Benefits of Coarse Grains : यूं ही नहीं खाते सर्दियों में मक्का बाजरा, कई रोगों से बचाता है मोटा अनाज
These are the benefits of coarse grains : मोटे अनाज को लेकर हुए कई शोध में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। होल ग्रेेन के सेवन से इंसानों को होने वाले कई गंभीर रोगों का खतरा कई फीसदी कम हो जाता है। विशेषज्ञों के मूुताबिक मोटा अनाज के तरह के पोषक तत्वों का अकूत भंडार है।
मोटे अनाज को खाने से कई गंभीर रोगों का खतरा टलता है(प्रतीकात्मक तस्वीर)
- मोटे अनाज के सेवन से कई गंभीर रोगों का खतरा टलता है
- मोटा अनाज पोषक तत्वों का अकूत भंडार है
- इसे कई व्यजंन बना आहार में शामिल किया जा सकता है
These are the
अब तक की हुई रिसर्च के मुताबिक मोटा अनाज शरीर में बनने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल को घटा गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढाता है। वहीं उच्च रक्तचाप को भी बैलेंस करता है। इसके अलवा मोटे अनाज के सेवन से हार्ट अटैक व मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। होल ग्रेन काउंसिल के मुताबिक अगर हम प्रतिदिन करीब 50 ग्राम मोटे अनाज से बनें व्यंजनों को अपने आहार में शामिल करते हैं तो हमें कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
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जानें क्या है मोटा अनाज
खेतों में उगने वाली फसलों से गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, जौ व बाजरा आदि को मोटा अनाज कहा जाता है। इन्हें कई टुक़ड़ों में बदलने के बाद खाने के काम में लिया जाता है। इनमें बड़ी मात्रा में फाइबर, विटामिन्स व मिलरल्स होते हैं। हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक मॉर्निंग ब्रेकफस्ट में होल ग्रेन को शामिल करना ज्यादा फायदेमंद होता है।
रिसर्च में आए होल ग्रेन के ये नतीजे
होल ग्रेन को लेकर हार्वर्ड इंस्टीट्यूट की ओर से करीब 18 साल तक डेढ़ लाख महिलाओं पर की गई रिसर्च में कई चौंकाने वाले नतीजे आए। जिसमें पता चला कि, रोजाना औसतन 50 ग्राम होल ग्रेन खाने वाली महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा 30 प्रतिशत तक कम हुआ। वहीं 5 लाख लोगों पर पांच साल तक किए गए रिसर्च में जानकारी मिली कि, होल ग्रेन खाने से स्टेंटाइन के कैंसर का खतरा 21 फीसद कम हुआ।
होल ग्रेन से ऐसे मिलता है फायदा
न्यूट्रिशियन्स के मुताबिक बाजरा, जौ, चना, मक्का, जौ, चावल, गेंहू व ज्वार आदि को अंकुरित कर या मोटा पीस कर भोजन में शामिल किया जा सकता है। बाजरे में कैल्शियम, लौह तत्व व मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है। ज्वार ग्लूटेन फ्री होता है। राजगिरा में विटामिन बी-2, बी-6, जिंक, मैग्नीशियम होते हैं। इन्हें कई प्रकार के व्यंजनों को बनाकर आहार में शामिल किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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