पर अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब या अन्य एब्डोमिनल एरिया पर बढ़ते हैं। इससे महिला को गंभीर दर्द और बांझपन का सामना करना पड़ सकता है। एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन आयु की लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है।
एंडोमेट्रियोसिस के सबसे चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक प्रजनन क्षमता पर इसका प्रभाव पड़ना है। यह अनुमान लगाया गया है कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित 50 प्रतिशत महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है। हालांकि, उचित उपचार के साथ, एंडोमेट्रियोसिस वाली कई महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।

एंडोमेट्रियोसिस क्या होता है ? | Endometriosis - Symptoms and causes

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ परिणीता कलिता ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि हर महीने मासिक धर्म से निकलने वाला ब्लड की बीमारी में पेट के आस-पास के ऑर्गन में जमा हो जाता है। जैसे ओवरी, ट्यूब, आंत और पेल्विक एरिया में जमा हो जाता है। हर महीने जैसे ही महिला को पीरियड आता है तो जितनी जगह यह ब्लड रुका हुआ होता है वहां से ब्लीडिंग शुरू हो जाता है। एंडोमेट्रियोसिस में पीरियड बहुत पेनफुल होता है।
आगे उन्होंने कहा, "ओवरी में ब्लड जमा होकर बड़ा सा सिस्ट बना देता है, जिसे चॉकलेट सिस्ट कहते हैं और ज्यो ट्यूब्स होते हैं उसके आस-पास खून जमा होने से वह सिकुड़कर अपनी नॉर्मल जगह से हटकर ओवरी या यूट्रस के पीछे आकर जमा हो जाता है। इस दौरान ट्यूब, ओवेरी और यूट्रस एक दूसरे के साथ चिपक जाता है। जिसके वजह नॉर्मल फंक्शन नहीं हो पता है।"
डॉक्टर परिणीता ने बताया कि एक बच्चा बनाने के लिए तीन चीजें चाहिए होती हैं। जिसमें बच्चादानी यानि यूट्रस, अंडादानी यानि ओवरी और ट्यूब चाहिए होता है। एक चैनल होता है जिसके माध्यम से फर्टाइल होने के बाद बच्चा आकर बच्चेदानी में बैठ जाता है और एंडोमेट्रियोसिस में जो बच्चादानी है उसके डिफरेंट लेयर के अंदर ये सारे सेल्स जमा हो जाता है। उसके वॉल के अंदर ब्लड जमा होने लगते हैं, और बच्चादानी धीरे-धीरे अपने साइज में बढ़ता है जिसे एडिनोमायोसिस कहते हैं।
आगे उन्होंने कहा, "एंडोमेट्रियोसिस यदि एक बार हो जाए तो यह ठीक नहीं होता है, इसमें पीरियड बंद करना पड़ता है; ताकि अंदर फैला ब्लड धीरे-धीरे सूख जाये। पीरियड नहीं आने से प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत अंडे नहीं बन पाते हैं और ट्यूब खराब हो जाता है। यूट्रस भी डिस्टर्ब हो जाता है। जिसके कारण प्रेग्नेंसी कंसीव करने में दिक्कतें आती हैं। इसलिए जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।"

एंडोमेट्रियोसिस के कारण गर्भावस्था में समस्या हो सकती है ? | Can endometriosis cause pregnancy problems?

