आई फ्लू कितने दिन में ठीक होता है?
EYE FLU Causes and Ayurvedic Treatment: हमारी आंखें शरीर का सबसे आकर्षक हिस्सा ही नहीं बल्कि सबसे खास भी होती हैं। ये हमारे शरीर में तभी तक महत्वपूर्ण हैं जब तक आपकी आंखों की दृष्टि सुरक्षित और स्वस्थ है, दृष्टि एक ऐसा माध्यम है, जिसकी मदद से मनुष्य प्रकाश की किरणों, चीजों के रूप, दूरी, रंग आदि का अहसास महसूस करता है।
लेकिन बदलते मौसम के कारण पिछले कुछ दिनों में आंखों पर असर पड़ा है। बहुत से लोग आंखों में खुजली और लाल आंखों से परेशान हैं। इसे बोलचाल की भाषा में भेंगापन कहा जाता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में 'कंजक्टिवाइटिस' और मेडिकल भाषा में 'आई फ्लू' भी कहा जाता है। यह वायरस के कारण कंजंक्टिवा में सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा एक स्पष्ट परत है जो आंख के सफेद भाग और पलकों की अंदरूनी परत को ढकती है। जिससे अस्थायी दृष्टि हानि हो सकती है। आज हम आयुर्वेदाचार्य से आई फ्लू के लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानेंगे।
लखनऊ के शतभिषा आयुर्वेद क्लिनिक के वैद्य प्रदीप चौधरी ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर लोग कब्ज से राहत पाने के लिए करते हैं। लेकिन यह सिर्फ कब्ज दूर करने की दवा नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे भी हैं। त्रिफला का उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में शक्तिवर्धक रसायन औषधि माना गया है। जैसा कि दिल्ली और देश के कई अन्य क्षेत्रों में अभी आई फ्लू फैला हुआ है। कंजंक्टिवाइटिस यानि पिंक आइज या आई फ्लू को ठीक करने में त्रिफला का अहम योगदान हो सकता है।
- आंखे लाल होना
- आंखों में खुजली होना
- आंखों से धुधला दिखाई देना
- आंखों से पानी आना
- आंखों में दर्द होना
शुरुआत में ये लक्षण एक आंख में दिखाई देते हैं और अगर कोई सावधानी या इलाज न किया जाए तो यह दूसरी आंख में भी फैल सकता है। साथ ही कंजंक्टिवाइटिस के गंभीर मामलों में कुछ रोगियों की आंखों से खून भी आ सकता है। कंजंक्टिवाइटिस का एक प्रमुख लक्षण आंखों से हरे या सफेद चिपचिपे तरल पदार्थ के निकलने के कारण पलकों का चिपकना है। सूरज की रोशनी या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है।
आंखों के लिए फायदेमंद: बहुत कम लोग जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आंखों को कई बीमारियों से भी बचाता है।
उपयोग की विधि: एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर ठंडे पानी में भिगो दें। अगली सुबह इसे छानकर पानी अलग कर लें और उस पानी से आंखों को अच्छी तरह धो लें। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव होता है। धुलने के बाद त्रिफला घृत या गाय का शुद्ध का घी लगाने से लाभ मिलेगा।
हल्दी और गरम पानी: 2 चम्मच हल्दी पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करें। उस हल्दी को एक गिलास गर्म पानी में मिला लें और हल्दी वाला पानी थोड़ा ठंडा होने दें, फिर उससे रुई की मदद से आंखों को साफ करें। इसके अलावा नेत्रों के लिए, एक भाग हल्दी 20 भाग जल में उबाल कर छानकर उसे आंख में बार-बार डालते हैं जिससे आंख की वेदना कम होती है तथा कीचड़ आना भी कम होता है।
गुलाब जल: गुलाब जल से आंखें धोने से आंखों का संक्रमण कम हो जाता है। आंखों में गुलाब जल की दो बूंदें डालने और दिन में दो बार ऐसा करने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या खत्म हो जाती है।
आंवले का जूस: 3 से 4 आंवलों के गूदे को पीसकर उसका रस निकाल लें। उस रस को एक गिलास पानी में मिलाकर पी लें। आंवले के रस का प्रयोग दिन में दो बार सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले करें। आंखों में संक्रमण होने पर आंवले का रस पीने से भी फायदा होता है।