दुनियाभर में बच्चों के टीकाकरण में आई गिरावट, विश्व में 1 करोड़ से अधिक बच्चों नहीं लगे टीके, आई WHO की चेतावनी

Global Childhood Immunization Levels Stalled: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दुनिया भर में बच्चों के टीकाकरण में गिरावट आई है। इसको लेकर संगठन ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी जताई है। संगठन का कहना है कि यह बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

Global Childhood Immunization Levels Stalled

Global Childhood Immunization Levels Stalled

Global Childhood Immunization Levels Stalled: बच्चों में टीकाकरण को लेकर लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट आई है, जिसमें यह बताया गया कि वर्ष 2023 में वैश्विक बाल टीकाकरण रुक गया। रिपोर्ट में चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए हैं। वर्ष 2019 कोविड महामारी से पहले की तुलना में 2023 में 2.7 मिलियन बच्चे या तो वैक्सीन से वंछित रह गए या फिर उन्हें पर्याप्त वैक्सीन की डोज नहीं मिल पाई। ऐसे में बच्चों में कई गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है, जिसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन प्रमुख केट ओ'ब्रायन ने बताया कि वैक्सीन के मामले में हम पटरी से उतर गए हैं। वैश्विक टीकाकरण कवरेज अभी भी उस ऐतिहासिक गिरावट से पूरी तरह उबर नहीं पाया है जो हमने महामारी के दौरान देखी थी।

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बच्चों की जान पर पड़ रहा जोखिम

केट ओ'ब्रायन ने बताया कि वैक्सीन में आई गिरावट बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है। इससे कमजोर बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है। चिंता की बात यह है कि जिन बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ ऐसे बच्चों का आधी से अधिक आबादी 31 देशों में रहती है। ये ऐसे देश हैं जो सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में कमजोर हैं। ऐसे देशों में बच्चों को अनुवर्ती टीके न लग पाने की संभावना भी अधिक है। ऐसे में बच्चों के बीमार होन और जान-माल की हानि होने का अधिक खतरा है।

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बच्चों में बढ़ रहा खसरा

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस की मानें तो टीका न मिल पाने की वजह से बच्चों में खसरा की बीमारी लगातार बढ़ रही है। साल 2023 में, दुनिया भर में सिर्फ 83 प्रतिशत बच्चों को खसरे के टीके की पहली खुराक मिली, जो 2022 के समान स्तर पर है। लेकिन महामारी से पहले की बात करें तो यह यह 86 प्रतिशत कम है। सिर्फ 74 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दूसरी खुराक मिल सकी। जबकि बच्चों में खसरा को रोकने के लिए 95 प्रतिशत कवरेज वैक्सीन की कवरेज होना आवश्यक है।

ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर लगातार चिंताएं बढ़ रही हैं। अगर बच्चों को लगातार पर्याप्त वैक्सीन की डोज नहीं मिलती है, तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। वैक्सीन बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने और वायरल के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाती है। टीकाकरण में लगातार गिरावट बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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