Women Health: 40 साल के बाद महिलाएं न करें ये गलतियां, हर साल जरूर कराने चाहिए ये पांच टेस्ट

Compulsory Test for Women: महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद कई बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में महिलाओं को कुछ संभावित रोगों का टेस्ट हमेशा कराते रहना चाहिए। ये बीमारियां ऐसी हैं जो अक्सर महिलाओं को होती हैं। जानिए क्या हैं वह पांच टेस्ट को हर महिला को कराने हैं जरूरी।

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मुख्य बातें
  • सर्वाइकल कैंसर की जांच 40 के बाद जरूर कराएं
  • कैल्शियम और एनिमिया की जांच भी जरूरी है
  • ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराना भी बेहद जरूरी है

Compulsory Test for Women: महिलाओं में कुछ खास रोगों का खतरा बना रहता है। खास कर 40 की उम्र के बाद ये दिक्कत ज्यादा होती है। इसके बावजूद महिलाएं अधिकतर तब डॉक्टर के पास जाती हैं जब बीमारी से बुरी तरह परेशान हो जाती हैं। बीमारियों को सहने की गलती कई बार गंभीर बीमारियों का शिकार बना देती है। ऐसे में महिलाओं को कुछ टेस्ट हमेशा कराते रहना चाहिए। साथ ही उन्हें कुछ लक्ष्णों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

शरीर मेंरेड ब्लड सेल्स की कमी के कारण कई अंगों तक ऑक्सीजन नही पहुंच पाता है। इस कारण एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में एनीमिया की दिक्कत सबसे ज्यादा समस्या होती है। खानपान सही न होना, हैवी ब्लीडिंग आदि से महिलाओं में ये बीमारी ज्यादा होती है। एनिमिया की कमी से सांस फूलना, थकान, चिड़चिड़ापन, सिर में दर्द जैसी कई ऐसी समस्या होती हैं। एनीमिया का टेस्ट के लिए आपको ब्लड टेस्ट कराना होगा।

विटामिन डी का टेस्ट

विटामिन डी की कमी हड्डियों को कमजोर करने के साथ ही पीसीओएस का कारण बनता है। पीसीओेएस में ओवरीज़ में गाठें बनता है और यदि इस विटामिन डी की ज्यादा ही कमी हो जाए तो पेट में दर्द. मूड खराब रहना. वेट गेन. स्किन पर दाने निकलना, बांझपन आदि की दिक्कत आती है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां आसानी से टूटने का जोखिम होता है और मांसपेशियां भी कमजोर होती है, जिससे थकान बनी रहती है। इसकी जांच के लिए 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी ब्लड टेस्ट करवाना होता है।

कैल्शियम की कमी

कैल्शियम की कमी से हड्डियां भुरभरी होने लगती है और धीरे-धीरे हल्की चोट पर भी फ्रैक्चर हो जाता है। कैल्शियम कब शरीर से कम हो जाता है ये पता नहीं चलता है। इसलिए इसकी जांच करना भी जरूरी है।इसलिए ब्लड टेस्ट के जरिये जानें की कैल्शियम शरीर में कितना है। यदि खून में कैल्शियम 8.8 mg/dL तो इसका मतलब है कि कल्शियम कम है।

पैप स्मीयर टेस्ट

पैप स्मियर टेस्ट सरवाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए होता है। ये कैंसर महिलाओं को ही होता है। इसमें यूट्रेस से सर्विक्स सेल्स इकट्ठे किए जाते हैं और इनकी जांच की जाती है। पैप टेस्ट में एक लकड़ीनुमा चम्मच से सेल्स को इकट्ठा किया जाता है और इसे जांच क जाता है। ये टेस्ट 21 से 65 साल की महिलाओं को कराना चाहिए। पैप स्मियर टेस्ट सरकारी अस्पतालों में फ्री है।

ब्रेस्ट कैंसर टेस्ट

ब्रेस्ट कैंसर की जांच 20 की उम्र के बादसे करानी शुरू कर देनी चाहिए। 50 साल की उम्र तक इसकी जांच करना जरूरी है। ये फिजिकल वेरिफिकेशन होता है। इसमें ब्रेस्ट में गांठों का पता लगाया जाता है। डॉक्टर ये चेक कर लेते है कि ब्रेस्ट में गांठ तो नहीं है।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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शिवम पांडे author

शिवम् पांडे सिनेमा के आलावा राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों में खास रुचि है। पत्रकारिता में लगभग सात साल का अनुभव रखने वाले शिवम् पांडे बॉ...और देखें

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