  • एंडोमेट्रियोसिस चिपचिपा या निशान टिश्यू के गठन का कारण बन सकता है। यह प्रकार प्रजनन अंगों के समुचित कार्य में हस्तक्षेप कर सकता है। इससे शुक्राणु को यात्रा करने या अंडाशय से गर्भाशय तक पहुंचने में मुश्किल होती है।
  • एंडोमेट्रियोसिस सूजन पैदा कर सकता है। जो गर्भाशय में अंडों की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकता है या बनने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। यह शरीर में हार्मोनल संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है। जो ओव्यूलेशन और गर्भाधान के लिए आवश्यक हार्मोन के नाजुक संचलन को बाधित कर सकता है।
  • एंडोमेट्रियोसिस वाली कुछ महिलाओं में एक अज्ञात समस्या हो सकती है। यह प्रजनन क्षमता को और जटिल बनाता है। उदाहरण के लिए, पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) या गर्भाशय फाइब्रॉएड।
एंडोमेट्रियोसिस और प्रजनन संबंधी समस्याओं वाली महिलाओं के लिए उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं को गर्भ धारण करने में मदद करने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं। इन उपचारों का उपयोग एक महिला के व्यक्तिगत लक्षणों, एंडोमेट्रियोसिस की गंभीरता और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। जिसमें निम्नलिखित उपचार शामिल हैं-
1. सर्जरी : कुछ मामलों में एंडोमेट्रियल टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। गर्भावस्था में शारीरिक बाधाओं को कम करके सर्जरी प्रजनन क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकती है। हालांकि, सर्जरी सभी मामलों में प्रभावी नहीं है। क्योंकि, इसमें संक्रमण, रक्तस्राव या प्रजनन अंगों को नुकसान जैसे जोखिम भी हो सकते हैं।
2. हार्मोनल थेरेपी: हार्मोनल थेरेपी जैसे गर्भ निरोधक गोलियां; मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और एंडोमेट्रियोसिस लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती हैं। यह थेरेपी ओव्यूलेशन को बढ़ावा देकर प्रजनन क्षमता में सुधार करने में भी मदद कर सकती है। हालांकि, यह थेरेपी एंडोमेट्रियोसिस वाली सभी महिलाओं के लिए प्रभावी नहीं हो सकती है। क्‍योंकि इससे वजन बढ़ना, मूड स्विंग या शारीरिक संबंध बनाने में कमी जैसे साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं।
3. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ): गंभीर एंडोमेट्रियोसिस या अन्य प्रजनन समस्याओं वाली महिलाओं के लिए आईवीएफ सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें अंडाशय से अंडे प्राप्त करना, उन्हें प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ फर्टाइल कर गर्भाशय में ट्रांसफर करना शामिल है। आईवीएफ उपचार महंगा हो सकता है और हमेशा सफल होने की गारंटी नहीं होती है। लेकिन, इसने एंडोमेट्रियोसिस वाली कई महिलाओं को गर्भ धारण करने में मदद की है।
4. जीवनशैली में बदलाव: जीवनशैली में कई तरह के बदलाव भी एंडोमेट्रियोसिस वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इनमें स्वस्थ वजन बनाए रखना, पर्याप्त व्यायाम करना, तनाव कम करना और धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना शामिल है।
डॉ. परिणीता के मुताबिक एंडोमेट्रियोसिस एक जटिल स्थिति है जो महिलाओं के लिए दर्दनाक और परेशान करने वाली हो सकती है। लेकिन, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सही उपचार से एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित कई महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। यदि आप बांझपन का अनुभव कर रहे हैं और संदेह है कि आपको एंडोमेट्रियोसिस है, तो आपको अपने डॉक्टर के साथ उपलब्ध उपचार विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

End of Article
संबंधित खबरें
आलू-चावल खाकर भी नहीं बढ़ेगी शुगर डायबिटीज के मरीज बस इस बात का रखें ध्यान हमेशा कंट्रोल रहेगा ब्लड शुगर

आलू-चावल खाकर भी नहीं बढ़ेगी शुगर, डायबिटीज के मरीज बस इस बात का रखें ध्यान, हमेशा कंट्रोल रहेगा ब्लड शुगर

शरीर की चर्बी को मोम की तरह पिघला देंगी सुबह की ये आदतें थुलथुली चर्बी का मिटा देंगी नामोनिशान महीनेभर में मिलेंगे बेस्ट रिजल्ट

शरीर की चर्बी को मोम की तरह पिघला देंगी सुबह की ये आदतें, थुलथुली चर्बी का मिटा देंगी नामोनिशान, महीनेभर में मिलेंगे बेस्ट रिजल्ट

हड्डियों को खोखली बना देगी इस विटामिन की कमी ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान - जानें इसे बढ़ाने के आसान उपाय

हड्डियों को खोखली बना देगी इस विटामिन की कमी, ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान - जानें इसे बढ़ाने के आसान उपाय

लटकती तोंद को महीनेभर में अंदर धंसा देगा ये जूस बर्फ की तरह पिघलाएगा शरीर की चर्बी मांसपेशियों में आएगी फुलावट

लटकती तोंद को महीनेभर में अंदर धंसा देगा ये जूस, बर्फ की तरह पिघलाएगा शरीर की चर्बी, मांसपेशियों में आएगी फुलावट

हाई यूरिक एसिड की वजह से बढ़ गया जोड़ों का दर्द तो पिएं ये जूस खून में जमे Uric Acid को खींच निकालेंगे बाहर सूजन और दर्द से देंगे राहत

हाई यूरिक एसिड की वजह से बढ़ गया जोड़ों का दर्द तो पिएं ये जूस, खून में जमे Uric Acid को खींच निकालेंगे बाहर, सूजन और दर्द से देंगे राहत

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited