भुजंगासन करने की विधि और फायदे, माइग्रेन, अस्थमा जैसी बीमारियों से दिलाता है निजात
Bhujangasan Benefits: भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना हुआ है। भुजंग का अर्थ होता है सांप (कोबरा) और आसन का मतलब मुद्रा। इसलिए इस आसन को अंग्रेजी भाषा में कोबरा पोज भी कहा जाता है। यह व्यक्ति को तनाव से मुक्ति दिलाने के साथ कई बीमारों से निजात दिलाता है।
भुजंगासन
- भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को बनाता है मजबूत।
- यह कब्ज की समस्या को करता है दूर।
- गर्भावस्था के दौरान महिलाएं इस आसन को करने की गलती ना करें।
Cobra Pose Bhujangasan: हर इंसान एक ऐसी जिंदगी जीने की चाह रखता है जो तनावमुक्त हो और मन को शांति देने वाला हो। हालांकि परिस्थितियों को टाला नहीं जा सकता है लेकिन योग के द्वारा उनका सामना जरूर किया जा सकता है। ऐसी परिस्थितियों से लड़ने में मदद करता है भुजंगासन। यह ना केवल व्यक्ति को तनाव से मुक्ति दिलाता है बल्कि कई बीमारियों से निजात भी दिलाता है। भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना हुआ है। भुजंग का अर्थ होता है सांप (कोबरा) और आसन का मतलब मुद्रा। इसलिए इस आसन को अंग्रेजी भाषा में कोबरा पोज भी कहा जाता है।
भुजंगासन योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। यह ना केवल तनाव से मुक्ति और शरीर को लचीलापन बनाता है बल्कि इस आसन के स्वास्थ्य संबंधी भी अनगिनत लाभ हैं। किसी समतल और साफ स्थान पर एक कंबल या चटाई बिछा लीजिए। उसके बाद पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक दूसरे से मिलाते हुए बिल्कुल सीधा रखें। इस आसन में आपको अपनी पूरी बॉडी को मोड़कर पीछे की ओर ले जाना होता है और बैक साइड से पीछे की ओर पैरों के अंगूठे को जमीन से टच कराना होता है।
बाजुओं को कंधे के सामानंतर रखें
माथे को सामने की ओर उठाएं और दोनों बाजुओं को कंधे के सामानांतर रखें, जिससे शरीर का भार कंधे के बाजुओं पर पड़े। शरीर के आगे के हिस्से को हाथ के सहारे उठाएं। इसके बाद शरीर को स्ट्रेच करें और लंबी सांस लें । फिर गर्दन को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान आंखे ऊपर की ओर होनी चाहिए। आपको बता दें यह योग तब सही अवस्था में होगा जब आप शरीर के ऊपर का भाग यानी सिर, गर्दन और सीना सांप के फन की तरह ऊंचा उठाएंगे। इसलिए इस आशन को भुजंगासन कहा जाता है।
रीढ़ की हड्डी को बनाता है मजबूत
इस योग को करने से रीढ़, बाजू और कमर में खिंचाव आता है। इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। साथ ही हाथ और कमर को भी मजबूती मिलती। यदि आप रीढ़ की हड्डी, कंधे में दर्द से परेशान हैं तो इस योग को जरूर करें। ऐसा करने से आप 4 से 5 दिन में इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक
भुजंगासन अस्थमा के रोगियों के लिए किसी दवाई से कम नहीं हैं। यह शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है तथा सांस संबंधी बीमारियों से जल्द ही निजात दिलाता है। यदि आप इस योग को प्रतिदिन करते हैं तो आपको इस बीमारी से बहुत जल्द राहत मिलेगी। साथ ही इस योग को नियमित रूप से करने पर आप स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
पाचन तंत्र को बनाता है मजबूत
इस योग को करने से पेट पर अधिक बल पड़ता है। इससे पाचनतंत्र मजबूत होता है। यदि आप पेट संबंधी किसी बीमारी से परेशान हैं तो रोजाना आप इस मुद्रा को अवश्य करें। इससे आप जल्द इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
तनाव से मुक्ति
भुजंगासन तनाव से मुक्ती दिलाने में बेहद मददगार है। इस मुद्रा को नियमित तौर पर करने से आप तनाव जैसी गंभीर समस्याओं को कम कर सकते हैं। तनाव से मुक्ती दिलाने में यह सबसे कारगार उपाय है।
माइग्रेन की समस्या को करता है दूर
इस योग को नियमित तौर पर करने से आपको माइग्रेन की समस्या से जल्द राहत मिल सकती है। यह सर की नसों को खोलता है और नसों में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है। यदि आप सिर दर्द, गर्दन में दर्द आदि समस्याओं से परेशान हैं तो इस योग को प्रतिदिन करें।
थाइराइड
थाइराइड एवं पैराथाइरॉइड की समस्या से बचने के लिए और इससे राहत पाने के लिए इस आसन को नियमित तौर पर करें। यह थाइराइ एवं पैराथाइरॉइड की ग्रंथियों को सक्रिय करने में मददगार साबित होता है।
अवश्य ध्यान रखें ये बातें
इस आसन को करते वक्त व्यक्ति इस बात का विशेष धयान रखें। गर्भवती महिलाएं हार्निया और अलसर से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को गलती से भी ना करें। अन्यथा यह आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
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