मेडिकल साइंस का बड़ा चमत्कार! अब लैब में बनेगा आपके शरीर वाला खून
ब्रिटेन के वैज्ञानिको ने लैब में Blood तैयार किया है जिसे Lab Grown Blood कहा जा रहा है। यह मेडिकल साइंस का सबसे बड़े चमत्कार है।
मेडिकल साइंस में हुए सबसे बड़े चमत्कार। हमारे शरीर में बनने वाला ब्लड अब लैब में बनना शुरू हो गया है। अगर ये प्रयोग सफल हुआ तो दुनियाभर में लाखों लोगों को मरने से बचाया जा सकता है। क्या आपको पता है कि पूरी दुनिया में खून की कमी से हर साल 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। अगर इन लोगों को समय पर खून मिल जाए तो इन लोगों की मौत को रोका जा सकता है, इसलिए आपसे ये अपील की जाती है कि रक्त दान कीजिए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
इस गंभीर समस्या को देखते हुए ब्रिटेन के वैज्ञानिको ने लैब में Blood तैयार किया है जिसे Lab Grown Blood कहा जा रहा है। ब्रिटेन की कैम्ब्रिज और ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी सहित कई संस्थानों के वैज्ञानिक ने मिलकर इस Lab Grown Blood को तैयार किया है। लैब में तैयार ये Blood शरीर में कैसे काम करेगा, कितना असरदार है ये जानने के लिए इसका ट्रायल शुरू किया गया है।
पहले दौर के ट्रायल में 2 लोगों को 5 से 10 ml के बीच यानी 1 से 2 चम्मच की मात्रा में खून चढ़ाया गया है। लैब में बनाये गये खून के मौजूद Red Blood Cells शरीर में मौजूद Blood Cells की तुलना में कितने असरदार हैं इस पर वैज्ञानिकों की नजर रहेगी।
सबसे अच्छी बात ये है कि जिन दो लोगों को ये ब्लड चढ़ाया गया है उनमें अभी तक किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा है। दोनों लोग पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। इस ट्रायल के दूसरे फेज में 10 लोगों शामिल किया जाएगा जिन्हें अगले 4 महीने में 2 बार खून चढ़ाया जाएगा इसमें एक बार ऑरिजनल ब्लड यानी सामान्य ब्लड चढ़ाया जाएगा और दूसरी बार लैब में बना खून दिया जाएगा। अगर ये ट्रायल कामयाब रहता है तो ये मेडिकल साइंस की एक बहुत बड़ी खोज होगी।
आप में से बहुत से लोगों को मन में सवाल आ रहा होगा कि लैब में ब्लड कैसे बनाया जा सकता है हालांकि ये बहुत टैक्निकल विषय है लेकिन मैं आपको आसान भाषा में समझाता हूं। हमारे शरीर में Stem cells होते हैं जो Red Blood Cells बनाने में मदद करते हैं।
इस सिद्धांत को वैज्ञानिकों ने लैब में डेवलप किया है । लैब में भी Stem cells को तैयार किया गया है जिससे मदद से Red Blood Cells तैयार की गई हैं। इस पूरी प्रोसेस में करीब 21 दिन का समय लगता है और करीब 5 लाख Stem cells से करीब 5 हजा़र करोड़ Red Blood Cells बनाई जा सकती हैं।
ये फिलहाल एक बहुत महंगी और कठिन प्रोसेस हैं लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो इसे आसान बनाने में मदद मिल सकती है ठीक उसी तरह जब आज से 250 साल पहले, 1772 में लैब में ऑक्सीजन गैस को बनाया गया था। ये भी मेडिकल साइंस के लिए बहुत बड़ा क्रांतिकारी प्रयोग था ..कोरोना के टाइम में इसी ऑक्सीजन की सबसे ज़्यादा मांग थी।
सबसे ज्यादा Blood का इस्तेमाल किन लोगों को होता है ये भी जानना बहुत जरूरी है।
- 5 साल से छोटे बच्चों में खून की कमी से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। सिकल सेल डिजीज।
- ये एनीमिया की सबसे गंभीर कंडिशन है।
- इसमें बहुत से मरीज को बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है।
- अकेले भारत में इस बीमारी के करीब 15 लाख मरीज हैं। अब आप दुनिया के मरीजों का अंदाजा लगाइए।
- दूसरी बीमारी है थैलेसेमिया, ये भी बच्चों में पाई जाती है
- भारत मे करीब 1 लाख बच्चे इस बीमारी के मरीज हैं इसमें एक मरीज को औसतन 12 यूनिट ब्लड चढ़ाना पड़ता है।
- तीसरा है एक्सीडेंट...जिसमें इलाज के दौरान बहुत मरीजों की मौत खून की कमी से हो जाती है।
- एक आंकड़े के मुताबिक भारत में रोजाना करीब 12 हज़ार लोग की मौत खून की कमी से हो जाती हैं।
- इसमें इलाज के दौरान खून की कमी, सर्जरी के दौरान, गर्भवती महिलाओं के इलाज के दौरान खून की कमी सबसे ज्यादा होती है।
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