हाई ब्लड प्रेशर के कारण पड़ सकता है दिल का दौरा, एक्सपर्ट से जानिए हाइपरटेंशन का शरीर और सेहत पर क्या असर पड़ता है ?
High Blood Pressure Symptoms and Causes in Hindi: रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, उच्च रक्तचाप के आमतौर पर कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं, और बहुत से लोग इस बात से अनजान होते हैं कि उन्हें यह समस्या है। विशेषज्ञों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण तनाव और अनियंत्रित खान-पान है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर के कुछ कारण मोटापा-तनाव-नींद की कमी-अधिक गुस्सा-तैलीय खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन हैं।
Hypertension: हाइपरटेंशन होने पर मरीज को क्या करना चाहिए?
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टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत करते हुए उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद के इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट, डॉ. शाहिद शफी ने बताया कि हाइपरटेंशन या हाई ब्लड-प्रेशर की स्थिति तब पैदा होती है, जब नसों में बहने वाले रक्त का दाब लगातार बहुत ज्यादा बना रहता है। परिणामस्वरूप, हाई ब्लड-प्रेशर से हृदय को शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त भेजने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। हाइपरटेंशन को दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए बड़ा खतरा माना जाता है और यह दुनियाभर में समय से पहले अचानक होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय किशोरों में हाइपरटेंशन बम की तरह मौजूद है। यह भारत में बहुत बड़ी समस्या के रूप में फैल चुकी है। नेशनल हेल्थ पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय व्यस्कों में से 30 प्रतिशत को हाई ब्लड-प्रेशर की समस्या है। आइए देखते हैं कि हाइपरटेंशन से हमारा शरीर या सेहत किस तरह प्रभावित होते हैं :
सर्कुलेट्री सिस्टम- Circulatory System
जब रक्त बहने का दाब बढ़ जाता है, तो यह धमनियों की दीवारों को नष्ट करना शुरू कर देता है। रक्त के साथ बहने वाला बैड कोलेस्ट्रोल धमनी की दीवार में टीयर्स के साथ खुद को जोड़ना शुरू कर देता है। धीरे-धीरे दीवारों पर बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रोल जमा हो जाता है, जिससे धमनी संकरी हो जाती है।
जब धमनी में रुकावट के कारण रक्त की उचित मात्रा इसमें बह नहीं पाती, तो इससे ऊत्तक (Tissue) या उस अंग को नुकसान पहुंचता है, जहां इस रक्त को पहुंचना था। दिल के मामले में इसका परिणाम दिल की अनियमित धड़कन, सीने में दर्द या दिल के दौरे के रूप में सामने आ सकता है।
अंतत:, ज्यादा काम से बायें निलय (Ventricle) का आकार बढ़ सकता है। दिल के इस हिस्से से ही शरीर को रक्त भेजा जाता है। इस हिस्से का आकार बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। हार्ट फेल की स्थिति तब होती है, जब हाई ब्लड-प्रेशर, ज्यादा मेहनत या पिछले दिल के दौरे के कारण दिल को नुकसान पहुंच चुका होता है और यह इतना कमजोर हो जाता है कि शरीर में प्रभावी रूप से रक्त भेजने में सक्षम नहीं रह जाता।
हाई ब्लड-प्रेशर के कारण नष्ट हो रही धमनी में उभार पैदा हो सकता है। इसे धमनी विस्फार (Aneurysm) कहा जाता है। यदि आपकी किसी बड़ी धमनी में यह बना, तो इसका फटना जानलेवा साबित हो सकता है। यह शरीर में किसी भी स्थान पर हो सकता है।
नर्वस सिस्टम - Nervous system
समय के साथ, हाई ब्लड-प्रेशर का परिणाम डिमेंशिया और कॉग्निटिव डिक्लाइन यानी भूलने की बीमारी और संज्ञान क्षमता में कमी के रूप में सामने आ सकता है। हाई ब्लड-प्रेशर से जो नुकसान दिल की रक्त-वाहिनियों और धमनियों को पहुंचता है, वही मस्तिष्क की धमनियों में भी हो सकता है। जब मस्तिष्क को पहुंचने वाले रक्त में बड़ी रुकावट पैदा हो जाती है, तो इसे स्ट्रोक कहा जाता है।
स्केलेटल सिस्टम - Skeletal System
हाई ब्लड-प्रेशर के कारण हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में मूत्र के साथ शरीर से कैल्शियम की ज्यादा मात्रा बाहर जाने लगती है। मीनोपॉज की स्थिति में पहुंच चुकी महिलाओं में इसका ज्यादा खतरा होता है। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर कर देता है, जिससे फ्रैक्चर आसानी से हो सकता है और हड्डी जल्दी टूट सकती है।
रेस्पिरेट्री सिस्टम - Respiratory System
मस्तिष्क और हृदय की भांति, फेफड़ों में भी धमनियों को नुकसान पहुंच सकता है और इनमें रुकावट पैदा हो सकती है। जब फेफेड़ों तक रक्त ले जाने वाली धमनी में रुकावट पैदा होती है, तो इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहा जाता है। यह बहुत गंभीर स्थिति होती है, जिसमें तत्काल डॉक्टर की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में फेफड़ों में धमनी विस्फार (Aneurysm) हो सकता है।
रिप्रोडक्टिव सिस्टम - Reproductive System
उत्तेजना के दौरान जनन अंग रक्त के अतिरिक्त प्रवाह का उपयोग करते हैं। पेनिस या वेजिना तक जाने वाली रक्त-वाहिनियों में, हाई ब्लड-प्रेशर के कारण रुकावट होने से यौन अक्षमता पैदा हो सकती है। पुरुषों को इरेक्शन में परेशानी हो सकती है, जबकि महिलाओं को उत्तेजना और आनंद में कमी और वेजिना में सूखापन महसूस हो सकता है।
यूरिनरी सिस्टम - Urinary System
हाई ब्लड-प्रेशर से किडनी तक जाने वाली बड़ी और किडनी के भीतर मौजूद छोटी रक्त-वाहिनियों को भी नुकसान पहुंच सकता है। समय के साथ, इस नुकसान के कारण किडनी ठीक ढंग से काम नहीं कर पातीं। इसे किडनी के रोग कहा जाता है और अंत में किडनी फेल भी हो सकती है।
डॉ. शाहिद का कहना है कि हाइपरटेंशन के कारण शरीर को लंबे समय तक थोड़ा-थोड़ा नुकसान पहुंचता रहता है, जिसके लक्षणों का भी पता नहीं चलता। हाई ब्लड-प्रेशर एक शांत रोग की भांति है, जिसके गंभीर परिणाम होते हैं। इसकी गंभीरता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि यह स्ट्रोक समेत कॉर्डियोवैस्कुलर रोगों का बड़ा कारण है। इससे निपटने का सर्वश्रेष्ठ तरीका रोकथाम है, खासकर बचपन में। स्वस्थ आदतों को अपनाना महत्वपूर्ण है, जैसे - नियमित रूप से व्यायाम और शुगर, नमक और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले फैट्स की कम मात्रा वाला भोजन लेना। आपको समय-समय पर ब्लड-प्रेशर की जांच भी करानी चाहिए और इसकी जानकारी रखनी चाहिए।
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