ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने के लिए भारत में तैयार किया गया ब्रह्मास्त्र, जानें क्या है ये नई तकनीक इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल और कहां हुआ आविष्कार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का आंकड़ा कहता है कि साल 2022 में स्तन कैंसर की वजह से दुनियाभर में करीब 7 लाख जानें गईं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए आईआईटी गुवाहाटी (IIT-Guwahati) ने हाइड्रोजेल तकनीक विकसित की है। जिससे इस जानलेवा रोग का पक्का इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर से निपटने वाली ये हाइड्रोजेल तकनीक क्या है?

hydrogel for breast cancer treatment

हर साल ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा लाखों में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का आंकड़ा कहता है कि साल 2022 में स्तन कैंसर की वजह से दुनियाभर में 6 लाख 70 हजार जानें गईं। स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है। अब इसके इलाज में एक कदम और बढ़ाया है आईआईटी गुवाहाटी (IIT-Guwahati) ने। आईआईटी गुवाहाटी में एक इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल विकसित किया है, ये कैंसर की दवाओं को स्थिर रूप में स्टोर रखता है और जरूरत के हिसाब से धीरे-धीरे शरीर में छोड़ता है। आइए समझते इसके बारे में।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

स्तन कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें असामान्य स्तन की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। अगर इसे ऐसे ही अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो ट्यूमर पूरे शरीर में फैल सकता है और जानलेवा हो सकता है। इसका सबसे शुरुआती रूप जीवन के लिए खतरा नहीं है, जब ये बढ़ जाता है तो आक्रामक हो जाता है और आस-पास के अन्य अंगों तक फैल सकता है। इसे मेटास्टेसिस कहते हैं, ये जानलेवा हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज व्यक्ति, कैंसर के प्रकार और उसके फैलाव पर आधारित होता है। कैंसर के दोबारा होने की आशंका को कम करने के लिए डॉक्टर कई और उपचार भी करते हैं। जैसे स्तन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी, और आस-पास के टिश्यू में फिर कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए रेडिएशन और कैंसर सेल्स को मारने और बढ़ने से रोकने के लिए दवाएं, जिनमें हार्मोनल थेरेपी और कीमोथेरेपी शामिल हैं।

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