मोबाइल चलाने वाले सावधान! ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों को कर रहा बीमार? हाल ही में सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
आज टेक्नोलॉजी के युग में स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल सभी आयु वर्ग के लोग भरपूर करते हैं। इन डिवाइस से बच्चों से लेकर बड़ों तक कोई अछूता नहीं है। लेकिन क्या आप जानते है कि लगातार बढ़ता स्क्रीन टाइम बच्चों की हेल्थ पर काफी बुरा असर डाल रहा है। आइए जानते हैं क्या है खबर?
Screen Time Usage for Children :आज तकनीक के युग में बच्चे पढ़ाई लिखाई से लेकर खेलने तक मोबाइल, टैबलेट्स और कंप्यूटर आदि डिजिटल डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं। वह इन डिवाइस के साथ बहुत सारा समय बिताते हैं। जो उन्हें पढ़ाई लिखाई के साथ मनोरंजन के कई मौके उपलब्ध कराते हैं। लेकिन हाल ही में जारी एक हेल्थ रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बच्चों का लगातार बढ़ता स्क्रीन टाइम उनकी सेहत के लिए बहुत घातक साबित हो रहा है। अध्ययन के आंकड़े बताते हैं कि इससे न केवल उनके मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बहुत गहरा असर पड़ रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है रिपोर्ट?
क्या कहती है रिपोर्ट?
हाल में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो बच्चे स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताते हैं, उनकी नींद अन्य बच्चों की तुलना में काफी कम हो जाती है। जिसका सीधा असर उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिससे वह कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो बच्चों को ऐसी लाइफस्टाइल समस्याओं से बचाने के लिए आपको उनके स्क्रीन टाइम को कम करने की जरूरत है।
कैसे होता है सेहत को नुकसान?
स्क्रीन टाइम बढ़ने से आपकी सेहत को नुकसान होने के पीछे जो कारण है, आज हम उसे विस्तार से बताने जा रहे हैं। दरअसल जब आप स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) के सामने बैठते हैं, तो यह आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को बाधित करती है। जो हमारी नींद के लिए जिम्मेदार हार्मोन है। इसके साथ ही लगातार स्क्रीन के सामने बैठे बच्चे फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पाते हैं, जिससे उनकी शारीरिक क्षमता कमजोर होती चली जाती है।
कैसे कम करें बच्चों का स्क्रीन टाइम?
- बच्चों के डिवाइस यूज के समय को फिक्स करें, और इसकी शुरुआत पहले खुद से करें।
- बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के प्रति प्रोत्साहित करें, खुद भी उनके साथ खेलें।
- बच्चों को जंक फूड से दूर रखें उन्हें हेल्दी खाने के लिए प्रेरित करें।
- बच्चों के सोने और जागने के समय को तय करें और देखें कि वह कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- बच्चों को सुलाने से पहले उन्हें प्रेरणादायी प्रसंग और कहानियां सुनाएं, जिससे वह सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
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पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयो...और देखें
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