Good News for Cancer Patients: कैंसर मरीजों के लिए खुशखबरी, इलाज में इस्तेमाल होने वाला सबसे दुर्लभ तत्व मशरूम से मिला

Good News for Cancer Patients: ​​गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेजर्ट इकोलॉजी द्वारा मशरूम में एक लाभकारी पदार्थ खोजने के लिए एक शोध में कच्छ यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा Astatine नामक एक बहुत ही दुर्लभ रेडियोधर्मी पदार्थ की खोज की गई।

Good News for Cancer Patients (Pic- Sidharth Pandya)

Good News for Cancer Patients: कच्छ यूनिवर्सिटी के गाइड और वैज्ञानिकों ने कच्छ से एक ऐसे रासायनिक पदार्थ की खोज की है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में इस्तेमाल होने वाली थैरेपी के साइड इफेक्ट को खत्म कर सकता है और कच्छ की ये खोज भविष्य में बिना साइड इफेक्ट के कैंसर के इलाज में काफी उपयोगी हो सकती है। गाइड संस्थान के निदेशक डॉ. वी विजयकुमार ने बताया कि साल 2017 से जब कच्छ में मशरूम की खेती शुरू हुई है, तब वैज्ञानिकों को इस कच्छ मशरूम में एक बहुत ही दुर्लभ Astatine पदार्थ मिला है, जो कैंसर के इलाज में बहुत उपयोगी हो सकता है।
गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेजर्ट इकोलॉजी द्वारा मशरूम में एक लाभकारी पदार्थ खोजने के लिए एक शोध में कच्छ यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा Astatine नामक एक बहुत ही दुर्लभ रेडियोधर्मी पदार्थ की खोज की गई। वैज्ञानिकों ने कच्छ से एक ऐसे रासायनिक तत्व की खोज की है, जिसे पृथ्वी पर सबसे दुर्लभ तत्वों में से एक माना जाता है और ये कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में इस्तेमाल होने वाली थेरेपी के दुष्प्रभावों को दूर कर सकता है। इस पदार्थ के प्रयोग से वर्तमान में अमेरिका जैसे देशों में कैंसर का इलाज हो रहा है और अन्य देशों की तरह इलाज के दुष्प्रभाव की तरह इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं।
साल 2017 में गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेजर्ट इकोलॉजी ने कच्छ की शुष्क जलवायु में मशरूम की खेती शुरू करके एक नई क्रांति पैदा की। पिंक ऑयस्टर मशरूम के बाद लैब में उगाई जाने वाली औषधीय मशरूम की प्रजाति कॉर्डिसेप्स को भी गाइड ने सफलतापूर्वक रोपा। इस मशरूम में पाए जाने वाले लाभकारी तत्वों को जानने के लिए गाइड द्वारा पिंक ऑयस्टर मशरूम पर संशोधन शुरू किया गया। हालांकि अनुसंधान के लिए जरूरी उपकरण नहीं होने के कारण इस मशरूम के नमूने कच्छ यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग को दिए गए।
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