Health Checkup : मौत के दरवाजे पर ले जाती हैं ये बीमारियां, एक्सपर्ट से जानिए बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं-पुरूषों को कौन से करवाने चाहिए मेडिकल टेस्ट
Medical Test after 40 years in hindi: एक उम्र में हमारे शरीर की काम करने की शक्ति धीमी होने लगती है, चाहे वह महिला हो या पुरुष। 40 के बाद पुरुषों और महिलाओं का शरीर विशेष रूप से कमजोर होने लगता है और इसलिए उन्हें इस उम्र में अपने शरीर की जांच जरूर करानी चाहिए।



Common Medical Tests: 40 के बाद महिलाओं को करवा लेने चाहिए ये 6 टेस्ट
Medical Test after 30- 40 years : 30 साल की उम्र के बाद सभी के कंधों पर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ जाता है। व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा से कार्य में वृद्धि होती है। आपको परिवार पर भी ध्यान देना होगा। इन सभी व्यवसायों में लोग अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, उस उम्र से ही लोगों को अपने शरीर की उचित देखभाल करनी चाहिए। हम अक्सर कहते हैं, "रोकथाम इलाज से बेहतर है।" लेकिन क्या हम वाकई इसका पालन करते हैं? क्या आप अपने शरीर पर ध्यान देते हैं? शरीर पर ध्यान देकर हम बढ़ती उम्र और गलत जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
तीस के दशक में मेडिकल जांच की क्या जरूरत है? - Why It Is Essential To Get Regular Health Checks In Your 30s
विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ जैसे हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और कैंसर उनके तीसवें दशक में सिर उठाने की आशंका होती है। खाने-पीने की आदतों में बदलाव, शरीर की उपेक्षा के कारण बीमारियों को न्योता दिया। सीनियर कंसल्टेंट डॉ विवेक पाल सिंह कहते हैं, "बीमारी के पीछे भागने की बजाय बीमारी की रोकथाम पर जोर होना चाहिए। समय पर और उचित निदान से बीमारी को रोका जा सकता है। इसके लिए डॉक्टरी जांच करानी चाहिए।" पहले हार्ट अटैक पचास के दशक में आते थे। लेकिन अब तीस के दशक में हार्ट अटैक युवा पीढ़ी के दिल को कमजोर कर रहा है।
कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए ? - What tests should you have in your 30s or 40s?
बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ विवेक पाल सिंह ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि आमतौर पर 40 वर्ष की उम्र में हमें कोई बीमारी नहीं होती है, लेकिन आजकल काफी यंग लोग जैसे 25 से 30 वर्ष की उम्र के लोगों को भी गंभीर मानसिक और शारीरिक बीमारी हो रही है। ऐसे में हर महिला और पुरूषों को कुछ बेसिक टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
आगे उन्होंने बताया कि कॉमन टेस्ट में CBC करवाना चाहिए, इससे पता चलता है किसी को कोई एनीमिया या खून की कमी तो नहीं है। किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट, चूंकि इससे संबंधित बीमारियां तभी निकलकर आती हैं जब यह एडवांस लेवल पर पहुंच चुकी होती हैं। इसके अलावा HbA1C, शुगर की तीन महीने की जांच; थयरॉइड फंक्शन, सामान्य तौर इसके लक्षण जाहिर नहीं होते हैं, जांच के माध्यम से ही पकड़ा जा सकता है। इसके बाद कुछ फिटनेस टेस्ट DMT टेस्ट (हार्ट से संबंधित टेस्ट) इसके अलावा यदि आपकी उम्र 40 पार है तो पुरूषों को प्रोस्टेट के लिए PSA का ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की जांच करवानी चाहिए।
40 की उम्र पार कराने चाहिए ये 4 Medical Test - These 4 medical tests should be done after the age of 40
वजन परीक्षण : मोटापे को मेडिकल भाषा में Obesity कहा जाता है। यह गलत जीवनशैली से होने वाली बीमारी है। भारत में मोटे लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मोटापा हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और अन्य बीमारियों को जन्म दे सकता है। प्रत्येक व्यक्ति का वजन कितना होना चाहिए यह उसकी लम्बाई पर निर्भर करता है। BMI (Body Mass Index) टेस्ट से इस बात की जानकारी मिलती है कि शरीर में कितना फैट है। डॉक्टरों का कहना है कि हाई बीएमआई सेहत के लिए खतरनाक है।
यूरिन टेस्ट : आजकल लोग पानी कम पीते हैं। सफर के दौरान पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करें। ऐसे ही कारणों से यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है। यूरिन टेस्ट में यूरिन इन्फेक्शन का पता चलता है। यूरिन टेस्ट मूत्र में प्रोटीन, शुगर और ब्लड की तलाश करता है। जो लोग सिगरेट के आदी होते हैं उन्हें ब्लैडर कैंसर होने का खतरा होता है। पेशाब में खून आना ब्लैडर कैंसर का लक्षण है। यह टेस्ट उसी के लिए किया जाता है।
किडनी फंक्शन टेस्ट : शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम किडनी करती है। लेकिन कुछ कारणों से किडनी फेल हो जाती है। इस टेस्ट में सीरम क्रिएटिनिन की जांच की जाती है। उच्च सीरम क्रिएटिनिन एक संकेत है कि गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं।
विटामिन डी टेस्ट : कोविड काल में वर्क फ्रॉम होम के चलते धूप में बाहर घूमना कम हो गया है। ऑफिस में हमेशा ऐसा ही होता है। इसलिए शरीर को जरूरी विटामिन-डी नहीं मिल पाता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। कई लोगों को 30-40 की उम्र में जोड़ों में दर्द होने लगता है। कमजोर हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम जरूरी है।
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