इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजर अंदाज, हो सकती है कैल्शियम की कमी

कैल्शियम की कमी को मेडिकल की भाषा में हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है। ब्लड टेस्ट से आसानी से कैल्शियम डिफिशियंसी का पता लगता है। जानिए इसके कारण और लक्षण

Calcium-Defeciency

Calcium Defeciency

मुख्य बातें
  • कैल्शियम की कमी को मेडिकल भाषा में हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं।
  • कैल्शियम की कमी से पूरा दिन थकान, शरीर में दर्द होने की शिकायत
  • शरीर में फ्रैक्चर होने की संभावनाएं रहती है अधिक

Calcium Deficiency Symptoms and Disease: स्वस्थ, निरोगी काया पाने के लिए बहुत सारी चीजें जरूरी होती हैं। कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की निर्धारित मात्रा के बिना आपका शरीर ठीक तरह से काम नहीं कर पाएगा। बहुत लोगों में कैल्शियम की कमी पाई जाती है। जिसके होने से आपके दांत, हड्डियां, दिल, नसों और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। पोषण की सही मात्रा में आपूर्ति न होने की वजह से आपके शरीर में कई तरह के विकार विकसित होने का खतरा भी रहता है।

कैल्शियम की कमी को मेडिकल भाषा में हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं। आप ब्लड टेस्ट करके आसानी से कैल्शियम डिफिशिएंसी का पता लगा सकते हैं। बता दें कि बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए हर रोज 500-700 मिलीग्राम, युवाओं के लिए 700-1000 मिलीग्राम, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए 1000-1200 मिलीग्राम, तथा दूध पिलाने वाली महिलाओं के शरीर को हर रोज करीब 2000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।

कैल्शियम की कमी के लक्षण

अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है तो आपको पूरा दिन थकान, शरीर में दर्द होने की शिकायत हो सकती है। साथ ही इस कमी के कारण आपकी जांघो और मांसपेशियों में दर्द, सूजन और ऐंठन भी हो सकती है। इससे बोन मिनरल डेंसिटी कम हो जाती है यानी हड्डियां कमजोर हो जाती है। जिस वजह से आपके शरीर में फ्रैक्चर होने की संभावनाएं अधिक हो जाती है।

आपके शरीर में होने वाली हर चीज का संबंध कहीं न कहीं आपके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ होता है। इसी प्रकार कैल्शियम की डिफिशिएंसी होने की वजह से आपकी याददाश्त में कमी देखी जा सकती है। शरीर बहुत आसानी से सुन्न पड़ने लगता है। हाथ – पैरों में झुनझुनाहट या दांतों में दर्द कमजोरी लगती है। तो बहुत संभावना है कि आपको कैल्शियम की कमी हो। त्वचा का रूखापन, कमजोर नाखून भी इस तरह की कमी के लक्षण हो सकते हैं।

हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

रिकेट्स

बच्चों द्वारा जब कैल्शियम का कम सेवन किया जाता है। तो ऐसी स्थिति में हड्डियां नरम और कमजोर पड़ जाती है। जिससे बोन लेग डिफॉर्मिटी या फिर नॉक नी डिफॉर्मिटी जैसी समस्याएं हो जाती हैं। आसानी शब्दों में इससे बच्चों के पैरों की आकृति टेढ़ी मेढ़ी हो जाती है, और जीवन भर के लिए बच्चों को चलने फिरने में दिक्कत हो सकती है। ऐसा विटामिन और फास्फोरस की कमी के कारण हो सकता है।

मांसपेशियों की समस्या

कैल्शियम की कमी का सबसे ज्यादा असर आपकी हड्डियों और मांसपेशियों पर देखने को मिलता है। कैल्शियम की कमी में आपको अक्सर शरीर में दर्द, ऐंठन, शरीर सुन्न पड़ जाना, बहुत अत्यधिक थकान जैसी समस्या पैदा हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपको चक्कर, आलस, ऊर्जा की कमी भी महसूस हो सकती है।

मानसिक बीमारियां

शरीर में कैल्शियम जैसे पोषक तत्व की कमी के कारण आपकी याददाश्त में कमी, ध्यान की कमी, भम्र होने जैसी तथा अनिद्रा की समस्याएं भी बहुत हद तक बढ़ सकती है। मानसिक स्वास्थ्य पर इस तरह की क्षति पहुंचने की वजह से कई बार आप डिप्रेशन, एंजाइटी से भी ग्रस्त हो सकते हैं। जिस वजह से आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सीधा नकारात्मक असर पड़ता है।

त्वचा और बालों की समस्या

पूरे शरीर के लिए ही कैल्शियम का न्यूट्रिशन बहुत महत्वपूर्ण रहता है। बिना इसके आपके शरीर को अपने आप क्षति पहुंचने लगेगी। आपकी त्वचा रूखी, दानेदार हो सकती है। आपके नाखून कमजोर होकर आसानी से टूट सकते हैं तथा बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।

पीरियड्स से पहले की समस्याएं

पीरियड्स वाली महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण कई गंभीर प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की शिकायत हो सकती है। कैल्शियम की कमी से आपके मूड और द्रव के फ्लो पर भी असर पड़ता है।

दांतों की समस्या

बॉडी में कैल्शियम की कमी से दांतों में सड़न, मसूड़ों में सूजन, खून आना, कमजोर जड़ों जैसी दिक्कत का रिस्क सबसे ज्यादा रहता है। छोटे बच्चों में इस तरह की कमी के कारण दांतों के विकास में बहुत बाधा आती है।

इन फूड्स से दूर हो सकती है कैल्शियम की कमी

  • शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, दही, चीज, ब्रोकली और टोफू शामिल करने से सबसे बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • तिल में भी करीब 88 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जिसे आप सलाद, खाने या किसी सूप में डालकर खा सकते हैं।
  • जीरे वाला पानी पीने और बादाम खाने से भी लाभ हो सकता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां साथ ही बीन्स, भिड़ीं, फलियां खाना भी फायदेमंद है। साथ ही फल जैसे संतरा, पपीता भी खा सकते हैं।नॉन वेज खाने वाले लोग सी फूड खा सकते हैं।
सैल्मन, टूना, मैकेरल, सार्डिन फिश का सेवन कर सकते हैं। जो कैल्शियम का एक बहुत अच्छा सोर्स मानी जाती हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited