टीबी की जांच के लिए ICMR ने ढूंढ निकाला आसान तरीका, महज 35 रुपये के खर्च के साथ ढाई घंटे में हो जाएगा टेस्ट

ICMR Has Developed An Easy Way To Test TB: टीबी की जांच के लिए लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक नई तकनीक का विकास किया है। यह तकनीक बहुत ही किफायती है और इससे बहुत कम समय में टीबी का पता लगाया जा सकता है। यहां जानें यह तकनीक कैसे काम करती है।

ICMR Has Developed An Easy Way To Test TB

ICMR Has Developed An Easy Way To Test TB

ICMR Has Developed An Easy Way To Test TB: टीबी एक खतरनाक बीमारी है, दो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। टीबी के कई प्रकार है। इसका सबसे आम प्रकार फेफड़ों की टीबी है। हालांकि, यह शरीर के अन्य अंगों में भी हो सकती है। इसके प्रकार के आधार पर इलाज भी अलग होता है। आपको बता दें कि अगर स्थिति गंभीर हो जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति की जान भी जा सकती है। अच्छी बात यह है कि अगर समय रहते इस खतरनाक बीमारी का अगर पता चल जाता है, तो यह पूरी तरह से इलाज योग्य है। लेकिन टीबी के टेस्ट काफी महंगा होता है और इसमें काफी समय भी लगता है। लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अब टेस्ट को किफायती बनाने और जल्दी जांच के लिए एक नई तकनीक का विकास किया है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस तकनीक की मदद से महज 35 रुपये के खर्च में ढाई घंटों के भीतर टीबी की जांच की जा सकेगी। इस लेख में इस तकनीक के बारे में विस्तार से जानें।

जांच में अभी लगता है डेढ़ महीने का समय

आपको बता दें कि टीबी जांच का प्रक्रिया काफी लंबी होती है। आमतौर पर इसकी जांच में डेढ़ महीने तक का समय लगता है। लेकिन अब आईसीएमआर की नई तकनीक की मदद से एक ही बार लगभग 1500 से ज्यादा सैंपल की जांच हो सकेगी। सिर्फ इतना ही नहीं, कुछ घंटों को भीतर जांच के परिणाम भी सामने आ जाएंगे।

सरल है जांच का ये नया तरीका

आईसीएमआर द्वारा विकसित टीबी की यह नई जांच तकनीक बहुत सी सरल है। आपको बता दें कि इसमें तीन चरणों में टेस्ट होता है। इस तकनीक को क्रिस्पर केस बेस्ड टीबी डिटेक्शन सिस्टम कहा जा रहा है। यह जांच का एक हल्का और पोर्टेबल तरीका है।
लेकिन वर्तमान में टीबी की जांच के लिए माइक्रोस्कोपी और न्यूक्लिक एसिड आधारित तरीकों का प्रयोग किया जाता है। इस तरीके से टीबी की जांच में समय काफी अधिक लगता है। साथ ही, इस प्रक्रिया में जांच के लिए अच्छे उपकरणों की आवश्यकता होती है।

संगठनों को किया आमंत्रित

आईसीएमआर ने तकनीक को सुलभ बनाने और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए निर्माताओं, कंपनियों और संगठनों को आमंत्रण दिया है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस का पता लगाने के लिए 'क्रिस्पर केस बेस्ड टीबी डिटेक्शन सिस्टम' के व्यावसायीकरण के लिए सभी को आगे ने की आवश्यकता है। आईसीएमआर ने इसके लिए सभी चरणों में मार्गदर्शन और तकनीकी मदद प्रदान करने की भी बात कही है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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