Respiratory Problems: हेल्दी लंग्स के लिए आजमाएं ये घरेलू तरीके, भाप से लेकर अदरक तक - आसान कर देंगे सांस लेना

Home Remedies for Respiratory Problems and healthy lungs: हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर सबसे ज्यादा असर लंग्स या फेफड़ों पर पड़ता है। ऐसे तो लंग्स के पास खुद को साफ करने की प्राकृतिक क्षमता होती है लेकिन कुछ चीजों के जरिए आपकी इनकी सेहत और सुधार कर सांस संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं।

Respiratory Problems: हेल्दी लंग्स के लिए आजमाएं ये घरेलू तरीके, भाप से लेकर अदरक तक - आसान कर देंगे सांस लेना

Home Remedies for Respiratory Problems and healthy lungs: सांस लेने में तकलीफ महसूस करते हैं? अक्सर खांसी की शिकायत रहती है? या फिर पहले से अस्थमा जैसी कोई श्वास की बीमारी से पीड़ित हैं? तो आपके लिए ये जानना और भी जरूरी है कि, आज ही अपने फेफड़ों की हिफाजत शुरू करना कितना महत्वपूर्ण है। इसी के साथ एक और बात समझना आवश्यक है कि, त्योहारों के साथ पटाखों का धुआं, गाड़ियों के साथ प्रदूषण और धूम्रपान जैसी आदत के साथ बीमारियों का आना लगभग तय ही होता है। लेकिन गौरतलब है कि इनके साथ दो और चीजों का आना लगभग तय है, जिसमें से एक है दूषित वातावरण और दूसरा आपके फेफड़ों पर पड़ने वाला भयानक प्रभाव।

अब इन समस्याओं को तो एकदम से खत्म नहीं किया जा सकता। लेकिन इनके फेफड़ों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कुछ हद तक ठीक जरूर किया जा सकता है। ठीक करने से अगर आप सोच रहे हैं कि, यहां किसी तरह के महंगे इलाज की बात हो रही है। तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं, बता दें कि आप घर पर बैठे बैठे भी बिना किसी दवा के उपयोग के अपने फेफड़ों को तंदुरुस्त बना सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको बस ये आसान सी घरेलू टिप्स फॉलो करनी पड़ेगी।

Home Remedies for Healthy Lungs

  1. स्टीम या भाप लें – गर्म पानी की भाप लेने से न केवल आपकी नाक साफ होती है और सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है। बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव आपके लंग्स पर भी पड़ता है। जब आप सिर ढककर मुंह या नाक से स्टीम को अंदर लेते हैं, तो इससे आपके शरीर में जमा बलगम पिघलता है और बाहर निकल जाता है। जिसके बाद आप सांस लेने में काफी अच्छा और खुला-खुला महसूस होगा।
  2. ग्रीन टी – एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी वजन कम करने और हेल्थ मेंटेन करने में तो असरदार है ही। साथ ही साथ ये फेफड़ों की सूजन को भी कम करती है। हरी चाय में मौजूद तत्व फेफड़ों के टिश्यू को धुएं से होने वाले बुरे असर से भी बचाते हैं। सांस लेने में या फेफड़ों से संबंधित कोई भी दिक्कत हो, तो कोशिश करें की आप दिन में कम से कम 2 कप ग्रीन टी का सेवन करें।
  3. बलगम गलाएं – आपको सांस संबंधित दिक्कतें तब ही शुरू होती है। जब शरीर के किसी अंग या नली में बलगम/म्यूकस के जम जाने के कारण किसी तरह का ब्लॉकेज हो जाता है। इसलिए समस्या के उपचार के तौर पर आपको उसे गलाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा 'पोस्टुरल ड्रेनेज' की तकनीक के माध्यम से किया जा सकता है। जिसमें आप पीठ के बल, करवट लेकर या फिर पेट के बल लेटकर कुछ क्रियाओं के माध्यम से अपनी श्वास को नियंत्रित करके बलगम गला सकते हैं। इससे आपको सांस लेने में आसानी भी होगी और लंग इंफेक्शन से बचाव तथा उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।
  4. एक्सरसाइज – ऐसा क्या है जो योग, व्यायाम, मेडिटेशन के बल पर ठीक नहीं किया जा सकता है। बता दें कि नियमित रूप से कसरत करने से शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याएं आसानी से दूर की जा सकती हैं। दौड़ना, साइकलिंग करना, पैदल चलना या कोई और फिजिकल एक्टिविटी करने से फेफड़ों में जमी गंदगी दूर हो सकती है। क्योंकि जब आप कोई ऐसा काम करने लगते हैं, तो ब्रीदिंग तेज हो जाती है। और इस कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन का शरीर के हर अंग में तेजी से संचार होता है। इससे शरीर का कार्बन डाइऑक्साइड भी जल्दी घटता है।
  5. एंटी इंफ्लेमेटरी आहार – फेफड़ों में सूजन के कारण सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिस वजह से आपको अक्सर छाती में भारीपन और कुछ फसा हुआ सा महसूस हो सकता है। ऐसे में इन चीजों का सेवन मदद कर सकता है। हल्दी, हरी सब्जियां, चेरी, ब्लूबेरी, ऑलिव, अखरोट, बीन्स, दालें।
  6. डेयरी उत्पादों से दूरी – अगर आप अपने लंग्स को डिटॉक्स करना चाहते हैं। तो दूध, दही, पनीर, चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स से कुछ दिन की दूरी बनालें।
  7. नींबू पानी – वेट लॉस से लेकर लंग डिटॉक्स तक नींबू हर जगह कमाल कर सकता है। ऐसा करने के लिए आपको केवल एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाना है और सुबह उठकर उसे खाली पेट पी लेना है। आप इसके साथ साथ गाजर, पाइनएप्पल या क्रेनबेरी का जूस भी पी सकते हैं।
  8. अदरक – शरीर के ब्लॉकेज, टॉक्सिन्स और श्वास नली में क्लॉगिंग को हटाने के लिए अदरक का सेवन भी रामबाण माना जाता है। आप अदरक वाली चाय, अदरक पाउडर, अदरक का पानी या कच्ची अदरक का एक छोटा टुकड़ा भी खा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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