क्या होता है चांदीपुरा वायरस, लक्षण, बचाव, उपचार से लेकर जाने सभी महत्वपूर्ण बातें

Gujarat Chandipura Virus kya Hai,Chandipura Infection, Symptoms, Precautions, Treatment : गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाकों में एक वायरस ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। जिससे गुजरात के अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला सामने आ रहा है। आइए जानते हैं क्या है चांदीपुरा वायरस इसके लक्षण और बचाव के उपाय..

Symptoms of Chandipura virus

Symptoms of Chandipura virus

Gujarat Chandipura Virus kya Hai: गुजरात में हाल ही में एक नए वायरस के मामले सामने आए हैं। जिसने लोगों की चिंता को काफी बढ़ा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुजरात के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत भी इस वायरस के कारण हो गई है। इस वायरस के संक्रमण की बात करें तो यह वायरस तेजी से बच्चों को अपना शिकार बनाता है। इसका संक्रमण 15 साल से कम आयु के बच्चों में देखने को मिलता है। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में विस्तार से..

चांदीपुरा वायरस संक्रमण क्या है: What is Chandipura Virus Infection

चांदीपुरा वायरस के संक्रमण की बात करें तो यह एक RNA वायरस है। जो 15 साल से कम आयु के बच्चों पर अपना असर दिखाता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर मृत्यु दर 50 से 70 प्रतिशत तक होती है। वहीं इसके फैलने की बात करें तो मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी और एडीज मच्छर के काटने से फैलता है।

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चांदीपुरा वायरस के लक्षण क्या क्या हैं : Symptoms of Chandipura Virus

  • चांदीपुरा वायरस से संक्रमित होने पर आपको तेज बुखार हो सकता है।
  • इस वायरस के संक्रमण के कारण आपको उल्टी और दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
  • चांदीपुरा वायरस के संक्रमण के चलते आपको दिन भर थकान और कमजोरी फील होती है।
  • इसके अलावा इस वायरस के संक्रमण के कारण पेट दर्द, दौरे पड़ना, और दिमाग में सूजन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

चांदीपुरा वायरस के बचाव - how to prevent in Chandipura Virus

  1. चांदीपुरा वायरस के बचाव के लिए आपको सबसे पहले खुद का बचाव मक्खी और मच्छरों से करना चाहिए।
  2. इसके लिए आप घर से बाहर निकलते समय फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें।
  3. रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
  4. घर के खिड़की और दरवाजे को शाम होते ही बंद कर दें।

चांदीपुरा वायरस इन्फेक्शन: Chandipura Virus Infection

चांदीपुरा वायरस मच्छर और मक्खियों की लार में मौजूद होता है। जो इनके द्वारा लोगों में तेजी से फैलता है। इस वायरस के संक्रमण के चलते हमारे दिमाग में सूजन की समस्या हो सकती है। जो तेज बुखार और दर्द का कारण भी बनती है। गुजरात में तेजी से फैल रहे इस वायरस के सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए हैं। हालांकि राजस्थान में अभी इस वायरस के संक्रमण के मामले सामने नहीं आए है। उदयपुर के खेरवाड़ा ब्लॉक में सामने आए दो बच्चों के मामलों में संभावना है कि यह लोग अधिकतर समय गुजरात में रहते हैं।

कैसे पड़ा चांदीपुरा वायरस नाम?

इस वायरस का नाम चांदीपुरा होने के पीछे सामने आया पहला मामला है। जो महाराष्ट्र के नागपुर जिले के चांदीपुर गांव में साल 1966 में सामने आया था। जहां 15 साल तक की आयु के बहुत से बच्चे इसकी चपेट में आ गए थे। जिससे में बहुत से बच्चों की मौत भी इस संक्रमण के कारण हुई थी।

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गुलशन कुमार author

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