Pregnancy Tips: गर्भवती महिलाओं को कैसे बैठना चाहिए? जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर
Sitting Positions To Avoid During Pregnancy In Hindi: अगर आपको गर्भावस्था के दौरान पीठ या पेल्विक दर्द है तो उठने और बैठने जैसी साधारण चीजें भी मुश्किल लग सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को किसी भी पोजीशन में बैठने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। गलत तरीके से बैठने से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है। यहां बताया गया है कि अपने जोड़ों की सुरक्षा के लिए गर्भावस्था के दौरान आराम से कैसे बैठना चाहिए।
Pregnancy Care Tips: प्रेग्नेंसी के दौरान बैठने का सही तरीका क्या होना चाहिए?
Pregnancy Care Tips: प्रेग्नेंट होना एक महिला के लिए बेहद जरूरी होता है। उसके गर्भ में एक नए जीवन का जन्म होता है। इसलिए वह खुद के साथ-साथ बच्चे की भी देखभाल करना चाहती है। इसलिए उन्हें अपना लगातार ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस और थकान बहुत आम मानी जाती है । हर गर्भवती महिला इस दर्द को कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाती है। साथ ही उसकी हर हरकत पर पैनी नजर रखने वाली घर की बुजुर्ग महिलाएं उसका ज्यादा ख्याल रख रही हैं।
बढ़े हुए पेट के कारण महिलाओं को 9 महीने के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक करवट सोने का सुख छोड़ना पड़ता है। साथ ही, उसे बैठने में भी तकलीफ होती है। इतना ही नहीं उसके साथ कार भी धीरे-धीरे चलानी होती है।
ग्लैम्यो हेल्थ (Glamyo Health) के मेडिकल डायरेक्टरेट डॉ वरुण कौल ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि गर्भवती महिलाओं को बैठने के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। इससे भविष्य में प्रसव में अधिक कठिनाई नहीं आती है। प्रसव आसान है। गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाएं छोटी-छोटी गलतियां कर देती हैं। इस वजह से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज हम ऐसी ही एक महत्वपूर्ण बात पर चर्चा करने जा रहे हैं। गर्भवती महिला को कैसे बैठना चाहिए?
स्थिर मत बैठो
गर्भवती महिलाओं को ठीक से बैठने पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें वैसे ही बैठना चाहिए जैसे सहज महसूस करती हैं। अगर मुश्किल से बैठती हैं तो कमर दर्द, पैरों में सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने से बचें। अक्सर डॉक्टर के केबिन के बाहर इंतजार करते हुए कुछ देर के लिए उठना बैठना चाहिए। सोनोग्राफी के दौरान स्थिर न बैठें। ऐसा करने से शरीर में घातक समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही गर्भावस्था के दौरान बैठते समय पेट के निचले हिस्से को सीधा रखें। सावधान रहें कि कुछ भी न छुएं और पेट को झटका न लगे।
कुर्सी कैसी होनी चाहिए?
सबसे पहले, वह चुनें जो गर्भावस्था के दौरान बैठने के लिए आरामदायक हो। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए आरामदायक कुर्सी हमेशा उपयोग के लिए अच्छी मानी जाती है। क्योंकि इससे शरीर के सभी अंगों को सहारा मिलता है। इससे मांसपेशियां रिलैक्स रहती हैं। ऐसी आरामदायक कुर्सी पर पीठ को झुकाकर बैठ जाएं। ताकि कंधों को आराम मिले। यह पीठ और कमर को भी सपोर्ट करता है। जिससे उनका दर्द कम हो जाता है।
बैलेंस बॉल
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान फिट रहना चाहती हैं तो इसके लिए आप बैलेंस बॉल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। बैलेंस बॉल सुरक्षित और आरामदायक दोनों है। जिससे आपके पेट को भी सपोर्ट मिलता है। इसलिए बैलेंस बॉल का इस्तेमाल करें।
पेट के लिए तकिए
बढ़े हुए पेट के साथ लगातार सोना संभव नहीं है। इसलिए ज्यादातर महिलाओं को स्थिर बैठना आसान लगता है। अगर आप भी बिना सोए आराम महसूस करना चाहते हैं तो पेट को सहारा देने वाले तकिए भी बाजार में उपलब्ध हैं। आप इन तकियों के इस्तेमाल से पेट को सहारा दे सकते हैं।
झुके हुए कंधों के साथ बैठने से बचें
यह गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के कारण होता है। और महिलाएं झुक कर चलने और बैठने लगती हैं। लेकिन इससे आपकी गर्दन और कंधों में दर्द होने लगता है इसलिए बैठते समय हमेशा सीधे बैठें। सीधे बैठने के लिए पेट को किसी चीज से सहारा दें और सीधे बैठ जाएं।
पालथी मारकर बैठना
कई महिलाओं को पालथी मारकर बैठने की आदत होती है। जब आप कुर्सी पर हों तो झुकना बंद करें। क्योंकि इस तरह आपके पूरे शरीर का भार आपके एक कूल्हे पर होता है। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए पैरों को क्रॉस करके बैठने से बचें।
इस तरह न बैठें
गर्भावस्था के दौरान लेगरूम को बिस्तर, कार, कुर्सी या झूले पर न छोड़ें। इससे आपके पैरों में सारा खून जमा हो जाता है और पैरों में झुनझुनी का दर्द, पैरों में सूजन होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान इसे नजरअंदाज करने से डिलीवरी के बाद भी पैरों में सूजन आ सकती है। उसकी पीड़ा बाद में भी महसूस होती है। बिना स्पेस लेग के इसकी जगह हमेशा कुर्सी का इस्तेमाल करें। अपने पैरों के नीचे एक स्टूल या बिस्तर पर रखें। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान आप बैठकर कुछ योग कर सकते हैं। जिससे आपको आसानी से बच्चे को जन्म देने में मदद मिलेगी।
सुखासन
- गर्भावस्था के दौरान रीढ़ की हड्डी को कठोर रखना असंभव है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप सरल और आसान सुखासन का अभ्यास कर सकते हैं।
- एक योगा मैट या ऐसा कपड़ा लें जिससे आपको बैठने में कोई परेशानी न हो। उस पर अपनी गोद में बैठो।
- गर्दन, रीढ़ की हड्डी और पीठ सीधी रखें। कहीं बेंच मत आने देना।
- हाथों को दोनों घुटनों के ऊपर ध्यान मुद्रा में रखें।
- इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें और अपने कंधों को आराम दें।
- सांस लेने की प्रक्रिया को जारी रखते हुए अपनी सांस पर ध्यान दें।
- अपनी क्षमता के अनुसार आराम से बैठ जाएं। इसके बाद आंखें खोलकर किसी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं।
तितली योग
- तितली योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर एक चटाई बिछाकर उस पर बैठ जाएं।
- अब दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और पैरों के तलवों को आपस में मिला लें।
- इसके बाद दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें और दोनों पैरों को उनकी मदद से पकड़ लें।
- इसके बाद पैरों की एड़ियों को जितना हो सके शरीर के करीब लाने की कोशिश करें।
- दोनों घुटनों से जमीन को छूने की कोशिश करें। इन सभी प्रक्रियाओं को करते समय अपनी सांस को रोककर न रखें। कमर सीधी रखें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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