Pregnancy Myths and facts: प्रेगनेंसी के दौरान इस फल को खाने से डार्क हो जाता है बच्चे का रंग? जानें सच्चाई

Pregnancy Myths and facts: गर्भवती महिलाएं अक्सर इस कंफ्यूजन में रहती हैं कि उनको किन चीजों को खाना चाहिए और किन का सेवन उनके बच्चे के रूप रंग के लिए नुकसानदाक हो सकता है। दूसरी ओर विशेषज्ञ कहते हैं कि खाने से बच्चे के रंग का कोई संबंध नहीं है।

Pregnancy Myths and facts: प्रेगनेंसी के दौरान इस फल को खाने से डार्क हो जाता है बच्चे का रंग? जानें सच्चाई
मुख्य बातें
  • प्रेग्‍नेंसी में काले जामुन खाने से क्या बच्चा भी हो सकता है डार्क?
  • गर्भवती महिला जामुन खाने को लेकर हमेशा रहती हैं कंफ्यूज
  • गर्भावस्‍था में जामुन खाना कितना सही हो सकता है
Pregnancy Myths and facts:कहते हैं कि गर्भवती महिला जो भी खाना खाती है। उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे के विकास और सेहत पर पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिला को हेल्दी और सुरक्षित फूड्स खाने की सलाह दी जाती है, जिससे गर्भस्थ शिशु के पोषण की जरूरतों को पूरा किया जा सके। वहीं आज भी भारत में कई बड़े बुजुर्ग अपने घर की गर्भवती महिलाओं को कुछ चीजों को खाने से मना करते हैं। उनका मानना है कि इनका सेवन करना होने वाले बच्चे के रंग को डार्क कर सकता है।

जामुन के फायदे

जामुन में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इस मौसमी और टेस्टी फल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जामुन में मौजूद इन गुणों के चलते भ्रूण के विकास में कई फायदे हो सकते हैं। इसमें विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम की मात्रा भरपूर होने की वजह से हड्डियों को मजबूती मिलती है और इम्यूनिटी लेवल भी बूस्ट होता है। इसके साथ ही एनीमिया जैसी बीमारी जो अक्सर गर्भावस्था और प्रसव के बाद जरूर देखने को मिलती है। इसमें भी जामुन खाना जादुई प्रभाव डाल सकता है।
क्या जामुन खाने से होने वाले बच्चे का रंग डार्क हो सकता है?
कई लोग कहते हैं कि गर्भावस्था में जामुन खाना बच्चे के रंग को डार्क कर सकता है। उनका मानना है कि इसे यदि गर्भवती महिलाएं अपनी डाइट में शामिल करती हैं तो उनके होने वाले बच्चे के होंठ काले पड़ सकते हैं, जिसकी वजह से कई होने वाली माताएं इसी बात को लेकर असमंजस में रहती हैं और जानना चाहती हैं कि गर्भावस्था में आखिर जामुन खा सकते हैं या नहीं? दरअसल, यह बातें ज्यादातर बूढ़े बुजुर्गों और गांव के लोगों के मुंह से ही सुनी गई हैं। हालांकि इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए इस तथ्य को एकदम सही ठहराया नहीं जा सकता है।
बच्चे के रंग से नहीं है संबंध
डायटीशियन मेधावी गौतम का कहना है कि जामुन के कलर का और बच्चे के कॉम्प्लेक्शन का कोई संबंध नहीं है। बच्चे का रंग माता-पिता के जींस पर निर्भर होता है। इसे कॉम्प्लेक्शन से जोड़ना मिथ्य है। जामुन एक बहुत ही अच्छा फल है। ये एक ऐसा फल है जो प्रेगनेंसी में देते हैं तो अच्छा रहता है। इसमें कैल्शियम होता है, विटामिन सी होता है। यह डाइजेशन को ठीक करता है। इससे इम्यूनिटी भी अच्छी होती है जिसकी गर्भवतियों को बेहद जरूरत होती है। इसके बहुत सारे हेल्थ बेनेफिट हैं।
(हेल्थ के लिए डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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