बच्‍चों में मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकते हैं फॉर्मूला मिल्क और फ‍िजी पेय पदार्थ, रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली बात

शिशुओं को शुरुआत में फॉर्मूला मिल्क और फ‍िजी (गैस मिश्रित) पेय पदार्थ देने से बचपन से ही शरीर में वसा के उच्च स्तर का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध में पाया गया कि जिन शिशुओं को कम से कम छह महीने या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराया गया था, उनमें नौ साल की उम्र तक शरीर में वसा का प्रतिशत उन लोगों की तुलना में कम था, जिन्हें छह महीने तक स्तन का दूध नहीं मिला था।

risk of obesity in children

शिशुओं को शुरुआत में फॉर्मूला मिल्क और फ‍िजी (गैस मिश्रित) पेय पदार्थ देने से बचपन से ही शरीर में वसा के उच्च स्तर का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध में पाया गया कि जिन शिशुओं को कम से कम छह महीने या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराया गया था, उनमें नौ साल की उम्र तक शरीर में वसा का प्रतिशत उन लोगों की तुलना में कम था, जिन्हें छह महीने तक स्तन का दूध नहीं मिला था।

अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडोअंसचुट्ज़ मेडिकल कैंपस की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला, जिन बच्चों को 18 महीने से पहले सोडा नहीं दिया गया था, उनमें भी नौ साल की उम्र में वसा का द्रव्यमान कम था। जर्मनी के हैम्बर्ग में यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) की चल रही वार्षिक बैठक में प्रस्तुत निष्कर्ष इस सिद्धांत का समर्थन करता है कि जिस तरह से बच्चे को बचपन में खिलाया जाता है, वह बाद में जीवन में मोटापे के प्रति उनकी संवेदनशीलता से जुड़ा हो सकता है।

विश्वविद्यालय की प्रमुख शोधकर्ता कैथरीन कोहेन ने कहा, शिशु के आहार पैटर्न, विशेष रूप से छोटी स्तनपान अवधि, शुरुआत में सोडा देना और उनके संयुक्त प्रभाव बचपन में ही शरीर में वसा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, अध्ययन इस कमजोर जीवन चरण के दौरान बच्चे को बिना किसी पोषण मूल्य वाला ऊर्जा-सघन पेय सोडा देने में देरी करने के संभावित महत्व का भी समर्थन करता है।

End Of Feed