हार्ट अटैक आने पर क्या करें? इस आसान तकनीक को सीख कर तुरंत बचा सकते हैं अपनों की जान

How to help in heart attack: अचानक हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एकदम ठीक व्यक्ति यूं ही मौत के आगोश में चला जाता है। लेकिन आप ऐसे किसी व्यक्ति की मदद कर जान बचा सकते हैं। जानें कैसे।

How to help in heart attack: बीते दिनों न केवल बुर्जुगों में बल्कि युवाओं में भी अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण, मौत हो जाने के कई मामले सामने आए हैं। इसमें सबसे डरावनी बात ये है कि किसी तरह के लक्षण या बीमारी से ग्रसित होने के बिना ही, लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। और लगातार देश में ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हर साल केवल भारत में करीब 2 लाख 40 हजार लोग हार्ट अटैक का शिकार होके, अपनी जान खो देते हैं।
अब ऐसे में ये समझना जरूरी है कि, अगर आपके आसपास में किसी को दिल का दौरा पड़े तो आप उसकी तुरंत सहायता कैसे कर सकते हैं। क्योंकि अगर हार्ट अटैक आने के चंद मिनटों के अंदर सही कदम नहीं उठाए, तो सामने वाले की मौत होना निश्चित है। अक्सर हम सुनते हैं कि अस्पताल या डॉक्टर के पास ले जाते समय मरीज का निधन हो गया। ऐसी स्थिति में बचाव के लिए बीमारी की गंभीरता, लक्षण और इलाज की तकनीक को सीखना अति आवश्यक है।
लक्षण पहचानें
किसी भी बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि, आपको बीमारी के बारे में उसके लक्षणों के बारे में पता हो। हार्ट अटैक की स्थिति में सीने में जकड़न, बेचैनी, सांसों में तेजी, चक्कर के साथ पसीना आना, पल्स गिरना और मितली आना मुख्य शुरुआती लक्षण माने जाते हैं।
What is CPR, सीपीआर की तकनीक से बच सकती है जान
हार्ट अटैक वाले मरीज को तुरंत सीपीआर की तकनीक का सहारा लेकर, मौत के घाट उतरने से बचाया जा सकता है। सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आप सिर्फ अपने हाथों का एक निर्धारित तरीके से इस्तेमाल करके मरीज को अस्पताल पहुंचाने के रास्ते में जिंदा रख सकते हैं।
CPR Technique: इस तरह दें मरीज को सीपीआर
हार्ट अटैक आने पर मरीज की पल्स और सांस धीरे धीरे कम और बंद होनी शुरू हो जाती है। और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन चालू रखने के लिए सीपीआर देना जरूरी है। इन स्टेप्स को फॉलो करके आप मरीज को सीपीआर दे सकते हैं –
  • पेशंट को पीट के बल सीधा लिटाएं
  • उसके सिर के नीचे से किसी भी प्रकार तकिया या सपोर्ट हटा दें।
  • मरीज क आरामदायक स्थिति में लिटाने के बाद, अगर हो तो एक एस्प्रिन की टैबलेट चूसने को दें। इससे ब्लड क्लॉटिंग रुकती है, और मृत्यु दर 15 प्रतिशत कम होता है।
  • एस्प्रिन न हो तो देरी न करें, तुरंत अपनी दोनों हथेलियों को एक के ऊपर एक रखे। उंगलियों को आपस में बांध लें।
  • अपनी कोहनियों को बिल्कुल सीधा रखें।
  • अपनी हथेलियों को मरीज के सीने के बीचों बीच रखें और कम्प्रेशन दें। अपनी हथेलियों को बार बार तेजी से ऊपर नीचे करते वक्त आपको मरीज की छाती पर इतना जोर लगाना है कि, चेस्ट वॉल लगभग 2.5 इंच तक अंदर जाए।
  • प्रति मिनट आपको ऐसा करीब 100 से 120 बार करना होगा। ताकि दिल और दिमाग दोनों खून मिल सके।
Mouth to Mouth Technique: माउथ टू माउथ सांस देने का भी है विकल्प
सीपीआर की तकनीक के साथ साथ आप हार्ट अटैक वाले मरीज को माउथ टू माउथ सांस भी दे सकते हैं। हालांकि कई बार लोग ऐसा करने में झिझकते हैं, लेकिन अगर आप किसी को माउथ माउथ सांस देना चाहें। तो भी मरीज की जान बच सकती है। ऐसा करने के लिए आपको तीस बार कम्प्रेशन देने के बाद दो बार माउथ टू माउथ रेस्पिरेशन भी दे सकते हैं। आपको मरीज की नाक को उंगलियों से दबाकर रखना है और अपने मुंह से कृत्रिम सांस देनी है। ऐसा करने से आपकी सांसे तुरंत मरीज के फेफड़ों तक जाएगी। आपको ऐसा करने के लिए एक लंबी सांस लेकर मरीज के मुंह में बिना बाहर निकालते हुए देनी है।
दोनों ही विकल्पों को अपनाकर आप मरीज की जान बचा सकते हैं। हालांकि ये समझना भी जरूरी है कि इन दोनों प्रक्रियाओं के साथ आपको तुरंत एंबुलेंस या डॉक्टर को बुलाना भी जरूरी है।
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