फलों का भरपूर लाभ लेना है तो गांठ बांध लें आयुर्वेद के ये नियम, 90 प्रतिशत लोग करते हैं गलत तरीके से सेवन - एक्सपर्ट से जानें खाने का सही तरीका

Ayurvedic Rules Of Having Fruits: फलों का सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है, लेकिन सिर्फ तभी जब आप इनका सेवन सही तरीके से करते हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती हैं, ज्यादातर लोग फलों का सेवन गलत तरीके से करते हैं, जिससे उनकी सेहत को फायदे के बजाए नुकसान पहुंचता है।

Ayurvedic Rules Of Having Fruits

Ayurvedic Rules Of Having Fruits

Ayurvedic Rules Of Having Fruits: तपती-जलती गर्मी में खाने-पीने का मन बिल्कुल भी नहीं करता है। ऐसे में लोग खाने से ज्यादा फलों का सेवन करना पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फलों में भरपूर मात्रा में पोषण होता है और ये पानी से भी भरपूर होते हैं। इनमें शरीर के लिए लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोगों को फल खाने के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करती हैं। इनमें पाचन संबंधी और त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे एलर्जी आदि अधिक देखने को मिलती हैं। बहुत से लोग अक्सर ये शिकायत भी करते हैं कि वे नियमित फलों का सेवन तो करते हैं, लेकिन उन्हें शरीर में न तो चुस्ती-फुर्ती महसूस होती है और न ही उन्हें इसका कोई लाभ मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों है? तो आपको बता दें ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर लोग गलत तरीके से फलों का सेवन करते हैं। आयुर्वेद में फलों के सेवन को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, लेकिन आज के समय में फल खाते समय ज्यादातर लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं। यही कारण है कि लोगों को फल खाने से भी कोई लाभ नहीं मिलता है, बल्कि कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। फिटनेस इन्फ्लूएंसर डॉ. दीक्षा भावसार ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में फल खाने से जुड़े आयुर्वेद के कुछ नियम शेयर किए हैं, इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

आयुर्वेद के अनुसार क्या हैं फल खाने के नियम - Ayurvedic Rules Of Eating Fruits In Hindiआयुर्वेद हमेशा ताजे और पके हुए फल खाने की सलाह देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बहुत हल्के होते हैं और बहुत आसानी से पच जाते हैं। यह अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत हल्के होते हैं। लेकिन जब भारी भोजन के साथ या बाद में फलों का सेवन करते हैं, तो यह पेट में तब तक रहता है, जब तक कि भारी भोजन पेट में न पच जाए। अब इस स्थिति में यह हमारे पेट में लंबे समय तक रहते हैं और हमारे पेट में मौजूद पाचक रस इन्हें बहुत अधिक पका देते हैं। ऐसे में फल फर्मंटेड होना शुरू हो जाते हैं, जैसे धूप में पके हुए फलों की एक बाल्टी रखी हो।

आयुर्वेद में पेट में पकी हुई इस किण्वित गंदगी को "अमा" या अनुचित रूप से पचने वाले फूड टॉक्सिन्स के रूप में जाना जाता है। यह नम, अम्लीय अपशिष्ट हमारे पाचन तंत्र में जमा हो जाते हैं। इनकी वजह से हमारी पाचन क्रिया प्रभावित होती है। ये हमारे पाचन रस रिलीज करने और पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे अपच, फूड सेंसिटिविटी और आंत में सूजन आदि जैसी समस्याएं होती हैं। अगर इस तरह की समस्याओं से बचना है या फल खाने के भरपूर लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो इन नियमों का पालन करें..

  • फलों को हमेशा अकेले खाना एक अच्छा विचार है, भोजन के साथ या बाद में इनका सेवन करने से बचें।
  • भोजन से 1 घंटा पहले या 2 घंटे बाद फलों का सेवन करें।
  • भोजन के तुरंत पहले, साथ या बाद में कभी भी फल न खाएं।
  • फलों का सेवन कभी भी दूध या दही के साथ न करें (शेक और स्मूदी के रूप में)। हालांकि, पौधे आधारित दूध का सेवन कर सकते हैं।
  • रस के बजाए हमेशा साबुत फल खाएं। फलों का रस तभी पियें जब आपका पाचन खराब हो, ठीक से चबा न सकें या कमजोरी हो।
  • देर रात या दिन में फल खाने से बचें।

अगर दूध के साथ फल मिक्स करते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

  • दूध को केवल शुद्ध मीठे और पके फलों के साथ ही मिलाना चाहिए।
  • पके हुए मीठे आम को दूध के साथ मिलाया जा सकता है।
  • एवोकाडो को दूध के साथ मिलाया जा सकता है (यह मलाईदार, मक्खन जैसा और थोड़ा कसैला होता है)।
  • सूखे मेवे जैसे किशमिश, खजूर और अंजीर को दूध के साथ लिया जा सकता है।
  • सभी तरह की बेरीज (जामुन, स्ट्रॉबेरी आदि) को दूध के साथ मिलाने से बचें। जब हम दूध के साथ इनका सेवन करते हैं, तो दूध तुरंत नहीं फटता है। लेकिन पेट में जाने के बाद यह शुरुआती पाचन के बाद फट जाएगा।
  • केले भले ही वे मीठे होते हैं, लेकिन दूध के साथ सेवन करने और पाचन के बाद इनका प्रभाव खट्टा होता है। इसलिए दोनों को एक साथ नहीं लेना चाहिए।
अगर आप भी फलों का सेंवन गलत तरीके से करते हैं, तो आज से ही अपनी आदतों में सुधार कर लें। आयुर्वेद के बताए इन नियमों का पालन करें और स्वस्थ रहें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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