Fertility in Men: पुरूषों में बढ़ रहा है बांझपन का खतरा, एक्सपर्ट से जानिए कैसे बढ़ाएं स्पर्म काउंट
Infertility in Hindi: बांझपन एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है जो दुनिया भर में प्रजनन आयु के लाखों लोगों को प्रभावित करती है। उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि विश्व स्तर पर 48 मिलियन जोड़े और 186 मिलियन व्यक्ति बांझपन से पीड़ित हैं। अच्छी खबर यह है कि जितनी जल्दी आप विशेषज्ञ से मिलकर इसका निदान करवाते हैं, उतनी ही जल्दी आप समस्या को ठीक कर सकते हैं।
Infertility Treatment: इन गलतियों की वजह से भी बढ़ सकती है पुरुषों में इनफर्टिलिटी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, आज के समय में हर छह वयस्कों में से लगभग एक बांझपन का शिकार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में लगभग 17.5 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी बिंदु पर बांझपन से प्रभावित हैं, अमीर और गरीब देशों के बीच बहुत कम अंतर पाया गया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस मुद्दे पर कहा, "वैश्विक स्तर पर, हर छह में से एक व्यक्ति अपने जीवन में किसी समय बच्चा पैदा करने में असमर्थता से प्रभावित होता है।"
बांझपन क्या है? | What is Infertility?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जिसमें एक कपल एक साल या उससे अधिक समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं कर पाता है। यह समस्या न केवल जोड़े को बल्कि उनके परिवार को भी प्रभावित करती है।
पुरुष बांझपन | Male Infertility
मेडिकवर फर्टिलिटी की डॉक्टर श्वेता के अनुसार , पुरुषों में बांझपन के कई कारण होते हैं, जिनमें कम शुक्राणु संख्या, कम शुक्राणु उत्पादन, असामान्य शुक्राणु कार्य या शुक्राणु के वितरण में बाधा शामिल है। इस तरह की रुकावट जननांग चोट या संक्रमण के कारण हो सकती है। हालांकि, कई बाहरी कारक हो सकते हैं जो बांझपन का कारण बनते हैं। धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, खराब आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा, तनाव, कुछ रसायनों और कीटनाशकों के संपर्क में आना। बीमारी, चोट, पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं, जीवन शैली जैसे कारक सभी पुरुष बांझपन में योगदान कर सकते हैं।
बांझपन का कारण | Causes of Infertility in Hindi
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक बांझपन के कारण हार्मोनल, शारीरिक या जीवन शैली से संबंधित हो सकते हैं। बांझपन के कुछ सामान्य कारणों में ओव्यूलेशन डिजीज, बहुत अधिक प्रोलैक्टिन का उत्पादन और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम शामिल हैं, एक ऐसी स्थिति जहां अंडाशय एण्ड्रोजन या पुरुष सेक्स हार्मोन की असामान्य मात्रा का उत्पादन करते हैं, छोटे अल्सर या लिक्विड से भरे थैलों के बनने की विशेषता है। अंडाशय में उन्हें अंडे जारी करने में असमर्थ बना देता है और परिणाम कुछ, असामान्य या बहुत लंबी अवधि में होता है। तनाव कम कर, धूम्रपान छोड़ने और स्वस्थ वजन और जीवन शैली बनाए रखने और बांझपन के चेतावनी संकेतों की पहचान करके बांझपन को रोका जा सकता है।
पुरुष बांझपन के लक्षण | Symptoms of Infertility in Hindi
भारत में सामाजिक मानसिकता में आमतौर पर देखा जाता है कि गलत धारणा या शर्मिंदगी के कारण पुरुष सेल्फ टेस्ट नहीं करते हैं। यही कारण है कि पुरुषों और महिलाओं को अपने शरीर के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। पुरुषों को इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज कराने में शर्म नहीं करनी चाहिए। इजेकुलेशन में कमी, कम सेक्स ड्राइव या इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे लक्षण सभी पुरुष बांझपन में योगदान कर सकते हैं। इसके अलावा, अंडकोश के क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ जैसी असामान्यताएं लक्षण हो सकते हैं।
पुरुष बांझपन को कैसे ठीक करें? | How to cure male infertility in Hindi
बिरला फर्टिलिटी एंड IVF, दिल्ली में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीनू वशिष्ठ आहूजा के मुताबिक, पुरुष बांझपन का कई तरीकों से इलाज किया जाता है। पुरुष बांझपन का उपचार आमतौर पर इसके कारण पर निर्भर करता है। पुरुष बांझपन का इलाज करने के लिए डॉक्टर टेस्टिकुलर स्पर्म एस्पिरेशन (TESA), परक्यूटेनियस एपिडिडीमल स्पर्म एस्पिरेशन (PESA), माइक्रोसर्जिकल टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन, वैरीकोसेल का इलाज, टेस्टिकुलर टिश्यू बायोप्सी, एंटी-बायोटिक उपचार, दवाएं, IVFऔर IUI का उपयोग कर सकते हैं।
प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं ? How to Increase Fertility in Hindi
डॉक्टर मीनू वशिष्ठ आहूजा के मुताबिक अपनी फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए सबसे पहले लाइफस्टाइल, डाइट और वजन का ध्यान रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त शराब का सेवन न करें, सिगरेट या दूसरी नशीली चीजों से दूर रहें, नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम करें, मेडिटेशन करें क्योंकि यह मन को शांत और तनाव को दूर रखता है, हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को अपनी डाइट में शामिल करें, दूध और दही आदि का सेवन करें, खुद को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें, फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स के अत्याधिक सेवन से बचें जैसे नियमों का पालन करना चाहिए।
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