इन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है उपवास रखना, ये लोग भूलकर न करें फास्टिंग, एक्सपर्ट ने बताए गंभीर नुकसान
Fasting Kise Nahi Karni Chahiye: आजकल लोगों में उपवास रखने का चलन काफी बढ़ गया है। यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, हिन्दू धर्म में उपवास का अध्यात्मिक महत्व भी है। साल में कई त्योहार आते हैं जिनपर लोग उपवास रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कुछ लोगों के फास्टिंग करना बहुत खरतनाक हो सकता है।
Fasting Kise Nahi Karni Chahiye
Fasting Kise Nahi Karni Chahiye: हिन्दू धर्म में उपवास रखने का विशेष महत्व है। नवरात्रि के अलावा सालभर में कई तरह के व्रत होते हैं, जिनमें लोग उपवास रखते हैं। आध्यात्मिक महत्व के साथ ही उपवास सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। यह शरीर की आंतरिक रूप से सफाई करने, आंतों के स्वास्थ्य मजबूत बनाने, डाइजेशन दुरुस्त करने, इम्यूनिटी बेहतर बनाने के साथ-साथ शरीर में जमा चर्बी को कम करने का एक बेहतरीन तरीका है। इसलिए आजकल लोगों में फास्टिंग काफी पॉपुलर भी हो रही है। खासकर वेट लॉस के लिए लोग आजकल खूब फास्टिंग कर रहे हैं। यह सही है फास्टिंग या उपवास सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है और आमतौर पर सभी के लिए सुरक्षित होती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं, कुछ लोगों को फास्टिंग डॉक्टर की सलाह के बिना भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। कुछ मेडिकल कंडीशन में उपवास रखने से व्यक्ति की स्थिति गंभीर या उसके लक्षण बदतर हो सकते हैं। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्कसक डॉ. वरलक्ष्मी यनामंद्र ने इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
मौसम के अनुसार फास्टिंग को लेकर क्या कहता है आयुर्वेद
डॉ. वरलक्ष्मी की मानें तो सर्दियों में अगर आप फास्टिंग करते हैं, तो पाचन अग्रि मजबूत होने की वजह से टिश्यू को नुकसान पहुंचता है और कमी हो सकती है। वहीं, गर्मियों के दौरान जब उपवास किया जाता है, तो इसकी वजह से शरीर में एनर्जी और ताकत की कमी देखने को मिल सकती है। यह वात दोष के असंतुलन का कारण बन सकता है।
इन लोगों को नहीं करनी चाहिए फास्टिंग - Who Should Avoid Fasting In Hindi
हाइपर एसिडिटी से पीड़ित लोग
जिन लोगों को पहले से एसिडिटी की समस्या है, उन्हें उपवास रखने से सख्त बचना चाहिए। यह आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है और पेट में जलन बढ़ सकती है। यह म्यूकस की परत को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में अल्सर या सूजन की स्थिति देखने को मिलती है।
सिरदर्द होने पर
उपवास के दौरान लोगों का ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। साथ ही डिहाइड्रेशन की स्थिति भी देखने को मिल सकती है। ये दोनों ही कारक सिरदर्द बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। जिन लोगों पहले से सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या है, यह उनकी परेशानियां बढ़ा सकता है।
अनियमित पीरियड्स
जब आप उपवास रखते हैं,तो इससे प्राकृतिक रूप से शरीर में वात दोष बढ़ता है। इसकी वजह से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की स्थिति देखने को मिल सकती है। यह उनकी पीरियड साइकिल को भी प्रभावित कर सकता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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