आयुर्वेद के अनुसार कैसे करना चाहिए कॉफी का सेवन? 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते कॉफी पीने का सही तरीका, एक्सपर्ट से जानें किन बातों का रखें ध्यान
How To Drink Coffee As Per Ayurveda: बहुत से लोग सुबह उठते हैं और फ्रेश होने के तुरंत बाद सीधा 1 कप कॉफी पीते हैं। लेकिन इस तरह कॉफी पीने से से बहुत से लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इसके अलावा, भी लोग कई तरह से कॉफी का सेवन करते हैं, जिससे उनकी सेहत को नुकसान पहुंचता है। यहां जानें आयुर्वेद के अनुसार आपको कॉफी कैसे पीनी चाहिए।

How To Drink Coffee As Per Ayurveda
How To Drink Coffee As Per Ayurveda: हम में से ज्यादातर लोग सुबह चाय-कॉफी के बिना अपने दिन की शुरुआत नहीं करते हैं। हम भारतीयों के यह पसंदीदा मॉर्निंग ड्रिंक्स में से एक है। बहुत से लोगों को चाय पीने के बाद कुछ पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, ऐसे में लोग कॉफी का सेवन अधिक करते हैं। वहीं, कुछ लोगों को चाय की तुलना में कॉफी पीना अधिक पसंद होता है। कॉफी का अगर सीमित मात्रा में और सही तरीके से सेवन किया जाए, तो यह सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने और कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इसका हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि हम में से ज्यादातर लोग कॉफी का गलत तरीके से सेवन करते हैं। आयुर्वेद मे कॉफी के सेवन को लेकर कुछ नियम हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो इन नियमों का पालन करते हैं। गलत तरीके से कॉफी का सेवन सेहत को फायदे के बजाए नुकसान पहुंचा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र ने सोशल मीडिया पर कॉफी पीने से जुड़े कुछ आयुर्वेदिक नियम शेयर किए हैं। आयुर्वेदिक तरीके से कॉफी पीने से सेहत कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, बल्कि सेहत को कई फायदे मिलते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार कॉफी कैसे पीनी चाहिए - How To Drink Coffee As Per Ayurveda In Hindi
आयुर्वेद के अनुसार कॉफी मुख्य रूप से एक सूखा और कड़वा कसैला ड्रिंक है। यह तासीर में गर्म होती है। अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, जब आप गलत तरीके से या अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो इससे शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का संतुलन बिगड़ता है। यह शरीर में वात और पित्त दोनों दोषों को बढ़ा देती है। ऐसे में आपको कॉफी का सेवन करते समय इन नियमों का पालन करना चाहिए,
खाली पेट पीने से बचें
कॉफी स्टिमुलेटिंग और गर्म होती है, जब आप खाली पेट इका सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में पित्त बढ़ता है। साथ ही, सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याएं होती हैं। इसलिए कोशिश करें कि इसका सेवन हमेशा नाश्ते के बाद करें।
कॉफी के साथ इलायची लें
जब आप इलायची के साथ कॉफी के साथ सेवन करते हैं, तो यह शरीर में वातनाशक है, यह वात और पित्त दोष दोनों के संतुलन को बनाए रखती है।
कॉफी में घी मिलाएं
अगर आप घी से परहेज करते हैं तो 1 चम्मच नारियल तेल भी मिला सकते हैं। इससे कॉफी की ड्राइनेस कम होती है और गर्मी कम हो जाती है।
शरीर की प्रकृति के अनुसार ऐसे करें कॉफी का सेवन
कफ प्रकृति
इन लोगों के लिए एक कप ब्लैक कॉफी का सेवन काफी लाभकारी माना जाता है। यह कफ प्रकृति वाले लोगों में शरीर की भारी और तैली प्रकृति को शांत करती है।
वात प्रकृति
ऐसे लोगों के लिए कॉफी में इलायची या मिश्री मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। साथ ही, क्रीम वाला दूध भी मिलाएं। इस तरह सेवन करने से कॉफी के वात बढ़ाने वाले गुण संतुलित होते हैं। लेकिन दिन में 1 बार से अधिक पीने से बचें।
पित्त प्रकृति
डिकैफ या कोल्ड कॉफी को गर्म और स्टिमुलेटिंग माना जाता है। यह पत्त प्रकृति वाले लोगों के लिए ठीक नहीं है। ऐसे में बेहतर है कि इस प्रकृति के लोग शतावरी जैसी एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटियों वाला हर्बल काढ़ा पिएं।
इन बातों का रखें खास ध्यान
ऊपर बताए गए नियमों के अनुसार कॉफी का सेवन बहुत से लोगों को पसंद नहीं आ सकता है। साथ ही, कुछ लोगों को इस तरह सेवन करने से भी कुछ लक्षण नोटिस हो सकते हैं। इसलिए कॉफी पीने के बाद सचेत रहें। अगर कॉफी पीने के बाद आपको घबराहट या एंग्जायटी जैसी स्थितियां नोटिस होती हैं, तो कॉफी पीने से बचें।
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