HIGH BP: ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण गर्मी के मौसम में जा सकती है आंखो की रोशनी, एक्सपर्ट से जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है। यह बीमारी इंसानों को धीरे-धीरे मौत के किनारे ले जाती है। लोगों को हाई ब्लड के लक्षणों के बारे में जानकारी है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण आंखों की रोशनी जा सकती है ? EyeQ के चीफ मेडिकल डॉयरेक्टर डॉक्टर अजय शर्मा से जानिए कैसे ब्लड प्रेशर से आंखों को सुरक्षित रखा जा सकता है-

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High Blood Pressure: क्या हाई ब्लड प्रेशर से आंखों की रोशनी में समस्या हो सकती है?

Relationship Between High Blood Pressure and Eye Health: हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के लक्षण दिखने से पहले ही शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। उच्च रक्तचाप जिसे नियंत्रित नहीं किया जाता है, वह अक्षमता का कारण बन सकता है और आंखों को रक्त की आपूर्ति करने वाली छोटी, नाजुक ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।

उच्च रक्तचाप रेटिना में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जो आंख के पीछे स्थित होता है और जहां पिक्चर को केंद्रित किया जाता है। इसे हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी कहा जाता है। यदि उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो परिणाम गंभीर, यहां तक कि घातक भी हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर आपकी आंखों को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है।

रेटिना (रेटिनोपैथी) में ब्लड वेसेल्स को नुकसान - Damage to blood vessels in the retina (High BP Retinopathy)

EyeQ के मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ. अजय शर्मा ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि आंख (रेटिना) के पीछे प्रकाश-संवेदनशील टिश्यू में ब्लड वेसेल्स को नुकसान से ब्लीडिंग, धुंधली दृष्टि और दृष्टि का नुकसान हो सकता है। रेटिना में रक्त के प्रवाह की कमी से धुंधली दृष्टि या पूर्ण अंधापन हो जाता है। रक्तचाप का प्रबंधन भी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपैथी के इलाज का एकमात्र तरीका है।

रेटिना के नीचे लिक्विड का इकट्ठा होने आंखो की रोशनी को नुकसान हो सकता है। ऑप्टिक नर्व को नुकसान तब होता है जब ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है, जिसके परिणामस्वरूप आंखों की आधी आया पूरी रोशनी जा सकती है।

स्ट्रोक और आंखों पर प्रभाव - Stroke and Eye Effects

डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर न सिर्फ आंखो पर प्रभाव डालता है बल्कि यह आपके स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है। जो ऑप्टिक नर्व को खराब कर सकता है या इमेज प्रोसेसिंग के लिए जिम्मेदार ब्रेन एरिया को डैमज कर सकता है, जिससे पिक्चर बनने में कठिनाई महसूस होती है।

हाई ब्लड प्रेशर आंखो को कैसे प्रभावित करता है ? - How does high blood pressure affect the eyes?

हाई ब्लड प्रेशर को 140mmHg से अधिक सिस्टोलिक दबाव या 90mmHg से अधिक डायस्टोलिक दबाव को कहा जाता है। अधिकांश ओकुलर असामान्यताएं 160mmHg से अधिक सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर से जुड़ी होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर शरीर के उन सभी अंगों को प्रभावित करता है जिनमें छोटी रक्त वाहिकाएं होती हैं, जैसे कि रेटिना और गुर्दे। चूंकि छोटी ब्लड वेसेल्स का हाई ब्लड प्रेशर से अधिक नुकसान होता है। आर्टरीज का सिकुड़ना उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपैथी की विशेषता है, यही कारण है कि हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी के कुछ मामलों में रोगियों को डिस्चार्ज का अनुभव हो सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी लक्षण - Hypertensive Retinopathy Symptoms

डॉ. शर्मा के अनुसार असिम्प्टमेटिक हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी आमतौर पर नियमित रूप से कराई जा रही आंखो की जांच के माध्यम से पता लगाया जा सकता है। सिरदर्द और धुंधली दृष्टि अधिक गंभीर और फ्रीक्वेंट हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा रेटिनोपैथी के लक्षणों में आंखो में सूजन, पुराना सिरदर्द, डबल इमेज, ब्लड वेसेल्स का फटना, आंखो से कम दिखाई देना आदि शामिल है।

उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपैथी के लिए उपचार क्या है? - What is the treatment for hypertensive retinopathy?

डॉ. अजय शर्मा के मुताबिक उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपैथी का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें। एक स्वस्थ जीवन शैली जिसमें कम नमक, नियमित व्यायाम और ध्यान शामिल है, उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, यदि आप एलोपैथी उपचार लेना चाहते हैं, तो ऐसे डॉक्टर से संपर्क करना सबसे अच्छा है, जो कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, बीटा-ब्लॉकर्स, एंजियोटेंसिन-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARB), ACE इनहिबिटर, थियाजाइड डाइयूरेटिक्स जैसी दवाएं लिख सकता है।

अध्ययनों से पता चला है कि सामान्य, वयस्क गैर-मधुमेह आबादी के लगभग 10% में हल्के हाई ब्लड प्रेशर वाले रेटिनोपैथी के लक्षण अक्सर देखे जाते हैं। उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपैथी के लक्षण अन्य एंड ऑर्गन डैमेज (End Organ Damage) (जैसे लेफ्ट वेंट्रिकुलर ह्य्पेर्ट्रोफी और किडनी फेल्योर) से भी जुड़े होते हैं और भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर मृत्यु दर का संकेतक हो सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी के साथ कई स्वास्थ्य कारक जुड़े हुए हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि किसी भी आंख की समस्या के होने से पहले मेडिकल कंडीशन का उपचार किया जाये।

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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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